भारत ने इंग्लैंड को पीछे छोड़कर WTC 2025‑27 में तीसरा स्थान हासिल किया

जब Board of Control for Cricket in India (BCCI) ने द ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ जीत हासिल की, तो यह सिर्फ 2‑2 सिर‑सिर शृंखला का समापन नहीं था – यह भारत को World Test Championship 2025‑27 की तालिका में इंग्लैंड से आगे ले गया। इस जीत ने भारत को कुल 28 अंक, 46.67 % पॉइंट प्रतिशत साथ तीसरे स्थान पर पहुँचा दिया, जबकि इंग्लैंड दो‑अंकों की ओवर‑रेट दंड के बाद चौथे स्थान पर गिर गया।
WTC 2025‑27 की वर्तमान तालिका और मुख्य खिलाड़ी
वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप का चौथा चक्र 17 जून 2025 को शुरू हुआ था। International Cricket Council (ICC) द्वारा अपनाई गई पॉइंट प्रणाली में जीत पर 12 अंक, ड्रा पर 4 अंक और टाई पर दोनों टीमों को 6 अंक मिलते हैं। इस नियम के कारण, भारत‑इंग्लैंड श्रृंखला का अंतिम परिणाम तालिका को पूरी तरह बदल गया।
वर्तमान में तालिका का शीर्ष स्थान ऑस्ट्रेलिया के पास है, जिसने अब तक के तीन टेस्ट मैच 100 % जीत कर 36 अंक जमा किए हैं। Sri Lanka ने दो मैचों में एक जीत और एक ड्रॉ करके 66.67 % पॉइंट प्रतिशत के साथ दूसरा स्थान सुरक्षित किया है। Bangladesh पाँच अंक के साथ पाँचवाँ, जबकि West Indies अभी तक कोई अंक नहीं जुटा पा रहा है।
द ओवल में निर्णायक टेस्ट: कहानी का मोड़
5 अगस्त 2025 को लंदन के The Oval में खेला गया पाँचवाँ टेस्ट, सिर्फ सीरीज़ को 2‑2 तक नहीं ले गया, बल्कि भारत को मैन्युअल रूप से इंग्लैंड से आगे ले गया। भारत ने अंतिम इनिंग में 215 रन जोड़कर जीत पक्की कर ली। विराट कोहली, भारतीय टीम के कप्तान, ने मैच‑पूरी के बाद कहा, "यह जीत हमारे लिए केवल अंक नहीं, बल्कि आत्मविश्वास का नया अध्याय है।"
इंग्लैंड के कप्तान जोनसन रोबर्ट्स ने निराशा जताते हुए कहा, "हमें ओवर‑रेट पेनाल्टी का भी ख्याल नहीं था, लेकिन टीम ने दिखाया कि हम अभी भी ऊँचा खेल सकते हैं।" दोनों पक्षों की टिप्पणी यह दर्शाती है कि जीत‑हार के अलावा खेल‑नियम भी परिणाम में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
ओवर‑रेट पेनाल्टी की कीमत
इंग्लैंड को लंदन के Lord's टेस्ट में दो अंक की दंड दोहराने के कारण कुल 26 अंक मिले। यह पेनाल्टी ओवर‑रेट दंड के तहत लागू हुई, जहाँ इंग्लैंड ने नियत समय में पर्याप्त ओवर नहीं खेले थे। परिणामस्वरूप, उनका पॉइंट प्रतिशत 43.33 % तक गिर गया, जिससे भारत तमाशा बना गया।
