विकसित भारत बिल्डाथन 2025 की रजिस्ट्रेशन बंद, मोदी करेंगे उद्घाटन

विकसित भारत बिल्डाथन 2025 की रजिस्ट्रेशन बंद, मोदी करेंगे उद्घाटन अक्तू॰, 7 2025

विकसित भारत बिल्डाथन 2025 की आधिकारिक रजिस्ट्रेशन 6 अक्टूबर 2025 को बंद हो गई, जिससे भारत के 1.5 लाख से अधिक स्कूलों के लगभग 1 करोड़ छात्र अपनी‑अपनी टीमों के साथ अगली चुनौती की तैयारी में जुट गए। नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री इस राष्ट्रीय लाइव बिल्डाथन को 13 अक्टूबर को उद्घाटित करेंगे, जबकि धर्मेंद्र प्रदान, शिक्षा मंत्री ने इस पहल को भारत की विकसित राष्ट्र 2047 की दृष्टि के साथ जोड़ते हुए कहा, “यह सिर्फ प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि एक परिवर्तनकारी शैक्षणिक अनुभव है।”

पृष्ठभूमि और राष्ट्रीय नीति से संबंध

विकसित भारत बिल्डाथन 2025 का लॉन्च 23 सितंबर 2025 को शिक्षा मंत्रालय ने अटल इनोवेशन मिशन (AIM) के सहयोग से किया। यह पहल नीति आयोग (NITI Aayog) और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) की सह‑समर्थन में कार्यान्वित हो रही है। कार्यक्रम का मूल उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के ‘हाथ‑ऑन, अनुभव‑आधारित सीखने’ के सिद्धांतों को स्कूल कक्षाओं में बुनियादी रूप से लागू करना है।

कार्यक्रम विवरण और प्रतिभागी नियम

यह बिल्डाथन कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को लक्षित करता है। प्रत्येक टीम में 5‑7 सदस्य हो सकते हैं, और कोई भी स्कूल बिना सीमा के कई टीमों का पंजीकरण कर सकता है। पंजीकरण के दौरान, छात्र vbb.mic.gov.in पर "Register/Login" बटन पर क्लिक करके अपने प्रोजेक्ट का प्रारम्भिक विचार जमा करते हैं। स्कूल‑स्तर पर शिक्षक भी "School Teacher Registration 2025" लिंक के माध्यम से पंजीकरण कर सकते थे।

मुख्य राष्ट्रीय थीमों में ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ शामिल हैं, जिससे छात्रों को स्थानीय समस्याओं के व्यावहारिक समाधान विकसित करने का मौका मिलता है।

मुख्य भागीदार और समर्थन संरचना

अटल इनोवेशन मिशन, एक सरकारी‑निधारित स्टार्ट‑अप इन्क्यूबेशन नेटवर्क, यह सुनिश्चित करेगा कि प्रतिभागी छात्रों को तकनीकी मार्गदर्शन, उपकरण और प्रो‑टेस्टिंग सुविधाएं मिलें। NITI Aayog के रणनीतिक सलाहकार बोर्ड ने कार्यक्रम की बारीकियों को राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों से जोड़ने में भूमिका निभाई। AICTE ने तकनीकी पाठ्यक्रम में इस इवेंट को सम्मिलित करने के लिए मानक बनाये।

संघीय स्तर पर, धर्मेंद्र प्रदान ने कहा, “हमारा लक्ष्य छात्रों को वास्तविक‑जीवन समस्याओं के साथ जोड़ना है, ताकि वे नवाचार के माध्यम से अपने भविष्य को सशक्त बना सकें।”

भागीदारी और अपेक्षित प्रभाव

उम्मीद है कि 1 करोड़ छात्र 10 हजार शीर्ष प्रविष्टियों के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। शीर्ष 10 हजार टीमों को राष्ट्रीय मान्यता, मेंटरिंग अवसर और कॉर्पोरेट अपनाने की संभावना मिलेगी। इस पहल से छात्रों का समस्या‑समाधान कौशल, टीम‑वर्क क्षमता और उद्यमिता मानसिकता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान मिलेगा।

विशेष रूप से, आस्पिरेशन जिलों, आदिवासी क्षेत्रों और दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों को शामिल करने के लिए अनिवार्य कोटा रखा गया है, जिससे सामाजिक‑आर्थिक विविधता को बढ़ावा मिलेगा।

