ओलंपिक कुश्ती: नियम, वज़न वर्ग और तैयारी

ओलंपिक कुश्ती देखना जितना रोमांचक है, उसके पीछे तैयारियाँ और नियम भी उतने ही सख्त होते हैं। अगर आप पहलवान हैं, कोच हैं या सिर्फ दर्शक के तौर पर अच्छी समझ चाहते हैं, तो यह पेज सीधा और काम का ज्ञान देगा — बिना जाले-बुने शब्दों के।

ओलंपिक कुश्ती का फॉर्मैट और नियम

ओलंपिक में दो मुख्य शैलियाँ होती हैं: फ्रीस्टाइल और ग्रीको-रोमन। फ्रीस्टाइल में दोनों पैरों का उपयोग करना और विरोधी के बगलों में पकड़ बनाना चलता है, जबकि ग्रीको-रोमन में कमर से नीचे का उपयोग मना होता है।

मुकाबला छोटे राउंड में होता है: आम तौर पर दो या तीन राउंड होते हैं और अंक पूरे मैच में जोड़े जाते हैं। टेकडाउन, रिवर्सल, एक्सपोज़र और पिन (दो कुहनियों पर दबाकर जीत) सबसे आम तरीके हैं अंक हासिल करने के। फाउल और пасिविटी पर चेतावनी और अंक कटौती होती है।

वज़न वर्ग ओलंपिक स्तर पर तय होते हैं — पुरुष और महिला दोनों के अलग-अलग वर्ग होते हैं ताकि मुकाबला बराबरी पर रहे। हर प्रतियोगी को वजन परख से पहले निर्धारित वज़न सीमा में होना जरूरी है। वजन बढ़ना या घटाना रणनीति का हिस्सा होता है, लेकिन इसे सुरक्षित तरीके से ही करना चाहिए।

क्वालीफाइंग, तैयारी और चोट-प्रबंधन

ओलंपिक के लिए क्वालीफाइंग टूर्नामेंट्स, कॉन्टिनेंटल क्वोटा और विश्व चैंपियनशिप के माध्यम से होता है। हर देश के अंदर भी राष्ट्रीय चयन और trials होते हैं। क्या आप क्वालीफाई करना चाहते हैं? तब लंबे समय की निरंतरता और अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों का अनुभव जरूरी है।

ट्रेनिंग में स्किल, ताकत और कार्डियो तीनों जरूरी हैं। तकनीक पर रोज़ काम—ग्रिप, शॉट, डिफेन्स—और सप्ताह में 2-3 बार वेट ट्रेनिंग रखें। रिकवरी उतनी ही जरूरी है: नींद, पोषण और टेपिंग/फिजियोथेरेपी से चोट जल्दी ठीक होती है।

कई पहलवान वजन कट करते समय गलत तरीके अपनाकर तबाही कर लेते हैं। सुरक्षित तरीका: धीमे-धीमे वज़न घटाएं, पानी की कटिंग को मैच से ज्यादा पहले सख्ती से न अपनाएं और कोच/न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह लें।

सामान्य चोटें: घुटना, कंधा, पीठ और कॉलरबोन के नुकसान आम हैं। पहले लक्षण दिखें तो आराम और उपचार जल्दी शुरू करें—रिस्क लेकर नहीं खेलना चाहिए।

दर्शकों के लिए छोटी सलाह: मैच के नियम और स्कोरिंग सिस्टम को समझ कर देखिए—तब हर पॉइंट और रणनीति और मज़ेदार लगती है। और अगर आपके इलाके में कुश्ती क्लास है, एक बार जाकर ट्रेनिंग देखें; अक्सर नौजवानों की शुरुआत यहीं से होती है।

ओलंपिक कुश्ती में जीत केवल ताकत नहीं, दिमाग और रणनीति का भी खेल है। मेहनत और सही दिशा में ट्रेनिंग से आप या आपके पसंदीदा पहलवान अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रभाव छोड़ सकते हैं।

पेरिस 2024 ओलंपिक्स में अमन सेहरावत ने जीता कांस्य पदक: भारतीय कुश्ती की शानदार परंपरा को कायम रखा

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पेरिस 2024 ओलंपिक्स में भारतीय पहलवान अमन सेहरावत ने पुरुषों की 57 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती में कांस्य पदक जीतकर देश को गर्व महसूस कराया। सेहरावत ने पुएर्टो रिको के डेरियन टोई क्रूज को 13-5 की शानदार जीत के साथ हराया। अपनी इस जीत के साथ, सेहरावत ने भारत के लिए ओलंपिक्स में कुश्ती में लगातार पदक जीतने की परंपरा को जारी रखा। यह भारत का पेरिस खेलों में पहला और कुल मिलाकर छठा पदक है।

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