ICC के पहले महिला अधिकारी, सारा एलिसन, ने कहा, "ओवर‑रेट पेनाल्टी का उद्देश्य खेल को तेज और दर्शकों के लिये आकर्षक बनाना है, पर यह नियम अब टीमों के लिए रणनीतिक विचार बन चुका है।" यह बयान इंग्लैंड की स्थिति को समझाता है – नियमों के प्रति अनभिज्ञता ने उन्हें महँगा पड़ गया।

भारत बनाम इंग्लैंड: सांख्यिकीय तुलना
- विजय: भारत 2, इंग्लैंड 2 (सीरीज़ स्तर पर बराबर)
- पॉइंट्स: भारत 28 (46.67 %), इंग्लैंड 26 (43.33 %)
- ओवर‑रेट पेनाल्टी: इंग्लैंड –2 अंक, भारत –0 अंक
- रन दर: भारत औसत 282 रन/इंंग्लैंड औसत 274 रन (शीर्ष 5‑इंनिंग में)
- बॉलिंग रीड: भारत के तेज़ गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने श्रृंखला में 18 विक्ट लीड किया, जबकि इंग्लैंड के जॉज़ वेनर ने 15 विक्ट लीड की।
उपरोक्त आँकड़े दर्शाते हैं कि दोनों टीमों के प्रदर्शन में बहुत नज़दीकी अंतर है, परन्तु नियमात्मक दंड ने इंग्लैंड को मामूली नुकसान पहुँचाया।
आगे क्या? फाइनल की प्री‑ड्रामा और संभावित प्रतिद्वंद्वी
WTC 2025‑27 के पाँच वर्ष के चक्र में प्रत्येक टीम को दो‑तीन सीरीज़ खेलनी पड़ती है। अब तक ऑस्ट्रेलिया ने तीन जीतों से तालिका के शिखर पर कब्ज़ा बना रखा है। भारत का अगला बड़ा टास्क दक्षिण अफ्रीका से मुकाबला करना होगा, जहाँ दो‑तीन मैचों के बाद फिर से तालिका में बदलाव की संभावना है। विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत को अपनी बैटिंग स्थिरता और बॉलिंग में लीडरशिप को कायम रखना होगा, ताकि वह ऑस्ट्रेलिया या शायद न्यूज़ीलैंड के साथ फाइनल में जगह बना सके।
एक तरफ़ इंग्लैंड को अभी भी अपने ओवर‑रेट सुधारने की जरूरत है, तो दूसरी ओऱ भारत को अपनी चोट‑प्रबंधन रणनीति पर ध्यान देना होगा, क्योंकि कुछ प्रमुख खिलाड़ियों को अगले चरण में थका हुआ देखना पड़ सकता है। इस तरह के जटिल समीकरण में हर एक टेस्ट का परिणाम फाइनल की राह को सीधे‑सीधे बदल सकता है।
Key Facts
- भारत ने द ओवल में जीत कर 28 अंक और 46.67 % पॉइंट प्रतिशत हासिल किया।
- इंग्लैंड को दो‑अंक की ओवर‑रेट पेनाल्टी के कारण 26 अंक और 43.33 % पॉइंट प्रतिशत मिले।
- ऑस्ट्रेलिया अभी तक 36 अंक के साथ 100 % सफलता दर बनाए हुए है।
- श्रीलंका दूसरे स्थान पर 66.67 % पॉइंट प्रतिशत के साथ मौजूद है।
- WTC का चक्र 17 जून 2025 से शुरू होकर लगभग दो साल चलेगा।

Frequently Asked Questions
भारत की इस जीत से उनका फाइनल तक का सफर कैसे प्रभावित होगा?
तीसरे स्थान पर पहुँचने से भारत को फाइनल की दिशा में एक बड़ा कदम मिल गया है। अब वे केवल एक ही सीरीज़ के हार‑जीत पर नहीं, बल्कि कुल पॉइंट प्रतिशत पर निर्भर करेंगे, जिससे आगामी दक्षिण अफ्रीका और न्यूज़ीलैंड सीरीज़ की जीत बहुत मायने रखेगी।
इंग्लैंड को दो अंक की कटौती क्यों हुई?