अगले चरण और समय‑सारिणी

  • 6 अक्टूबर 2025 – पंजीकरण अंतिम तिथि
  • 6‑12 अक्टूबर 2025 – टीम‑तैयारी अवधि (प्रोटोटाइप विकास)
  • 13 अक्टूबर 2025 – राष्ट्रीय लाइव बिल्डाथन (भारत) का उद्घाटन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा
  • 13‑31 अक्टूबर 2025 – अंतिम प्रोजेक्ट सबमिशन
  • 1 नवंबर‑31 दिसंबर 2025 – मूल्यांकन चरण
  • जनवरी 2026 – परिणाम एवं पुरस्कार घोषणा

इस पूरी प्रक्रिया में, स्कूल‑स्तर पर टीम गठन से लेकर अंतिम प्रस्तुति तक, लगभग दो महीनों की सक्रिय सहभागिता आवश्यक होगी। इस दौरान, AIM के विशेषज्ञ, AICTE के तकनीकी प्रशिक्षक और NITI Aayog के नीति सलाहकार नियमित वेबिनार और कार्यशालाओं का आयोजन करेंगे।

भविष्य की दिशा और संभावनाएँ

विकसित भारत बिल्डाथन को एक बार की घटना नहीं, बल्कि एक सतत नवाचार इको‑सिस्टम के रूप में स्थापित किया जा रहा है। आगामी वर्षों में, इसे अंतरराष्ट्रीय स्कूल‑स्टूडेंट प्रतियोगिताओं के साथ समन्वयित करने की योजना है, जिससे भारतीय छात्र वैश्विक मंच पर अपनी तकनीकी क्षमताओं को प्रदर्शित कर सकें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

विकसित भारत बिल्डाथन 2025 में कौन‑कौन से थीम शामिल हैं?

मुख्य थीम ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ हैं। इनका उद्देश्य छात्रों को स्थानीय समस्याओं का समाधान खोजने और उत्पादन‑आधारित विकास को प्रोत्साहित करने की दिशा में सोचने पर प्रेरित करना है।

रजिस्ट्रेशन के बाद छात्रों के पास कितने दिन का तैयारी समय है?

पंजीकरण समाप्त होने के बाद 6‑12 अक्टूबर के बीच छात्रों को अपने प्रोटोटाइप को विकसित करने और परिष्कृत करने के लिये सात दिन का समय मिलता है। यह अवधि लाइव बिल्डाथन से पहले निर्धारित की गई है।

टॉप 10 000 प्रविष्टियों को किस तरह का पुरस्कार मिलेगा?

टॉप 10 000 टीमों को राष्ट्रीय मान्यता प्रमाणपत्र, मेंटरिंग सत्र, तथा बड़े उद्योग समूहों के साथ सहयोग के अवसर मिलेंगे। इसके अतिरिक्त, कई स्टार्ट‑अप इन्क्यूबेटर इन प्रोजेक्ट्स को आगे के विकास के लिये निवेश भी देंगे।

क्या दूरस्थ या ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र भाग ले सकते हैं?

हां, कार्यक्रम ने विशेष रूप से आस्पिरेशन जिलों, आदिवासी क्षेत्रों और दूरस्थ स्थानों के छात्रों को शामिल करने के लिये कोटा निर्धारित किया है, और इन छात्रों को इंटरनेट‑आधारित सहयोग उपकरण प्रदान किए जाएंगे।

परिणाम कब घोषित किए जाएंगे और आगे के कदम क्या होंगे?

परिणाम जनवरी 2026 में आधिकारिक तौर पर घोषित किए जाएंगे। विजेताओं को एक राष्ट्रीय समारोह में सम्मानित किया जाएगा और उन्हें फॉलो‑अप मेंटरिंग व तकनीकी फंडिंग के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

16 टिप्पणि

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    Apu Mistry

    अक्तूबर 7, 2025 AT 03:48

    ये बिल्डाथन तो जुर्रूर दिमाग का जिम है, चलो सिप्पी-सेशन शुरू!

