क्या आप जेवलिन थ्रो सीखना चाहते हैं या अपनी दूरी बढ़ाना चाहते हैं? ठीक है। यहां मैं सीधे, आसानी से समझने वाले तरीके बता रहा हूँ: नियम, सही पकड़, रन-अप और रोज़मर्रा के अभ्यास। हर टिप इस्तेमाल करने में सरल है और ट्रैक पर जल्दी काम दे सकती है।
जेवलिन थ्रो में भाला एक निर्दिष्ट रेखा से फेंका जाता है और भाला जमीन पर उसकी नोक के ऊपर ही गिरना चाहिए। माप वही दूरी होती है जहाँ भाला पहली बार जमीन को छुए। प्रतियोगिताओं में फ़ाउल तब माना जाता है जब फेंकते हुए पैर बाहर की रेखा पर पड़े, भाला निर्धारित सेक्टर के बाहर गिरा, या भाला सही ढंग से नहीं पकड़ा गया।
उपकरण: भाले की लंबाई और वजन आयु और वर्ग के अनुसार बदलते हैं। पुरुष प्रीमियर वर्ग में आमतौर पर 800 ग्राम के भाले का प्रयोग करते हैं। भाले पर कोई बदलाव तभी करें जब आप प्रशिक्षक से सलाह लें।
ग्रिप: भाला को अंगुलियों की उंगलियों के पास पकड़ें, हथेली से नहीं। अंगूठा आराम से ऊपर या साइड में रहता है। एक मजबूत लेकिन न छीनने वाली पकड़ रखें—बहुत कसना रन-अप और रिलीज़ में दिक्कत देता है।
स्टार्टर रन-अप: छोटे-छोटे कदमों से शुरुआत करें और आखिरी तीन-चार कदम तेज रखें। लक्ष्य यह है कि शरीर में गति बनी रहे और रिलीज़ पर पूरा शरीर झटका देती ऊर्जा भाले में ट्रांसफर हो। हिप और कंधे रोटेशन पर ध्यान दें—कूल्हे आगे निकलें और अंत में कंधा और हाथ तेज़ी से भाले को छोड़ें।
रिलीज़ तकनीक: भाले को उंगलियों की मदद से छोड़ें, कलाई सर्फेस को बंद न होने दें। नजर लक्ष्य की तरफ रखें, गर्दन और कंधे रिलैक्स रखें। रिलीज़ के बाद संतुलन के लिए एक कदम आगे रखें ताकि फाउल न हो।
ट्रैक पर छोटी-छोटी विडियो क्लिप बनाएं—खुद का फेंक देखकर गलतियां जल्दी पकड़ में आती हैं।
ट्रेनिंग ड्रिल्स और फिटनेस
ड्रिल्स: 1) स्टैंडिंग थ्रो: कम दूरी पर फोकस सिर्फ रिलीज़ पर। 2) हाफ रन-अप: आधा रन-अप लें और तीव्रता बढ़ाएं। 3) रेडीज पॉवर ड्रिल: मेडिसिन बॉल थ्रो से कंधे और ट्रंक पावर बढ़ती है।
फिटनेस: स्क्वैट, डेडलिफ्ट और लंज जैसी एक्सरसाइज से लेग और हिप पावर बढ़ेगी। कोर स्ट्रेंथ के लिए प्लैंक और रोटेशनल एक्सरसाइज जरूरी हैं। स्प्रिंट और पॉवर जंप्स से रन-अप स्पीड सुधरती है।
सामान्य गलतियाँ और चोट से बचाव
अक्सर खिलाड़ी बहुत ज़ोर से पकड़ते हैं, या रिलीज़ पर कलाई जल्दी मोड़ लेते हैं—ये दूरी घटाते हैं। ओवरट्रेनिंग से कंधे और कोहनी में चोटें होती हैं। सैर-सीट-बेस का अच्छा वार्मअप और कैमो-लाइट कूलडाउन अपनाएं। अगर कंधे में दर्द बने तो बेलगाम अभ्यास न करें, फिजियो सलाह लें।
प्रेरणा के लिए: नीजऱ चोपड़ा जैसे एथलीटों के वीडियो और उनकी ट्रेनिंग रूटीन देखें, पर हमेशा अपनी बॉडी के हिसाब से अभ्यास बदलें। छोटे-छोटे सुधार हर महीने बड़ी दूरी जोड़ सकते हैं।
अगर आप चाहें तो मैं आपकी ट्रेनिंग प्लान या सप्ताहिक ड्रिल्स बना कर दे सकता हूँ—बताइए किस लेवल पर हैं और क्या लक्ष्य है।
नीरज चोपड़ा, जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचा था, अब पेरिस 2024 ओलंपिक्स में अपने स्वर्ण पदक का बचाव करने के लिए तैयार हैं। नीरज की तैयारी संयमित और स्वास्थ्य-प्रधान रही है, जिससे उनकी सफलता की संभावना और बढ़ गई है।
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