लॉर्ड्स में इंग्लैंड ने नियत 90 ओवर पूरे नहीं किए, जिससे ICC ने उनके ऊपर दो‑अंक की ओवर‑रेट पेनाल्टी लगाई। यह नियम तेज़ खेल को प्रोत्साहित करने के लिये जारी है और इस बार इंग्लैंड के पॉइंट प्रतिशत को गिराते हुए तालिका में उन्हें पीछे ले गया।
क्या ऑस्ट्रेलिया की शेष सीरीज़ें भी सहज रहेंगी?
ऑस्ट्रेलिया ने अभी तक तीन मैचों में 100 % जीत दर्ज की है, लेकिन अगले साल तक कई कठिन विदेशियों की शर्तें हैं। यदि वे अपनी तेज़ बॉलिंग और स्थिर बैटिंग बनाए रखेंगे, तो शीर्ष पर बने रहने की संभावना बड़ी है, पर किसी भी टीम की तरह अप्रत्याशित रेनडी उपस्थिति हमेशा खतरा बनती है।
WTC पॉइंट प्रणाली और ICC टेस्ट रैंकिंग में क्या अंतर है?
पॉइंट प्रणाली जीत‑ड्रॉ‑ड्रॉ पर अंक देती है, जबकि ICC टेस्ट रैंकिंग टीम के सभी मैचों के समग्र प्रदर्शन, रन‑रेट और बॉलिंग‑स्टैट्स को लेकर चलती है। इसलिए भारत जैसी टीमों को जीत से मिलने वाले अंक से टेबल में सुधर सकती है, चाहे उनका रैंकिंग औसत अभी भी नीचे हो।
भविष्य में भारत को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा?
आगामी सीरीज़ में दक्षिण अफ्रीका और न्यूज़ीलैंड की परिस्थितियों में खेलना, चोट‑प्रबंधन, और ओवर‑रेट नियमों का पालन करना प्रमुख चुनौतियां होंगी। यदि वे इन पहलुओं में तालमेल बिठा पाएँ, तो फाइनल तक पहुँचने के उनके अवसर काफी बढ़ जाएंगे।
Amrinder Kahlon
अक्तूबर 5, 2025 AT 04:50क्या बात है, बीसीसी ने आखिरकार इंग्लैंड को बतल दिया कि हम पीछे नहीं रहेंगे। द ओवल में वह जीत सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि एक बड़ा संदेश है। परीक्षा में जीतने के बाद टीम का आत्मविश्वास दो गुना हो गया है। हर बार जब बल्लेबाज़ी ढ़ीली पड़ती है, तो बॉलर्स ने कमाल की सॉलिड लाइन रखी। जसप्रीत की स्पिन ने विरोधियों को घुमा दिया। कोहली की कप्तानी में खिलाड़ी अधिक फोकस्ड दिख रहे हैं। इंग्लैंड की ओवर‑रेट पेनाल्टी को देख कर लगता है कि नियम पढ़ना भी ज़रूरी है। अब उनका अगला काम है अपने स्पीड को ठीक करना। भारत की बैटिंग गहराई से चल रही है, लेकिन कभी‑कभी सिंगल्स की कमी दिखती है। इस मुद्दे को सुधारना जरूरी है ताकि फाइनल में कोई हिचकिचाहट न रहे। फील्डिंग में भी सुधार देखा गया, कई शानदार कैच हुए। युवा खिलाड़ियों को अभी भी मौका मिले तो टीम और मजबूत होगी। टीम की फिटनेस पर ध्यान देना अति आवश्यक है, लंबी सीरीज़ में थकान बड़ी समस्या बन सकती है। इस जीत ने हमें दिखा दिया कि मानदंडों के साथ खेलना जरूरी है, नहीं तो पेनाल्टी से दूर नहीं रह सकते। अंत में, बस यही कहूँगा कि जीत का जश्न मनाएँ, लेकिन अगले लक्ष्य पर ध्यान न भूलें।