चुनाव के दौरान किसी पार्टी या प्रत्याशी द्वारा नकद दे कर वोट मांगना आम समस्या है। यह सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं बल्कि लोकतंत्र की ताकत कम करने वाली हरकत है। अगर आपको किसी ने पैसे देकर वोट देने का प्रस्ताव दिया है तो शांत रहें और नीचे दिए आसान कदम अपनाएं।
पहचान आसान नहीं होती, पर कुछ साफ संकेत होते हैं। कोई अजनबी अचानक घर पर आकर छोटी-कठौती में पैसे दे और दबाव डाले, पास के लोग किसी सूची के साथ घूम रहे हों, या मतदान से पहले किसी ने नकद बांटने की बात कही हो — ये सभी लाल झंडे हैं। अक्सर पैकेट, चेक, मोबाइल ट्रांसफर या फिर आवागमन के बहाने पैसे दिये जाते हैं। किसी भी तरह की गुप्त बातचीत, पैकेट पर नाम लिखना या वोट का रसीद जैसा दिखना संदिग्ध होता है।
सबसे पहले पैसों को स्वीकार न करें। स्वीकार करने से आप कानूनी मुश्किल में पड़ सकते हैं और भविष्य में प्रमाण भी मिट सकते हैं। मौके पर शांत रहें और सामने वाले से नाम, वाहन नंबर, फ़ोटो या वीडियो लेने की कोशिश करें — अगर लेना सुरक्षित न हो तो दूर से नोट कर लें। कैमरा रिकॉर्डिंग संभव हो तो करें; समय और तारीख दिखाने वाली तस्वीरें मजबूत सबूत बनती हैं।
सलाह-मशविरा करें: तुरंत पोलिंग स्टेशन के भीतर या निकटस्थ पुलिस थाना, मतदाता सेवा केंद्र या चुनाव कार्यालय को सूचित करें। चुनाव आयोग की आधिकारिक एप cVIGIL से भी आप तुरंत रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं — यह ऐप मोबाइल से त्वरित कार्रवाई का रास्ता खोलता है। रिपोर्ट करते समय जितनी जानकारी दे सकें दें: घटना का समय, स्थान, संदिग्धों के नाम/लक्षण, वीडियो/तस्वीरें और गवाहों के नाम।
अगर धमकी या बल का इस्तेमाल हो रहा हो तो फौरन पुलिस में FIR दर्ज कराएं। व्यक्तिगत सुरक्षा पहले आती है — जोखिम महसूस हो तो सुरक्षित स्थान पर चली जाएं और किसी विश्वसनीय व्यक्ति को सूचित करें।
स्थानीय रिपोर्टिंग का महत्व भी समझिए। स्थानीय पत्रकार, नागरिक समूह या सामाजिक संस्था को सूचित करने से मामला सार्वजनिक होगा और जवाबदेही बढ़ेगी। कई बार सरकारी निगरानी तेज़ होने पर ऐसे ऑफर रुक जाते हैं।
अंत में, वोट की शक्ति को समझिए। पैसे देने वाले अक्सर तत्काल लाभ का वादा करते हैं पर लंबे समय में समाज और विकास को नुकसान होता है। वोट खरीदने पर कानूनी कार्रवाई संभव है और इससे जुड़ी सूचनाएं और शिकायत चैनल—जैसे cVIGIL, लोकल पुलिस और चुनाव कार्यालय—आपकी मदद के लिए मौजूद हैं।
यदि आपने शिकायत दर्ज कराई है, तो संबंधित दस्तावेज़ और शिकायत नंबर संभाल कर रखें। आगे की जरूरत पर वही काम आएंगे। लोकतंत्र तभी मजबूत होगा जब हर नागरिक ऐसी घटनाओं के खिलाफ कदम उठाएगा। और हाँ—दोस्तों व पड़ोसियों से भी बात करें, जानकारी साझा करें और लोगों को जागरूक बनाएं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा नेता विनोद तावड़े और उम्मीदवार राजन नाइक पर वोट के लिए नकद वितरण का आरोप लगाया गया है। बहुजन विकास आघाडी द्वारा आरोप लगाए गए हैं कि तावड़े विरार के एक होटल में 5 करोड़ रुपये के नकद के साथ पाए गए थे। घटना पर पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की हैं और होटल को सील कर दिया गया है। भाजपा ने आरोपों को खारिज किया और चुनाव आयोग से घटना की जांच की मांग की है।
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