करवा चौथ 2025: तिथि, सूर्योदय‑सूर्यास्त समय एवं पूजा विधि

करवा चौथ 2025: तिथि, सूर्योदय‑सूर्यास्त समय एवं पूजा विधि अक्तू॰, 9 2025

जब करवा चौथ 2025भारत का दिन आया, तो लाखों विवाहित महिलाएँ अपने पति के दीर्घायु के लिए उपवास रखती हैं। यह त्यौहार शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को पूरे देश में और विश्व‑भर के हिंदु समुदायों में मनाया जाएगा। सुबह के सूर्योदय से लेकर शाम के सूर्यास्त तक चलने वाला यह अनुष्ठान, प्रेम, त्याग और वैवाहिक बंधन की पवित्रता का प्रतीक है।

करवा चौथ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

करवा चौथ की जड़ें प्राचीन महाकाव्य में पाई जाती हैं, जहाँ रानी वीरावती की कथा सुनाई जाती है। कहा जाता है कि वीरावती ने अपने पति की जान बचाने के लिये निरजल व्रत रखा और पूर्ण चांद की रोशनी में उसकी जीवित शक्ति को पुनः जाग्रत किया। इस कथा ने पीढ़ियों के लिये महिला शक्ति और पति‑पत्नी के बंधन की अविनाशी भावना को सुदृढ़ किया।

आज के समय में, यह त्यौहार उत्तर एवं पश्चिमी भारत के पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में खासा धूमधाम से मनाया जाता है। नेपाल में भी इस त्यौहार को बड़े उत्साह से मनाया जाता है, जबकि भारतीय प्रवासी समुदाय, विशेषकर संयुक्त राज्य अमेरिका में, इस अवसर को घर‑घर और मंदिरों में सज‑धज कर मनाते हैं।

2025 के समय‑समय के विस्तृत विवरण

बुक माय पूजा ऑनलाइन के अनुसार, उपवास का आरम्भ सूर्योदय के लगभग 6:12 ए.एम. (IST) से होता है और यह 8:28 पी.एम. (IST) तक चलता है, जब चाँद निकलेगा। वहीं रुद्राक्ष रत्न ने थोड़ा अलग समय बताया – 06:31 ए.एम. से 08:55 पी.एम. तक, कुल 14 घंटे 24 मिनट का व्रत। इंडिया टीवी न्यूज़ और टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने 06:19 ए.एम. से 08:13 पी.एम. तक का समय बताया है, जिसमें दिल्ली की स्थानीय समय मान ली गई है।

  • सूर्योदय (व्रत प्रारम्भ) – 6:12 ए.एम. (बुक माय पूजा)
  • सूर्योदय (रुद्राक्ष रत्न) – 6:31 ए.एम.
  • सूर्योदय (इंडिया टीवी/टाइम्स) – 6:19 ए.एम.
  • चंद्रमा उगना (व्रत समाप्त) – 8:28 पी.एम. (बुक माय पूजा)
  • चंद्रमा उगना (रुद्राक्ष रत्न) – 8:55 पी.एम.
  • चंद्रमा उगना (इंडिया टीवी/टाइम्स) – 8:13 पी.एम.

इन विभिन्न सामयिक गणनाओं का कारण विभिन्न ज्योतिषीय पद्धतियों में मामूली अंतर है, परन्तु सभी स्रोतों ने एक बात पर सहमति जताई है – करवा चौथ 2025, 10 अक्टूबर के शुक्रवार को पड़ेगा।

मुख्य धार्मिक अनुष्ठान और पूजा मुहूर्त

पूजा के लिए सबसे उत्तम समय (मुहूर्त) भी स्रोतों में थोड़ा बदलता है। रुद्राक्ष रत्न ने इसे 06:19 पी.एम. से 07:33 पी.एम. के बीच बताया, जबकि टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने 5:57 पी.एम. से 7:11 पी.एम. के बीच संकेत किया है। अधिकांश महिलाएँ 6:04 पी.एम. से 7:16 पी.एम. के बीच कथा‑पुजा करती हैं, और चाँद को देख कर व्रत तोड़ती हैं।

कथा सुनाने के लिये अक्सर बड़ी सामुदायिक सभाएँ आयोजित की जाती हैं। महिलाएँ रंग‑बिरंगी साडी पहनती हैं, मेहँदी लगाती हैं और एक दूसरे के साथ मिल‑जुल कर ‘गुज़र जाता है’ गीत गाती हैं। यह सामाजिक बंधन को और मजबूत करता है – माँ‑बेटी, साली‑ननद के बीच का रिश्ता, और सामुदायिक एकता को उजागर करता है।

देश‑विदेश में उत्सव का स्वरूप

भारत के बाहर न रहने वाले भारतीय (NRI) उपवास को अपने देश के सूर्योदय‑सूर्योास्त समय के अनुसार रखते हैं। इंडिया टीवी न्यूज़ के अनुसार, यूके, कनेडा, ऑस्ट्रेलिया और विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने वाली महिलाएँ अपनी स्थानीय समय‑सारणी के अनुरूप व्रत प्रारम्भ करती हैं। इस तरह के बदलाव से त्यौहार की आत्मा वैश्विक बन गई है।

