मलयालम सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री कवियूर पोन्नम्मा का 79 वर्ष की आयु में निधन

मलयालम सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री कवियूर पोन्नम्मा का 79 वर्ष की आयु में निधन सित॰, 20 2024

कवियूर पोन्नम्मा: एक चमकता सितारा जो रौशनी छोड़ गया

भारतीय फिल्म जगत, विशेष रूप से मलयालम सिनेमा, ने 20 सितंबर, 2024 को अपना एक बहुत ही मूल्यवान सितारा खो दिया। वरिष्ठ अभिनेत्री कवियूर पोन्नम्मा, जो अपनी मातृत्व भूमिकाओं के लिए मशहूर थीं, का 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह कोच्चि के एक निजी अस्पताल में रखा गया थी, जहां वे कई हफ्तों से कैंसर और अन्य उम्र संबंधी समस्याओं के कारण इलाज करा रहीं थीं।

कवियूर पोन्नम्मा का जन्म 10 सितंबर, 1945 को थिरुवल्ला के कवियूर में हुआ था। उन्होंने अपने अभिनय की शुरुआत मात्र 14 वर्ष की उम्र में थिएटर से की थी। थिएटर में उनकी सफलता ने उन्हें मलयालम सिनेमा में प्रवेश दिलवाया, और वहां से उनकी यात्रा शुरू हुई। इस यात्रा के किनारे कई प्रमुख फिल्में और यादगार भूमिकाएँ थीं जिन्होंने उन्हें मलयालम सिनेमा की 'माँ' के रूप में स्थापित किया।

हृदय स्पर्श करने वाली भूमिकाएँ

कवियूर पोन्नम्मा ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण फिल्मों में काम किया, जिनमें 'थोम्मनते मक्कल' (1965) शामिल है, जिसमें उन्होंने मात्र 20 साल की उम्र में अभिनेता सत्यन और मधु की माँ की भूमिका निभाई थी। उनकी इस भूमिका ने उन्हें अत्यधिक ख्याति दिलाई और इसके बाद वे मलयालम फिल्मों में प्रतिष्ठित मातृ किरदार निभाने वाली प्रमुख अभिनेत्री बन गईं।

उन्होंने अभिनेता मोहनलाल की माँ की भूमिका निभाकर भी दर्शकों के दिलों में विशेष स्थान बनाया। कवियूर पोन्नम्मा की ये भूमिकाएं इतनी प्रभावशाली रही कि उन्हें 'माँ' की उपाधि मिल गई। उन्होंने अपनी मातृत्व भूमिकाओं के माध्यम से कई पीढ़ियों को अपने अभिनय से प्रेरित किया।

पुरस्कार और सम्मानों से सजी यात्रा

कवियूर पोन्नम्मा को अपने अभिनय के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले। उन्होंने चार बार केरल राज्य फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ द्वितीय अभिनेत्री का खिताब जीता। ये वर्ष 1971, 1972, 1973 और 1994 थे। उनके अभिनय की उल्लेखनीयता और समर्पण ने उन्हें अपने साथी कलाकारों और दर्शकों के बीच एक खास स्थान दिलाया।

उनका अभिनय सिनेमा की सीमाओं को पार कर गया और वे भारतीय सिनेमा की एक महत्वपूर्ण हस्ती बन गई। उन्होंने विभिन्न फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के माध्यम से न केवल मलयालम भाषा के प्रशंसकों को प्रभावित किया, बल्कि अन्य भारतीय भाषाओं के दर्शकों को भी आकर्षित किया।

यूँ समाप्त हुई एक लंबी यात्रा

कवियूर पोन्नम्मा का अंतिम स्क्रीन पर दिखना 2022 में हुआ, जिसके बाद उनकी तबीयत में गिरावट आनी शुरू हुई। उनके जीवन के अंतिम वर्षों में उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी सेहत बीते कुछ हफ्तों में बहुत ही खराब हो गई थी।

वे अपने पीछे अपनी बेटी बिंदु को छोड़ गईं, जो अमेरिका में रहती हैं। उनकी बहन कवियूर रेनूका भी एक अभिनेत्री थीं, जिनका निधन 2004 में हुआ। एक लंबे और उल्लेखनीय करियर के बाद, कवियूर पोन्नम्मा ने 79 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहा।

फिल्म उद्योग पर अलविदा कहते हुए

फिल्म उद्योग पर अलविदा कहते हुए

कवियूर पोन्नम्मा के निधन ने मलयालम फिल्म उद्योग और उनके प्रशंसकों को गहरे सदमे में डाल दिया है। उनकी उपस्थिति और उनकी फिल्मों में असंख्य माँ-सी भूमिकाओं ने उन्हें एक अद्वितीय स्थान दिलाया। उनकी एक ऐसी विरासत है जो आगामी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। उनकी मेहनत, समर्पण और अभिनय दक्षता से भरी कहानी सदा याद रखी जाएगी।