रमजान: रोज़ा कैसे रखें — सरल और काम की जानकारी

रमजान एक ऐसा महीना है जब मुस्लिम समुदाय रोज़ा रखकर आत्म-नियंत्रण, दान और इबादत पर ध्यान देता है। अगर आप पहली बार रोज़ा रख रहे हैं या परिवार में किसी को सपोर्ट कर रहे हैं तो यहाँ सीधे और व्यावहारिक सुझाव हैं जो रोज़ा को आसान और सुरक्षित बनाते हैं।

रोज़े के नियम और क्या करना चाहिए

रोज़ा सूर्योदय से पहले की सहरी (सहरी) से शुरू होता है और सूरज डूबने पर इफ्तार के साथ खत्म होता है। पानी, खाने और किसी प्रकार का जानबूझकर सेवन इन समयों में वर्जित होता है। छोटे बच्चे, बुज़ुर्ग, गर्भवती या दूध पिलाने वाली महिलाएँ, बीमार लोग और लंबे सफर पर लोग रोज़े से छूट पा सकते हैं या बाद में क़ज़ा कर सकते हैं।

दवा लेने वाले लोगों को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। नियमित दवाइयाँ यदि रोज़ा के समय लेना ज़रूरी है तो डॉक्टर बदले हुए शेड्यूल या वैकल्पिक उपचार बता सकते हैं।

इफ्तार और सहरी: क्या खाएं, क्या न खाएं

इफ्तार में भारी तला हुआ खाना खाने की आदत कम करें। पहले खजूर और पानी से शुरुआत करें ताकि शरीर को जल्दी ऊर्जा और शुगर मिले। उसके बाद हल्का सूप, सलाद और प्रोटीन युक्त व्यंजन लें। दही, फल और थीक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट (जैसे चावल या रोटी) शाम के खाने में रखें ताकि रात भर ऊर्जा बनी रहे।

सहरी में प्रोटीन (दूध, अंडा, दाल) और फाइबर (ओट्स, दलिया, फल) लें। नमक और तीखा कम रखें ताकि प्यास कम लगे। कैफीन वाली चाय/कॉफ़ी सीमित करें क्योंकि ये डिहाइड्रेशन बढ़ाती हैं।

छोटे-छोटे व्यावहारिक टिप्स:

  • इफ्तार में तुरंत बहुत ज़्यादा खाना न खाएं, धीरे-धीरे खाएं।
  • पानी रात में नियमित अंतराल पर पियें — एक बार में ज़्यादा पिएँ तो उल्टा असर हो सकता है।
  • फ्रूट्स और सूखे मेवे नाइट टाइम स्नैक्स के रूप में रखें — ये ऊर्जा और जरूरी मिनरल देते हैं।
  • वर्क-लोड को कम रखें; अगर शारीरिक श्रम ज़्यादा है तो डॉक्टर से राय लें।

रमजान केवल रोज़ा नहीं, समाजिक जुड़ाव और देने का महीना है। जकात-उल-फित्र का ध्यान रखें — जरूरतमंदों की मदद करने से समुदाय में राहत और अपनापन बढ़ता है। जहाँ इफ्तार सामूहिक होता है, वहाँ कोरोना या अन्य संक्रमण के नियमों का पालन करें।

रात की मुमकिन खास रातें—लैलेट-उल-कद्र—पर ज़्यादा इबादत, दुआ और कुरान पढ़ना माना जाता है। अगर आप नौकरी या पढ़ाई के चलते थके हुए हैं तो अपनी सेहत को प्राथमिकता दें। रोज़ा से छूटें लेने के धार्मिक नियम स्पष्ट हैं; शंका होने पर स्थानीय इमाम या विश्वसनीय धार्मिक स्रोत से सलाह लें।

अगर आप परिवार के किसी सदस्य को रोज़ा रखवाने में मदद कर रहे हैं तो सहरी का समय और पौष्टिक खाना सुनिश्चित करें। बच्चों को छोटे-छोटे हिस्सों में रोज़ा समझाएँ और उनकी उम्र के मुताबिक छूट दें।

रमजान का अनुभव शारीरिक और आत्मिक दोनों तरह से चुनौतीपूर्ण हो सकता है, पर सही तैयारी, पोषण और समुदाय के समर्थन से इसे सहज बनाया जा सकता है। अगर आपको किसी खास स्वास्थ्य समस्या का डर है तो पहले डॉक्टर से बात करके प्लान बनाइए। खुश और सुरक्षित रमजान रखें।

गर्मी से मुकाबला करते हुए पाकिस्तानी क्रिकेटर जुनैद खान की दुखद मौत

गर्मी से मुकाबला करते हुए पाकिस्तानी क्रिकेटर जुनैद खान की दुखद मौत

पाकिस्तानी मूल के क्रिकेटर जुनैद जफर खान की दुखद मौत एडिलेड, ऑस्ट्रेलिया में एक मैच के दौरान अत्यधिक गर्मी के कारण हो गई। 41 वर्षीय खान रमजान के दौरान रोजा रख रहे थे और मैच के दौरान उनके शरीर ने गर्मी नहीं सह पाई। उनकी इस दुर्घटना ने खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर नई चिंताएं उठाईं, विशेषकर जब वे उपवास कर रहे हों।

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