नवरात्रि की तैयारियाँ शुरू करने का सही समय वहीं है जब आप आराम से योजना बना सकें। क्या आप पहली बार व्रत रखने जा रहे हैं या परिवार के साथ गरबा की तैयारी कर रहे हैं? यहां छोटे-छोटे कदम से बताऊंगा कि कैसे बिना तनाव के नवरात्रि का त्योहार मनाएं।
सबसे पहले तारीखें और स्थान को कन्फर्म कर लीजिए — स्थानीय कैलेंडर या मंदिर से समय देख लें। घर में पूजा के लिए एक छोटा चौकी या मंच तय कर लें। अगर आप बाहर जाते हैं या सार्वजनिक गरबा में भाग लेंगे तो टिकट, ट्रैवल और पार्किंग पहले से देख लें।
एक सरल चेकलिस्ट बनाएं: पूजा का थाल, अगरबत्ती/दीप, फल और प्रसाद, साफ कपड़े, और नवरात्रि स्पेशल रेसिपी के लिए सामान। खाने-पीने की शर्ट-टाइप सूची (फ्रूट्स, सूखे मेवे, साबुत अनाज अगर व्रत रख रहे हैं) बना लें ताकि बीच में भागदौड़ न हो।
पूजा को लंबा बनाना जरूरी नहीं। एक बेसिक रूटीन रखें — सुबह हल्का स्नान, साफ कपड़े, 15-30 मिनट का पूजा सत्र। माता की आरती, कुछ भजन या माला और प्रसाद दे दीजिए। व्रत के विकल्प कई हैं: कुछ लोग फल-फूल से ही रखते हैं, तो कुछ साबुदाना, कुट्टू-अटे की रोटियाँ खाते हैं। अपनी सेहत और डॉक्टर की सलाह के अनुसार चुनें।
अगर पुरानी दिक्कतें हैं (डायबिटीज़, लो-ब्लड प्रेशर), तो व्रत के नियम में परिवर्तन कर लें — पानी नियमित लें और छोटे-छोटे भोजन रखें। बच्चे और बुजुर्ग हमेशा साधारण भोजन ही लें।
गरबा और डांडिया के लिए समय का चयन करें ताकि बहुत देर तक खड़े न रहना पड़े। चोट-फसल से बचने के लिए आरामदायक जूते पहनें और छोटे-छोटे ब्रेक लें।
खाना—नवरात्रि में स्पेशल, पर आसान: सूखे मेवे और फल से शुरुआत करें, शाम में व्रत के हिसाब से साबुदाना खिचड़ी, सिंघाड़े के आटे की पूरी या आलू से बने फास्ट-फूड लें। पार्टी के लिए घर पर छोटे-छोटे स्नैक्स बनाएं ताकि मेहमानों को अलग-अलग विकल्प मिलें।
डेकोरेशन: इको-फ्रेंडली रखें। फूल, सूखे पत्ते, कपड़े के झंडे और LED लाइट से सुंदर माहौल बनेगा और बाद में कूड़ा भी कम होगा। अगर कलश स्थापना कर रहे हैं तो मिट्टी या तांबे का छोटा कलश लें जो लंबे समय तक चले।
सुरक्षा और जिम्मेदारी: अगर आप सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं तो फायर सेफ्टी और भीड़ नियंत्रण का ध्यान रखें। ड्रिंक और खाद्य पदार्थ लेबल करें ताकि किसी को एलर्जी की समस्या न हो। घर में दीपक जलाते समय बच्चों को दूर रखें।
अंत में, त्योहार का असली मज़ा लोगों के साथ है — परिवार और दोस्तों को शामिल करें, रोटेशन से पूजा और खाने की जिम्मेदारी बांटें। कम तैयारी और सही योजना से नवरात्रि 2024 शांत, खुशहाल और यादगार बनेगी।
शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन माँ कुष्मांडा की पूजा की जाती है, जिन्हें समृद्धि और ब्रह्मांडीय ऊर्जा की देवी माना जाता है। माँ कुष्मांडा की पूजा करने से शक्ति, साहस और ज्ञान की प्राप्ति होती है। इस दिन के शुभ मुहूर्त में पूजा करने से देवी की कृपा प्राप्त करने का विशेष महत्व है।
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