ईरान ने इजरायल पर लॉन्च किए 180 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें
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ईरान ने की बड़ी मिसाइल कार्रवाई
ईरान ने इजरायल पर 180 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागकर पूरी दुनिया को चौंका दिया है। इस मिसाइल हमले के बाद इजरायल ने गंभीर परिणामों की चेतावनी दी। यह हमला इजरायल द्वारा हाल ही में दक्षिणी लेबनान में की गई कार्रवाई के प्रतिवाद में हुआ। इजरायल ने 'हिज़्बुल्लाह आतंकवादी ठिकानों' को निशाना बनाया था, जो सीमा गांवों में बसे थे।
अमेरिकी हस्तक्षेप
सफेद सदन के एक उच्च पदाधिकारी ने बताया कि अमेरिका को पहले ही संकेत मिल गए थे कि ईरान इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइल हमले की तैयारी कर रहा है। अमेरिका की चेतावनी के बाद एक्शन में आया इजरायल। इस खबर के बाद से अमेरिकी प्रशासन ने भी स्थिति पर कड़ी निगरानी रखना शुरू कर दी है और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने की तैयारी में जुट गया है।
इजरायल की तैयारी
इजरायली रक्षा बलों (IDF) के प्रवक्ता, रियर एडमिरल डैनियल हागारी ने पुष्टि की कि अमेरिकी सरकार ने पहले ही इजरायल को ईरान की संभावित हमले की जानकारी दी थी। हागारी ने कहा कि इजरायल पहले भी ऐसे खतरों का प्रबंधन कर चुका है और इस बार भी तैयार है। उन्होंने बताया कि इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली पूरी तरह से सक्रिय है और इजरायली वायु सेना के विमान लगातार गश्त कर रहे हैं।
हालांकि, हागारी ने चेतावनी दी कि सुरक्षा प्रणाली पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है और जनता को होम फ्रंट कमांड द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है। होम फ्रंट कमांड ने सार्वजनिक स्थानों में 30 से अधिक लोगों की सभाओं को सीमित करने और इनडोर सभाओं को 300 लोगों तक सीमित रखने की सलाह दी है।
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प्रधानमंत्री नेतन्याहू का संदेश
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश में राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि इजरायल एक 'बुराई के गठबंधन' के खिलाफ लड़ाई में है और इस चुनौतीपूर्ण समय में दृढ़ता से खड़ा रहेगा। नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
अमेरिकी रक्षा समर्थन
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका मध्य पूर्व के घटनाक्रमों पर करीबी नजर रख रहा है और इजरायल की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिकी सशस्त्र बलों की केंद्रीय कमान ने मध्य पूर्व में अतिरिक्त F-16, F-15E लड़ाकू विमानों और A-10 हमले के विमानों की तैनाती की घोषणा की है, जिनमें से एक स्क्वाड्रन पहले से ही वहाँ हो चुका है।
सेनाओं का मजबूत हस्तक्षेप
पेंटागन ने क्षेत्र में अमेरिकी बलों की रक्षा स्थिति को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं, जिसमें यूएसएस अब्राहम लिंकन कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को वहां बनाए रखने का निर्णय शामिल है। सीबीएस न्यूज़ से बात करते हुए अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि किसी भी हमले की स्थिति में यह हमला अप्रैल 13 के हमले से भी बड़ा हो सकता है, जब ईरान ने सीरिया में अपने कॉन्सुलेट पर जानलेवा हमले के बाद इजरायल पर 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागी थीं।
ईरान का प्रतिरोध
ईरान के सर्वोच्च नेता ने शनिवार को घोषणा की कि लेबनानी आतंकवादी समूह हिज़्बुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या का बदला लिया जाएगा। ईरान ने यह चेतावनी तब दी जब इजरायली बलों ने दक्षिणी लेबनान में सीमा क्षेत्रों में 'हिज़्बुल्लाह आतंकवादी ठिकानों' पर हमला किया था।
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बढ़ते संघर्ष की आशंका
गाजा युद्ध के कारण लगभग एक वर्ष से चली आ रही सीमा पार संघर्ष की स्थिति के बाद इजरायल ने आक्रामक रुख अपनाया है। इजरायल ने हिज़्बुल्लाह की कार्रवाइयों से प्रभावित सीमा क्षेत्रों में विस्थापित निवासियों की वापसी को सुरक्षित रखने का वचन दिया है। चिंताएं फैल रही हैं कि इस लंबे समय से चल रहे संघर्ष की बढ़ती तीव्रता पूरे क्षेत्रीय युद्ध में परिणत हो सकती है जिसमें अमेरिका और ईरान दोनों शामिल हो सकते हैं।