अश्विनी वैष्णव एक भारतीय राजनीतिक नेता, जो संविधान के अनुपालन और न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए जाने जाते हैं हैं। वे लोकसभा के सांसद रह चुके हैं और अपनी सख्त रवैये के लिए जाने जाते हैं, खासकर जब बात आती है नियमों की बात। उनका काम सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि यह देखना है कि सत्ता किसी भी संस्था के ऊपर न चढ़ जाए। उनके खिलाफ कई मामले आए हैं, लेकिन उन्होंने हमेशा संविधान को अपना हथियार बनाया।
उनकी जिम्मेदारी अक्सर संविधान, भारत का सर्वोच्च कानून, जिसके तहत सभी निकाय काम करते हैं के अनुपालन को लेकर होती है। जब कोई न्यायाधीश या सरकारी अधिकारी नियम तोड़ता है, तो वैष्णव उसके खिलाफ आवाज़ उठाते हैं। उनके द्वारा शुरू किए गए मामले अक्सर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच जाते हैं। उनकी विशेषता है कि वे राजनीतिक पार्टी से जुड़े बिना, सिर्फ कानून के आधार पर काम करते हैं। यही वजह है कि उन्हें न्यायपालिका, जो देश के कानूनों की व्याख्या करती है और उन्हें लागू करती है के बीच एक अनूठा संबंध है।
उनकी राजनीतिक यात्रा ने कई बार संविधान के अर्थ को नए तरीके से समझाया है। उन्होंने अपने दावों में कभी भी व्यक्तिगत लाभ नहीं देखा, बल्कि यह साबित किया कि कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए। उनके खिलाफ आए मुकदमे उनके दावों की गहराई को दर्शाते हैं, न कि उनकी गलती। उनकी नीति सिर्फ एक राजनेता की नहीं, बल्कि एक नागरिक की है जो देश के नियमों को बचाना चाहता है।
इस पेज पर आपको अश्विनी वैष्णव के जीवन, उनके दावों, उनके टकराव, और उनके द्वारा शुरू किए गए महत्वपूर्ण मामलों की पूरी जानकारी मिलेगी। आप देखेंगे कि वे कैसे एक आम नागरिक के रूप में भी राष्ट्र के लिए काम करते हैं। यहां आपको उनके बारे में सब कुछ मिलेगा — जिसे आपने कभी सोचा भी नहीं होगा।
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