यौन उत्पीड़न: पहचान, क्या करें और किससे मदद लें

यौन उत्पीड़न किसी के जीवन पर गहरा असर डालता है, फिर वह ऑफिस में हो, सार्वजनिक जगह पर या ऑनलाइन। अगर आपको या आपके किसी परिचित को ऐसा कुछ हुआ है तो शांत रहना मुश्किल होता है, पर कुछ सरल और प्रभावी कदम हैं जो तुरन्त मदद कर सकते हैं।

पहचान आसान रखें: अनचाहे टैच, बार-बार आपत्तिजनक बातें, अश्लील मैसेज/फोटो, काम पर अवांछित प्रस्ताव या किसी को अपमानित करने वाला व्यवहार—यह सब यौन उत्पीड़न की श्रेणी में आता है। ऑनलाइन स्टॉकिंग, बिना अनुमति की तस्वीरें शेयर करना और बार-बार फॉलो करना भी शामिल है।

जल्दी क्या करें (फौरन कदम)

पहला काम अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। अगर खतरा हो तो तुरंत पास के सुरक्षित स्थान पर जाएँ और भरोसेमंद व्यक्ति से संपर्क करें। जीवन पर खतरा हो तो 112 कॉल करें या स्थानीय पुलिस को सूचित करें। महिलाओं के लिए 181 भी उपलब्ध है।

सबूत बचाएँ: मैसेज, ईमेल, स्क्रीनशॉट, रिकॉर्डिंग, किसी का नाम और घटना का समय नोट कर लें। अगर कपड़े फट गए या चोट लगी हो तो चिकित्सा रिपोर्ट (Medico-Legal Report) ज़रूरी हो सकती है—अस्पताल जाकर जांच करवा लें।

शिकायत कैसे दर्ज करें और कानूनी मदद

ऑफिस में: अगर घटना कार्यस्थल पर हुई है तो POSH (Prevention of Sexual Harassment) एक्ट के तहत संस्था में बने Binnen Complaints Committee (ICC) या Internal Complaints Committee में लिखित शिकायत दें। अपने अधिकार के बारे में HR से बात करें और यदि ICC निष्पक्ष न लगे तो बाहर की मदद लें।

जब सार्वजनिक या गंभीर अपराध हो: पुलिस में FIR दर्ज कराएं। यदि पुलिस अनिच्छुक हो तो राज्य महिला आयोग या नेशनल कमीशन फॉर वुमन से संपर्क किया जा सकता है। कानूनी सलाह के लिए किसी महिला सहायता संगठन या वकील से मिलें। कई NGO मुफ्त सलाह देते हैं और केस में मदद करते हैं।

मानसिक सहारा जरूरी है: यौन उत्पीड़न के बाद घबराहट, नींद न आना और डिप्रेशन आम हैं। किसी भरोसेमंद दोस्त या परिवार से बात करें। अगर आवश्यक लगे तो काउंसलर या थेरपिस्ट से संपर्क करें—कई गैर-सरकारी संगठन मुफ्त काउंसलिंग देते हैं।

छोटी-छोटी सावधानियाँ: सार्वजनिक यात्रा में साथी के साथ रहें, अनजान लोगों को व्यक्तिगत जानकारी न दें और सोशल मीडिया सेटिंग्स प्राइवेट रखें। पर ध्यान रहे कि सावधानी का मतलब अपराध की जिम्मेदारी पीड़िता पर डालना नहीं है—दरिंदों की जिम्मेदारी अपराध करने वालों पर ही होती है।

अगर आप किसी की मदद करना चाहते हैं: पीड़िता की बात सुनें, दोष न दें, जगह सुरक्षित करें और आवश्यक मामलों में साथ जाकर FIR या शिकायत दर्ज कराने में मदद दें। सरल समर्थन बहुत फर्क डालता है।

याद रखें: मदद लेना कमजोर नहीं है, बल्कि सही कदम है। कानून और संस्थाएँ आपकी मदद के लिए बनी हैं—उनका इस्तेमाल करें।

मलयालम एक्ट्रेस मिनु मुनियर का गंभीर आरोप: प्रमुख अभिनेताओं पर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप

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मलयालम फिल्म उद्योग की अभिनेत्री मिनु मुनियर ने अभिनेता सिद्धीक और निर्देशक रंजीत के खिलाफ हालिया आरोपों के बीच कई प्रमुख हस्तियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उन्होंने अभिनेता मुकेश, जयसूर्या, मणियानपिल्ला राजू, इदावेला बाबू सहित अन्य पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। इस घटना के चलते मिनु ने फिल्म उद्योग छोड़कर चेन्नई शिफ्ट हो गईं।

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मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न का खुलासा: जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट

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जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट में मलयालम सिनेमा उद्योग में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के मामले उजागर हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाएं कार्य शुरू करने से पहले ही अनचाहे प्रस्तावों का सामना करती हैं और अक्सर उन्हें समझौता करने के लिए मजबूर किया जाता है। समिति ने 2019 में यह रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसे अब सार्वजनिक कर दिया गया है।

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