जब बात करवा चौथ, एक पारिवारिक त्यौहार है जिसमें विवाहित महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र के लिए सुबह से शाम तक उपवास रखती हैं, व्रत की आती है, तो समझना जरूरी है कि यह रिवाज़ किन सिद्धांतों पर आधारित है। व्रत, शारीरिक और मानसिक नियंत्रण का साधन है जो पति‑पत्नी के बंधन को मजबूत करता है वहीँ चंद्र दर्शन, करवा चौथ की शाम को चाँद के आकार को देख कर व्रत खोलना अनिवार्य माना जाता है और पूजा, सूदूरन और अर्घ्य के साथ पति के स्वास्थ्य की कामना करने वाली रिवाज़ी प्रक्रिया है। इन तीनों तत्वों के बीच स्पष्ट संबंध है: करवा चौथ का मुख्य उद्देश्य व्रत, चंद्र दर्शन और पूजा को जोड़कर एक आध्यात्मिक व सामाजिक बंधन स्थापित करना है।
करवा चौथ 2025, 10 अक्टूबर को, सुर्खियों में आया। सुबह से शाम तक विवाहित महिलाएँ उपवास रखेंगी, विभिन्न स्रोतों के अनुसार समय अंतर थोड़ा‑बहुत।
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