पेरिस 2024 ओलंपिक्स में दूसरा स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य: नीरज चोपड़ा

पेरिस 2024 ओलंपिक्स में दूसरा स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य: नीरज चोपड़ा अग॰, 7 2024

पेरिस 2024 ओलंपिक्स में दूसरा स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य: नीरज चोपड़ा

नीरज चोपड़ा, जो टोक्यो ओलंपिक्स में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच चुके हैं, अब पेरिस 2024 में अपने खिताब को बरकरार रखने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। जेवलिन थ्रो के मौजूदा ओलंपिक और विश्व चैंपियन नीरज की तैयारियों का दौर संयमित और सोच-समझकर किया गया है, जिसमें उन्होंने अपने स्वास्थ्य और प्रशिक्षण का विशेष ध्यान रखा है।

नीरज ने इस साल की शुरुआत दोहा डायमंड लीग में एक प्रभावित करने वाले प्रदर्शन के साथ की थी, जिसमें उन्होंने 88.36 मीटर की दूरी तक जेवलिन फेंका था। यह इस साल नीरज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है, हालांकि वह 90 मीटर के निशान को पार नहीं कर पाए। इसके बावजूद, नीरज ने प्रमुख प्रतियोगिताओं में लगातार 87-89 मीटर की दूरी तक फेंक कर अपना दबदबा कायम रखा है।

पेरिस ओलंपिक्स के लिए पुरुषों के जेवलिन थ्रो की योग्यता प्रतियोगिता मंगलवार, 6 अगस्त को और फाइनल गुरुवार, 8 अगस्त को आयोजित की जाएगी। नीरज की इस महत्वपूर्ण प्रतियोगिता के लिए तैयारियां बेहद रणनीतिक रही हैं, जहां उन्होंने अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी और बहुत कम प्रतियोगिताओं में भाग लिया।

यह केवल नीरज ही नहीं, बल्कि भारतीय एथलीटों किशोर कुमार जेना और डीपी मनु ने भी इस इवेंट के लिए योग्यता प्राप्त की है। हालांकि, मनु को जून में डोप टेस्ट में विफलता के बाद अपने स्पॉट से हाथ धोना पड़ा।

मुख्य प्रतिद्वंदी

नीरज के मुख्य प्रतिद्वंद्वियों में जर्मन किशोर मैक्स देहनींग शामिल हैं, जिन्होंने इस साल 90.20 मीटर की दूरी फेंकी है। इसके अलावा, जर्मनी के जोहान्स वेटर, जो चोटों से जूझ रहे हैं और पेरिस ओलंपिक्स के लिए योग्यता प्राप्त नहीं कर पाए हैं।

नीरज चोपड़ा का आत्मविश्वास और निरंतरता उन्हें स्वर्ण पदक के लिए एक मजबूत दावेदार बनाते हैं। वह जेवलिन के दिग्गज जान ज़ेलेझ्नी के उपलब्धियों से प्रेरणा लेते हैं, जिन्होंने कई बार ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप खिताब जीते हैं।

स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित

स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित

नीरज ने अपनी सफलताओं के पीछे स्वास्थ्य को प्रमुख महत्व दिया है। स्वास्थ्य और संयमित तरीके से प्रतियोगिताओं में भाग लेना उनकी सफलता की कुंजी रहे हैं। उनके इस संतुलित और रणनीतिक दृष्टिकोण ने न केवल उनकी वर्तमान सफलताओं में योगदान दिया है, बल्कि पेरिस ओलंपिक्स में उनके अच्छे प्रदर्शन की संभावनाओं को भी बढ़ाया है। एक रणनीतिक योजना ने उनके प्रवास को थोड़ा धीमा लेकिन स्थिर कर दिया है, जिससे उनकी फिजिकल फिटनेस बनी रहती है।

2020 के टोक्यो ओलंपिक्स में स्वर्ण पदक जीतने के बाद नीरज ने भारत में खेल प्रेमियों को गर्व और खुशी से भर दिया था। उनके वह समय से अब तक के सफर में, उनके स्वास्थ्य और प्रशिक्षण के संतुलित दृष्टिकोण ने उन्हें हमेशा बेहतर और मजबूत बनाने में मदद की है।

आखिरकार, नीरज का लक्ष्य साफ है - पेरिस ओलंपिक्स 2024 में अपने स्वर्ण पदक का बचाव करना। उनकी तैयारी में संयम, स्वास्थ्य पर ध्यान और रणनीतिक दृष्टिकोण, इन सभी ने उन्हें एक विशेष खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है। यह देखना बेहद रोमांचक होगा कि नीरज चोपड़ा एक बार फिर से भारत का गौरव बढ़ाते हैं और एक और स्वर्ण पदक के साथ इतिहास रचते हैं।