क्या कभी सोचा है कि एक अभिनेत्री की सुरक्षा सिर्फ बॉडीगार्ड तक सीमित नहीं होती? फैन्स, मीडिया और सोशल मीडिया के जमाने में सुरक्षा का मतलब बहुत कुछ होता है — शारीरिक, डिजिटल और मानसिक दोनों। यहां सीधे, उपयोगी और तुरंत अपनाने वाले कदम दिए गए हैं जिन्हें आप खुद, आपकी टीम या परिवार आसानी से लागू कर सकते हैं।
शूटिंग सेट, इवेंट या सार्वजनिक जगह पर जाने से पहले एक छोटा चेकलिस्ट रखें: लोकेशन की सुरक्षा जाँच, निकास रास्ते साझा करना, और भरोसेमंद परिवहन व्यवस्था तय करना। क्या ड्राइवर और वाहन पहले से तय हैं? होटल में चेक-इन करने पर कमरे की खिड़कियों और दरवाज़ों की स्थिति देखें और अपने मैनेजमेंट को रीयल‑टाइम लोकेशन दें।
इवेंट्स में प्रवेश-निकासी का रूट पहले से तय करें। भीड़ वाले जगहों पर सीटिंग प्लान और स्टेज पर कब तक रहना है, यह सीमित रखें। पब्लिक अपीयरेंस के लिए एक छोटा, प्रशिक्षित सुरक्षा स्टाफ रखें जो भीड़ नियंत्रण और इमरजेंसी रेस्पॉन्स जानता हो।
ऑन-सेट पर टीम को स्पष्ट नियम दें: अजनबियों को बैकस्टेज अनुमति न दें, फोटोग्राफी पर नियंत्रण रखें और किसी भी असामान्य व्यवहार को तुरंत रिपोर्ट करें। सुरक्षा उपकरण जैसे पर्सनल अलार्म और व्हिसल हमेशा साथ रखें।
सोशल मीडिया पर अपनी लोकेशन शेयर करने से बचें। लाइव स्ट्रीम या इंस्टाग्राम स्टोरी में रीयल‑टाइम लोकेशन टैग न लगाएं। प्रोफाइल प्राइवेसी बढ़ाएँ और दो-स्टेप वेरिफिकेशन चालू रखें। अनजाने फॉलोअर्स के संदेशों को ब्लॉक या रिपोर्ट करें।
स्टॉकरिंग या धमकी मिलने पर स्क्रीनशॉट और मैसेज की बैकअप कॉपी बनाएं। ये प्रमाण बाद में पुलिस या वकील काम आएंगे। किसी भी धमकी को हल्के में न लें — तुरंत स्थानीय पुलिस और अपनी कानूनी टीम को सूचित करें।
एप्स और सेवाओं की परमिशन चेक करें — कौन सी ऐप आपके कैमरा, माइक्रोफोन या लोकेशन एक्सेस कर रही है, यह नियमित तौर पर रिव्यू करें। पासवर्ड मैनेजर और मजबूत, यूनिक पासवर्ड का इस्तेमाल करें।
बिना वजह के छवि या निजी वीडियो के शेयर होने से बचने के लिए, कंटेंट शेयर करने से पहले टीम के साथ प्रूफरीड करें और संवेदनशील सामग्री को ऑफलाइन रखें।
अगर खतरा बढ़ता है तो क्या करें? सबसे पहले सुरक्षित जगह पर जाएं, नजदीकी पुलिस स्टेशन को कॉल करें, अपने मैनेजर और भरोसेमंद संपर्कों को सूचित करें। कानूनी सलाह लें और जरुरत हो तो कोर्ट से रोक-order (restraining order) के लिए आवेदन करें।
अंत में, हमेशा अपनी सुरक्षा पर निवेश को दिल से लें — खुद की सुरक्षा का मतलब आपकी शांति और करियर की सुरक्षा भी है। छोटी-छोटी आदतें, जैसे यात्रा की जानकारी शेयर न करना या सोशल प्रोफाइल की सेटिंग अपडेट रखना, बड़े खतरे को रोक सकती हैं। जरूरत पड़े तो प्रोफेशनल सिक्योरिटी एडवाइस और साइकोलॉजिकल सपोर्ट लें — यह कमज़ोरी नहीं, स्मार्ट कदम है।
जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट में मलयालम सिनेमा उद्योग में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के मामले उजागर हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाएं कार्य शुरू करने से पहले ही अनचाहे प्रस्तावों का सामना करती हैं और अक्सर उन्हें समझौता करने के लिए मजबूर किया जाता है। समिति ने 2019 में यह रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसे अब सार्वजनिक कर दिया गया है।
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