मानसून जहां ज़रूरी बारिश लाता है, वहीं बाढ़, जलभराव और बिजली कट जैसी समस्याएँ भी साथ लाता है। क्या आपके पास बारिश के दौरान तुरंत काम आने वाली चीज़ें तैयार हैं? यहां सीधे, काम के तरीके और तुरंत लागू होने वाले सुझाव मिलेंगे ताकि आप सुरक्षित और तैयार रह सकें।
पहले जानिए—मॉनसून की सामान्य अवधि भारत में आम तौर पर जून से सितंबर तक होती है, पर पश्चिमी घाट और पूर्वोत्तर में बारिश पहले या बाद में भी हो सकती है। स्थानीय पूर्वानुमान और अलर्ट पर ध्यान दें; छोटे इलाकों में तेज बदलाव होते हैं।
1) घर के नालों और नालियों की सफाई कर लें ताकि छत और सड़क पर पानी रुके नहीं। 2) छत और दीवारों में सील करवा लीजिए जहाँ से पानी आ सकता है। 3) जरुरी दवाइयाँ, दस्तावेज और नकद एक वाटरप्रूफ बैग में रखें। 4) पावर बैंक, टॉर्च और बैटरी स्टॉक करें — कट के समय काम आेंगे।
क्या आपके पास आपातकालीन किट है? इसमें बॉटल्ड पानी, बेसिक दवाइयाँ, मच्छरदानी, प्राथमिक चिकित्सा किट और मोबाईल चार्जर होना चाहिए। छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए अतिरिक्त ध्यान जरूरी है।
सड़क पर तेज पानी हो तो ड्राइविंग से बचें। पानी में गाड़ी चलाना इंजन फेल कराने का बड़ा कारण है। पैदल चलते समय भी ध्यान रखें—कन्टेनर और खुली नालियों में पड़ने का खतरा रहता है।
बिजली कटने पर मेन स्विच ऑफ कर दें और पानी निकट इलेक्ट्रिक सॉकेट से दूर रखें। पानी से भरे स्थान में इलेक्ट्रिकल उपकरण मत छूइए। क्या फ्लैश फ्लड अलर्ट आ रहा है? तुरंत उच्च जगह पर चले जाएँ और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
डेंगू और मच्छर जनित बीमारियों से बचने के लिए पानी जमा न होने दें—टायर, गमले और खुले बर्तन खाली रखें। त्वचा और पेट संबंधी बीमारियाँ बढ़ सकती हैं, इसलिए साफ पानी और व्यक्तिगत स्वच्छता पर ध्यान दें।
किसान हैं? खेत में जल निकासी पर काम रखें, नमी-सेंसिटिव फसलों की बुवाई समय पर करें और बीज/खेत की जानकारी के लिए कृषि उपज केंद्र से संपर्क में रहें।
सबसे तेज अपडेट के लिए भरोसेमंद स्रोत चुनें — IMD की चेतावनियाँ, स्थानीय प्रशासन, और हमारा 'भरोसेमंद समाचार' मॉनसून टैग पेज। हम यहां ताज़ा अलर्ट, ट्रैफिक और लोकल नुकसान की खबरें जल्दी साझा करते हैं।
अंत में, छोटे कदम बड़ा फर्क डालते हैं: नाल साफ रखें, आपात किट तैयार रखें और अलर्ट पर ध्यान दें। मानसून जीवन देता है और साथ में सावधानी भी मांगे—थोड़ी तैयारी से जोखिम काफी घटते हैं।
दक्षिण-पश्चिमी जापान के ह्युगा नाडा सागर इलाके में 6.6 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई और फिर इसे वापस ले लिया गया। भूकंप ने प्रदेश में मामूली क्षति पहुंचाई। भूकंप के कारण कुछ स्थानों पर छोटी भू-स्खलन और भूमिगत पाइप्स टूटने की घटनाएं हुईं। प्रशासन ने संभावित आफ्टरशॉक्स की चेतावनी दी है।
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