संयुक्त राज्य में कारवा चौथ को ‘इंडियन‑अमेरिकन’ महिलाएँ बड़े जलवे से मनाती हैं। न्यूयॉर्क, कैलिफ़ोर्निया और टेक्सास के बड़े‑बड़े भारतीय समुदायों में साड़ी‑धारी महिलाएँ घरों व मंदिरों में इकट्ठा होकर पूजा करती हैं, और इस दौरान सोशल मीडिया पर #KarwaChauth2025 जैसे हैशटैग ट्रेंड होते हैं।

विशेषज्ञों एवं समाज की प्रतिक्रियाएँ

कुछ धार्मिक विद्वानों का मानना है कि आज‑कल यह त्यौहार पारम्परिक मान्यताओं से परे सामाजिक समानता और प्रेम का प्रतीक बन गया है। डॉ. अनीता मिश्रा, एक धर्मशास्त्र की प्रोफेसर, ने कहा, “करवा चौथ अब सिर्फ महिला‑पुत्री व्रत नहीं रहा, यह पति‑पत्नी के बीच एक संवाद बना है, जहाँ दोनों एक‑दूसरे की भलाई की प्रार्थना करते हैं।” पंडितों ने भी कहा कि व्रत के दौरान न केवल शारीरिक शक्ति, बल्कि मानसिक स्थिरता भी बनी रहती है, जिससे दंपति के रिश्ते में नई ऊर्जा आती है।

वहीं, युवा वर्ग में इस त्यौहार को लेकर थोड़ी उलझन भी देखी गयी है। कुछ युवाओं ने कहा कि जल‑व्रत की कठोरता को आधुनिक जीवनशैली में अपनाना कठिन हो सकता है, परन्तु इस बात को स्वीकार किया गया कि सामाजिक एकजुटता और पारिवारिक परस्पर सम्मान का भाव अभी भी प्रबल है।

करवा चौथ 2025 के लिए उपयोगी टिप्स

  1. भोजन में हल्का फलों और नट्स का सेवन रखें, ताकि ऊर्जा बनी रहे।
  2. डॉक्टर से सलाह लें यदि कोई स्वास्थ्य समस्या हो।
  3. पूजा मुहूर्त के दौरान वैदिक मनtras सुनें, इससे मन शान्त रहता है।
  4. समुदाय‑भजन में भाग लें, इससे त्यौहार का सामाजिक पहलू उजागर होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

करवा चौथ 2025 का सही समय कैसे पता करें?

विभिन्न ज्योतिषीय वेबसाइटें थोड़ा‑बहुत अंतर देती हैं, परन्तु बुक माय पूजा ऑनलाइन, रुद्राक्ष रत्न और टाइम्स ऑफ़ इंडिया जैसे भरोसेमंद स्रोतों के अनुसार, प्रातः 6:12 ए.एम. से 8:28 पी.एम. तक का समय अधिकांश क्षेत्रों में लागू है। NRI लोगों को अपने देश के सूर्योदय‑सूर्यास्त के अनुसार व्रत रखना चाहिए।

क्या जल‑व्रत अनिवार्य है?

परम्परागत करवा चौथ निरजल (जल‑विहीन) व्रत है। किन्तु यदि स्वास्थ्य कारणों से पानी पीना आवश्यक हो, तो डॉक्टर की सलाह लेकर हल्का जल‑व्रत रखा जा सकता है, जिससे व्रत का उद्देश्य – शुद्धि और प्रार्थना – बना रहता है।

NRI महिलाएँ इस दिन कैसे मनाती हैं?

संयुक्त राज्य, यूके, कनेडा आदि में रहने वाली महिलाएँ स्थानीय सूर्योदय‑सूर्यास्त के आधार पर व्रत रखती हैं। वे अक्सर घरों में सज‑धज कर या स्थानीय भारतीय मंदिर में सामुदायिक पूजा का आयोजन करती हैं, साथ ही वर्चुअल पंडित सेवाओं का लाभ उठाती हैं।

करवा चौथ के सामाजिक प्रभाव क्या हैं?

यह त्यौहार महिलाओं के बीच सामाजिक बंधन को सुदृढ़ करता है – मेहँदी, साडी, गीत‑संगीत और सामुदायिक भोजन से एकता का माहौल बनता है। साथ ही, पति‑पत्नी के बीच प्रेम‑आदर की पुनः पुष्टि होती है, जिससे पारिवारिक माहौल में सकारात्मक ऊर्जा आती है।

1 Comment

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    Aman Jha

    अक्तूबर 9, 2025 AT 13:00

    करवा चौथ की तारीख तय हो गई है, पर कई लोग अभी तक समय की विविधता को समझ नहीं पाए हैं। विभिन्न स्रोतों ने थोड़ा‑थोड़ा अंतर दिया है, लेकिन मूल विचार वही है कि व्रत सुबह सूर्योदय से रात के चाँद तक चलता है। आज के दौर में NRI महिलाएँ भी अपने स्थानीय समय के हिसाब से व्रत रख रही हैं, जिससे यह त्यौहार वैश्विक बन गया है। इस पर विचार करना ज़रूरी है कि हम सामुदायिक संगठनों की मदद से इसे और सरल बना सकते हैं।

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