महाराष्ट्र चुनाव: नकद-के-लिए-मत-विवाद, भाजपा के विनोद तावड़े पर FIR दर्ज
नव॰, 20 2024महाराष्ट्र चुनाव में नकद-वोट विवाद की गूंज
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी के नेताओं विनोद तावड़े और उनके साथ उम्मीदवार राजन नाइक के विरुद्ध इन आरोपों ने सियासी गलियारों में हड़कंप मचाना शुरु कर दिया है। यह विवाद तब उठा जब बहुजन विकास आघाडी (बीवीए) ने आरोप लगाए कि तावड़े विरार के एक होटल में 5 करोड़ रुपये के नकद के साथ पाए गए थे। आरोपों के अनुसार, इस राशि का उपयोग मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किया जा रहा था। बहुजन विकास आघाडी, जिसका नेतृत्व हितेंद्र ठाकुर कर रहे हैं, ने एक वायरल वीडियो जारी किया जिसमें बीवीए कार्यकर्ताओं को होटल में प्रवेश करते हुए और नकदी से भरी बंडलें दिखाते हुए देखा जा सकता है। आरोप है कि तावड़े इस राशि के माध्यम से मतदाताओं को प्रभावित कर रहे थे।
पुलिस की जांच और तावड़े की सफाई
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तावड़े, नाइक और अन्य लोगों के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की हैं। इसके साथ ही होटल को सील कर दिया गया है जहां यह पूरी घटना घटी। पुलिस ने शिकायतों के आधार पर भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामलों को दर्ज किया है। इतने सारे प्रतिवादों के बावजूद, तावड़े ने खुद को निर्दोष बताया है और कहा है कि वह केवल चुनावी प्रक्रियाओं पर पार्टी कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन दे रहे थे। उन्होंने इन आरोपों को आधारहीन बताते हुए खारिज कर दिया है।
राजनीतिक दूरी और चुनाव आयोग की जांच की मांग
घटना के बाद विपक्षी दल कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने भाजपा की कड़ी निंदा की। शिवसेना ने आरोप लगाया कि भाजपा अपने पैसों की ताकत के जरिए चुनावों को भ्रष्ट बना रही है। वहीं, एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने यह पूछकर कि क्या यह 'वोट जिहाद' है या 'धर्म युद्ध', इस मामले पर तंज कसा। दूसरी ओर, बीजेपी ने इसे बीवीए का राजनीतिक स्टंट करार दिया और चुनाव आयोग से घटना की संपूर्णता से जांच करने की मांग की। उनके अनुसार, मामले की सही जानकारी के लिए सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जानी चाहिए।
महाराष्ट्र के चुनाव पर प्रभाव
यह घटना तब हुई है जब महाराष्ट्र में चुनावी मुकाबला अपने चरम पर है। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली महायुति का मुकाबला महा विकास आघाड़ी के साथ है जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), और एनसीपी शामिल हैं। महा विकास आघाड़ी इस चुनाव में बड़ी जीत की तलाश में है, खासतौर से लोकसभा चुनाव की सफलता के बाद। इन आरोपों के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का असर महाराष्ट्र के चुनावी परिदृश्य पर कैसे पड़ता है।