दिल्ली में प्रदूषण से लोग बेहाल: वायु शुद्धिकारकों और मास्क की बिक्री में उछाल
नव॰, 18 2024दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण: स्वास्थ्य के लिए चुनौती
दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है, जिससे हर उम्र के लोग प्रभावित हो रहे हैं। बदलते मौसम के साथ, हवा की गुणवत्ता में तेज गिरावट देखी गई है, जिससे दिल्ली एनसीआर के निवासी चिंता में डूबे हुए हैं। जहां एक ओर प्रदूषण के कारण सांस लेना मुश्किल हो रहा है, वहीं दूसरी ओर इसका स्वास्थ्य पर असर गहरा होता जा रहा है।
वायु शुद्धिकारकों की बढ़ती मांग
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए वायु शुद्धिकारकों की मांग में जबरदस्त उछाल आया है। हर घर और दफ्तर में इन उपकरणों की जरूरत महसूस की जा रही है। लोग बढ़ते प्रदूषण के खतरे से निपटने के लिए इन्हें अपने घरों में लगवा रहे हैं। दुकानदारों ने भी बताया कि हाल के दिनों में वायु शुद्धिकारकों की बिक्री में 70% से अधिक की वृद्धि हुई है। कार्यस्थलों पर भी यह प्रतिशत 200% तक पहुंच गया है, जो कि इस क्षेत्र में जागरूकता का संकेत है।
मास्क की बिक्री में उछाल
स्वास्थ्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, लोग मास्क, विशेष रूप से एन95 मास्क का धड़ल्ले से प्रयोग कर रहे हैं। प्रदूषण के खतरनाक स्तर के कारण इनकी बिक्री में वृद्धि देखी गई है। एहतियात के तौर पर लोग नाक और मुंह को ढकने के लिए ये मास्क खरीद रहे हैं। इसकी वजह से इनकी बिक्री में अचानक से कई गुना तक वृद्धि हुई है।
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण
प्रदूषण की बढ़ती समस्या को गंभीरता से लेते हुए, केंद्र सरकार ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान का दूसरा चरण लागू किया है। इसके अंतर्गत कई अहम कदम उठाए गए हैं ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। परिवहन और उद्योगों पर लगाए गए नियमों से लेकर सड़क पर जलने वाले कचरे के खिलाफ सख्ती, हर क्षेत्र में उपाय किए जा रहे हैं।
सीपीसीबी द्वारा प्रदूषण मापदंड
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में इस समय 27 निगरानी स्टेशनों ने 'बहुत खराब' वायु गुणवत्ता दर्ज की है। इसका अर्थ है कि प्रदूषण की स्थिति बेहद चिंताजनक है। विभिन्न कदमों के बावजूद, स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है और लोगों का स्वास्थ्य इससे प्रभावित हो रहा है।
स्वास्थ्य समस्याओं का बढ़ता संकट
प्रदूषण का सीधा असर उन लोगों पर पड़ रहा है जो पहले से ही स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। खासकर उन लोगों के लिए जो सांस की समस्याओं से पीड़ित हैं, उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ रही है। बच्चों और वृद्ध जनसंख्या भी इस स्थिति से बुरी तरह प्रभावित हैं और इनकी सुरक्षा के लिए आई कई चुनौतियां सामने आ रही हैं।
स्थानीय निवासियों की राय
वायु प्रदूषण को लेकर स्थानीय निवासियों की राय में भी चिंता जाहिर की गई है। लोगों का कहना है कि लंबे समय तक बाहर रहना अब उनके लिए स्वास्थ्य खतरे से कम नहीं है। हर कोई अपने और अपने परिवार की सेहत को लेकर चितिंत है, और यह चिंता उन्हें वायु शुद्धिकारकों और मास्क खरीदने के लिए प्रेरित कर रही है।
आगे की राह
समस्या का समाधान अभी भी स्पष्ट नहीं है और शासन-प्रशासन को इस दिशा में गहरी अंतिम कोशिश करनी होगी। प्रदूषण को घटाने के लिए स्थायी समाधान तलाशने की आवश्यकता है। समाज के हर वर्ग को मिलकर उठाए गए इन प्रयासों में भाग लेना होगा ताकि भविष्य में इस स्थिति से बचा जा सके और निवासियों को एक स्वस्थ वातावरण मिल सके।