गर्मी से मुकाबला करते हुए पाकिस्तानी क्रिकेटर जुनैद खान की दुखद मौत
मार्च, 18 2025
खतरनाक गर्मी में क्रिकेट: जुनैद खान की कहानी
पाकिस्तानी मूल के क्रिकेटर जुनैद जफर खान का नाम अब क्रिकेट समुदाय में एक चेतावनी बन गया है। 15 मार्च, 2025 को एडिलेड, ऑस्ट्रेलिया में खेले जा रहे एक क्रिकेट मैच के दौरान उनकी मौत हो गई। इसका प्रमुख कारण था अत्यधिक गर्मी; तापमान उस दिन 41.7°C तक पहुँच गया था। एडिलेड टर्फ क्रिकेट एसोसिएशन के नियमों के अनुसार, 40°C तक मैच को कुछ सावधानियों के साथ खेला जा सकता है, परंतु 42°C पर मैच रद्द कर दिए जाते हैं।
जुनैद खेल के दौरान फील्डिंग कर चुके थे और बल्लेबाजी करते समय बिना आउट हुए 16 रन बना चुके थे। हालांकि, गर्मी के कारण उनकी तबियत बिगड़ गई और वे मैदान में ही बेहोश हो गए। खेल आगे नहीं बढ़ सका, क्योंकि उनका स्वास्थ्य तेजी से गिरने लगा। तुरन्त उन्हें चिकित्सीय सहायता मिली, लेकिन सभी प्रयास व्यर्थ रहे।
सुरक्षा और लापरवाही
जुनैद का 2013 में एडिलेड आकर टेक्नोलॉजी सेक्टर में काम करना, और फिर क्रिकेट में योगदान देना उनके लिए गर्व की बात थी। लेकिन रमजान के दौरान रोजा और गर्मी से सामना करना आसान नहीं होता। इस स्थिति में हालांकि इस्लामी निर्देशों के अनुसार बीमारी या अनुवादित परिस्थितियों में पानी पीने की इजाज़त होती है, फिर भी मैदान में उनकी हालत नाजुक हो गई।
उनकी मौत ने खिलाड़ियों की अत्यधिक गर्मी में सुरक्षा को लेकर नई चिंतनाएं पैदा की हैं, खासकर तब जब खिलाड़ी उपवास कर रहे हों। ओल्ड कॉनकॉर्डियंस क्रिकेट क्लब ने उनकी मृत्यु पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की और इस घटना को भविष्य के लिए एक सीख बताया।
इस दुखद घटना ने एक बड़ा सवाल उठाया है कि क्या ऐसे गर्म मौसम में खेल जारी रखना उचित है? यह एक सामयिक मुद्दा है और सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

Alia Singh
मार्च 18, 2025 AT 21:12जक्की गर्मी में खेलना केवल शारीरिक चुनौती नहीं, बल्कि चिकित्सीय जोखिम भी पेश करता है, इसलिए सभी बोर्ड को सख्त नियम लागू करना चाहिए, जैसा कि ऑस्ट्रेलिया में 42°C पर मैच रद्द किया जाता है; इस नियम का सख्ती से पालन होना अनिवार्य है, यह न केवल खिलाड़ियों की सुरक्षा करता है, बल्कि खेल की नैतिकता को भी बनाए रखता है, अतः भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिये व्यापक तापमान मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित करना चाहिए।
Purnima Nath
मार्च 25, 2025 AT 14:48वास्तव में यह दुखद घटना हमें एक चेतावनी देती है कि हमें खेल के दौरान स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए, आइए सभी मिलकर ऐसे नियमों को मजबूत बनाएं और खिलाड़ी का ख्याल रखें
Rahuk Kumar
अप्रैल 1, 2025 AT 09:24हाइड्रोथेरेपी, हाइपोथर्मिया प्रोटोकॉल, और एरुगैसिक विश्लेषण का अनुपालन न करने से थर्मल स्ट्रेस की सीमा पार हो जाती है
Deepak Kumar
अप्रैल 8, 2025 AT 03:00भोजन, पानी और आराम के सही संतुलन से ही इस तरह की त्रासदी रोकी जा सकती है
