मास्क पहनना आज भी कई हालत में जरूरी और समझदारी भरा कदम है। लेकिन कौन सा मास्क कब सही है, उसे पहनने और हटाने का सही तरीका क्या है, और कैसे रखें कि मास्क असरदार बना रहे — ये बातें अक्सर उलझन पैदा कर देती हैं। नीचे सीधे, आसान और काम के सुझाव दिए जा रहे हैं।
सामान्य भीड़-भाड़ वाले स्थान और रोज़मर्रा के काम के लिए मल्टी-लेयर कपड़े का मास्क ठीक रहता है। अस्पताल, क्लिनिक या किसी संक्रमण के पास जाने पर मेडिकल सर्जिकल मास्क या बेहतर हो तो N95/FFP2 चुनें। अगर आप सांस लेने में कठिनाई महसूस करते हैं या बच्चों के लिए खरीद रहे हैं तो फिट और कम सांस रोकने वाला विकल्प देखें।
N95 सैनिटरी लेवल पर बेहतर फ़िल्टर देते हैं, लेकिन वे ज्यादा महंगे और गर्म होते हैं। सर्जिकल मास्क सिंगल-यूज़ है; कपड़े वाला मास्क बार-बार धो कर इस्तेमाल कर सकते हैं।
हाथ धो लें या सैनेटाइज़र लगाएँ। मास्क को कान के पीछे वाले स्ट्रैप से पकड़कर लगाएँ, सामने वाले हिस्से को छूने से बचें। नाक और मुँह दोनों अच्छे से ढके होने चाहिए और साइड पर गैप न हो।
हटाते समय सामने वाले हिस्से को ना छुएं — स्ट्रैप पकड़ कर हटाएँ और तुरंत सही जगह पर रखें या फेंक दें। फिर से हाथ साफ करें।
फिट चेक करें: अगर हवा साइड से निकल रही है या मास्क ऊपर-नीचे हो रहा है, तो उसे ठीक करें। नाक पर क्लिप हो तो उसे दबा कर अच्छी सील बनाएं।
कपड़े वाले मास्क धोने के नियम आसान रखिए: गर्म पानी और सामान्य डिटर्जेंट में धोकर अच्छी तरह सुखाएँ। हर इस्तेमाल के बाद धोना बेहतर है, खासकर जब गीला या गंदा हो।
सर्जिकल मास्क और एक बार इस्तेमाल वाले फिल्टर को नेक्स्ट जनरेशन कचरा मान कर कूड़ेदान में बंद पैकेट में फेंकें। N95 को बार-बार नहीं धोना चाहिए — यदि स्रोत सीमित हो तो प्रयोग के बाद 5 दिन के लिए सूखे, हवाबंद बैग में रखें और हर बार अलग बैग/डेजाइन करें ताकि वायरस न रहे।
बच्चों के मास्क: छोटे आकार लें, ढीला न हो और बच्चों को बताएं कि मास्क क्यों पहनते हैं। 2 साल से छोटे बच्चों के लिए मास्क न पहनाएँ और यदि बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हो तो तुरंत हटाएँ।
कुछ मिथक साफ करें: मास्क पहनने से CO2 जमा नहीं होता यदि मास्क ठीक फिट है। अगर आपको अस्थमा या हार्ट कंडीशन है और परेशानी हो रही है तो डॉक्टर से सलाह लें।
अंत में एक आसान आदत: घर से निकलते समय हमेशा एक साफ स्पेयर मास्क अपने बैग में रखें। भीगने या गंध आने पर तुरंत बदल दें। छोटे बदलाव — सही मास्क और सही देखभाल — आपकी सुरक्षा में बड़ा फर्क डालते हैं।
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के खतरनाक स्तर के चलते वायु शुद्धिकारकों और मास्क की बिक्री में तेज वृद्धि देखी जा रही है। शहर की वायु गुणवत्ता अत्यधिक खराब हो गई है, जिससे नागरिकों को अपनी सेहत की रक्षा के लिए उपाय खोजने पर मजबूर होना पड़ा है। घरों और कार्यस्थलों में वायु शुद्धिकारकों की बिक्री क्रमशः 70% और 200% बढ़ गई है। इसी के साथ, एन95 मास्क की मांग में भी तेजी आई है।
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