प्रियंका गांधी का वायनाड से चुनाव लड़ने का ऐलान, भाजपा ने कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाया
जून, 18 2024प्रियंका गांधी वाड्रा के वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़ने के फैसले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस ने इस कदम की घोषणा की है, जिसके बाद भाजपा ने पार्टी पर परिवारवाद का आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस अपने राजनीतिक वंश को बचाना चाहती है और इसीलिए वाड्रा को मैदान में उतारकर परिवारवाद की राजनीति कर रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे और वायनाड की सीट अब प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए खाली कर दी जायेगी। इसका मतलब यह है कि राहुल गांधी दो सीटों से नहीं लड़ेंगे बल्कि केवल रायबरेली से ही चुनाव लड़ेंगे।
भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने कांग्रेस पर जनता के साथ धोखा करने और अपनी मंशाओं को छुपाने का आरोप लगाया। चंद्रशेखर ने कहा कि पार्टी ने शुरू में यह खुलासा नहीं किया था कि राहुल गांधी किसी अन्य निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने वायनाड के मतदाताओं पर अपनी वंश परंपरा को थोपना चाहा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने इसका जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 के लोकसभा चुनाव का उल्लेख किया, जब उन्होंने वडोदरा और वाराणसी दोनों सीटों से चुनाव लड़ा था। खेड़ा ने कहा कि मोदी ने भी अपने मतदाताओं से यह तथ्य छुपाया था कि वह वाराणसी से भी चुनाव लड़ेंगे।
भाजपा ने राहुल गांधी पर रायबरेली सीट खाली नहीं करने के लिए भी निशाना साधा। उनका आरोप है कि इसका मकसद ये है कि उपचुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित हो सके।
अगर चुनी गईं, तो यह प्रियंका गांधी वाड्रा का लोकसभा में पहला कार्यकाल होगा। इसका मतलब यह होगा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा एक साथ संसद में होंगे।
प्रियंका गांधी वाड्रा के वायनाड से चुनाव लड़ने के इस फैसले ने राजनीतिक समीकरणों को बदल दिया है। भाजपा परिवारवाद का आरोप लगाकर कांग्रेस पर हमला कर रही है, वहीं कांग्रेस भाजपा के निर्णयों और उनके नेताओं के पिछले चुनावों को गिनाते हुए पलटवार कर रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह राजनीति की चालें किस दिशा में जाती हैं और मतदाता क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
वायनाड की सीट से चुनाव लड़ने का अर्थ यह है कि कांग्रेस अपने प्रमुख नेताओं को सुरक्षित और मजबूत सीटों से चुनाव हेतु मैदान में उतार रही है। प्रियंका गांधी वाड्रा की राजनीतिक सक्रियता को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि वे आने वाले चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।