Chaitanya Sharma
अप्रैल 14, 2025 AT 20:36मेडिकल टीम ने तुरंत इमरजेंसी रिस्पॉन्स को एक्टिव किया, हालांकि शुरुआती संकेतों को नजरअंदाज कर दिया गया, यह दर्शाता है कि प्रोटोकॉल में तत्क्षण पुनरावलोकन आवश्यक है
Riddhi Kalantre
अप्रैल 21, 2025 AT 14:12हमारे देश के खिलाड़ी विदेश में भी अपने साहस और कड़ी मेहनत से चमकते हैं, लेकिन ऐसी स्थितियों में हमें अपना मानक सुरक्षा उपाय लागू करना चाहिए, नहीं तो राष्ट्रीय गौरव को धक्का लगेगा
Jyoti Kale
अप्रैल 28, 2025 AT 07:48यह लापरवाही को देखते हुए अब और कोई बहाना नहीं चलेगा
Ratna Az-Zahra
मई 5, 2025 AT 01:24खेल में सुरक्षा उपायों के कार्यान्वयन पर व्यापक चर्चा आवश्यक है
Nayana Borgohain
मई 11, 2025 AT 19:00दिल से कहना पड़ेगा, यह अकल्पनीय हुआ 😢
Shivangi Mishra
मई 18, 2025 AT 12:36ऐसी त्रासदी फिर नहीं दोहरानी चाहिए, सभी को एकजुट होकर कड़ी कार्रवाई करनी होगी
ahmad Suhari hari
मई 25, 2025 AT 06:12मेरा मानना है कि इस घटना से सीख लेकर भविष्य में खेल क़ायदा में सुधार होना चाहिए, क्योकि ये हमारे सभी खिलाड़ियों के लिए बुनियादी अधिकार है
shobhit lal
मई 31, 2025 AT 23:48देखो भई, अगर मौसम का रेकॉर्ड देखा जाए तो ऐसे दिन पर कोई भी मैच नहीं होना चाहिए, ये तो सारा सिचुएशन साफ़ कह रहा है
suji kumar
जून 7, 2025 AT 17:24गर्मी के दिनों में खेल का मैदान धरती की भट्ठी बन जाता है,
खिलाड़ियों की शारीरिक क्षमता तेज़ी से घटती है,
इसलिए उचित हाइड्रेशन अनिवार्य हो जाता है,
साथ ही रेफ़्रिजरेटर साइड में ठंडा पानी उपलब्ध होना चाहिए,
सौर विकिरण की तीव्रता को मापने वाले सेंसर स्थापित किए जाने चाहिए,
यदि तापमान 40°C से ऊपर जाता है तो खेलने के समय को दोपहर के बाद या शाम तक बदला जा सकता है,
व्यायाम के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लेना चाहिए,
इन ब्रेकों में खिलाड़ियों को शेड में बैठाकर ठंडा किया जाना चाहिए,
मेडिकल टीम को हर 15 मिनट में वैटाल साइन जांचना चाहिए,
अगर किसी खिलाड़ी को चक्कर, उल्टी या बेहोशी का अनुभव हो तो तुरंत खेल से हटाया जाना चाहिए,
इस मामले में एंटी-हिट टैशन तकनीक का उपयोग किया जा सकता है,
संगठन को भी इस बात की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि सभी ने इन दिशानिर्देशों का पालन किया है,
इसके लिये एक स्वच्छता और सुरक्षा ऑडिट टीम बनाई जानी चाहिए,
खिलाड़ियों को भी अपने स्वास्थ्य की सतर्कता में भागीदारी करनी चाहिए,
अंत में, हमें इस त्रासदी को दोहराने से रोकने के लिये सामूहिक रूप से प्रतिबद्ध होना पड़ेगा।
Ajeet Kaur Chadha
जून 14, 2025 AT 11:00ओह वाह, ये तो बड़े ही 'स्मार्ट' निर्णय थे, सालों की मेहनत को धुआँ बना दिया 😂
Vishwas Chaudhary
जून 21, 2025 AT 04:36ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी
Rahul kumar
जून 27, 2025 AT 22:12शायद हमें फिर भी सोचने की जरूरत है कि क्या पूरी गर्मी में खेल चलाना ही समाधान है या वैकल्पिक शेड्यूलिंग बेहतर हो सकती है