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    uday goud

    अक्तूबर 8, 2025 AT 02:01

    विकसित भारत बिल्डाथन का विचार मनुष्यता के युग में एक नया अध्याय खोलता है।
    जब हम छात्रों को हाथ‑ऑन सीखने के लिये मंच देते हैं, तो वह केवल प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि सृजनशीलता की गलीचा बुनता है।
    सिर्फ तकनीकी कौशल ही नहीं, बल्कि आत्म‑निरीक्षण और सामाजिक उत्तरदायित्व भी विस्तारित होते हैं।
    ‘वोकल फॉर लोकल’ थीम छोटे-छोटे गाँवों के आवाज़ को शहरी मंच पर लाती है, जिससे पारस्परिक समझ में पुल बनता है।
    ‘आत्मनिर्भर भारत’ का संदेश निर्यात‑केन्द्रीकृत नहीं, बल्कि आत्म‑विश्वास के निर्माण पर है।
    ऐसे कार्यक्रम में नीतियों का व्यावहारिक अनुप्रयोग शिक्षा नीति 2020 को जीवित करता है।
    नरेंद्र मोदी की उपस्थिति प्रतिभागियों को राष्ट्रीय गर्व से जोड़ती है, पर असली जीत छात्रों के हाथों में है।
    अटल इनोवेशन मिशन जैसे संस्थान का समर्थन यह दर्शाता है कि नवाचार केवल स्टार्ट‑अप नहीं, बल्कि प्रणालीगत परिवर्तन है।
    आधुनिक भारत की पहचान तभी बन सकती है जब ग्रामीण, आदिवासी और दूरस्थ क्षेत्रों के छात्र समान अवसर पाते हों।
    कोटा प्रणाली से सामाजिक‑आर्थिक विविधता को बढ़ावा मिलता है, जो सामाजिक समरसता के लिये आवश्यक है।
    जब प्रोटोटाइप विकास की अवधि केवल सात दिन की होती है, तो टीम‑वर्क और समय‑प्रबंधन की क्षमता को तेज़ी से परखा जाता है।
    विजेताओं को मिलने वाले मेंटरिंग व फंडिंग अवसर उन्हें आगे के उद्यमी बनाते हैं, जो राष्ट्रीय आर्थिक विकास में योगदान देंगे।
    भविष्य में इस कार्यक्रम का अंतर्राष्ट्रीय मंचों के साथ समन्वय भारतीय नवाचार को वैश्विक स्तर पर स्थापित करेगा।
    समग्र रूप से, यह पहल न केवल छात्रों को तकनीकी साक्षर बनाती है, बल्कि उन्हें राष्ट्र निर्माणकर्ता के रूप में तैयार करती है।
    आइए इस परिवर्तनकारी यात्रा का समर्थन करें और युवा दिलों को सपनों से नहीं, कृत्यों से भरें।

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    Chirantanjyoti Mudoi

    अक्तूबर 9, 2025 AT 00:15

    सच्चे बात तो यही है कि इतने बड़े स्केल के इवेंट में अक्सर सिविल सॉस की धुंधली परत रह जाती है। सरकारी संस्थाएं जो कहती हैं ‘हाथ‑ऑन’ वो अक्सर ‘कागज़‑पर‑ऑन’ तक ही सीमित रहती हैं। इसका असली लाभ वही छात्रों को मिलता है जो पहले से ही सशक्त हैं, जबकि दूरस्थ इलाकों के बच्चे फिर भी डिजिटल असमानता के जाल में फँसे रहते हैं।

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    Surya Banerjee

    अक्तूबर 9, 2025 AT 22:28

    देखिए, हर इवेंट में सुधार की गुंजाइश रहती है, पर हमें छोटे‑छोटे स्कूलों की मेहनत को भी सराहना चाहिए। आपसी सहयोग और मदद से ही हम सभी को एक साथ आगे बढ़ा सकते हैं, चाहे संसाधन कितने भी सीमित हों।

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    Ashutosh Kumar

    अक्तूबर 10, 2025 AT 20:41

    एक बार फिर इस तरह के बड़े कार्यक्रम में राजनीति की छाप दिखी, पर असली हीरो तो हमारे छात्र ही हैं!

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    Gurjeet Chhabra

    अक्तूबर 11, 2025 AT 18:55

    मैं समझता हूँ कि सबको एक साथ लाना कितना मुश्किल है, पर यही तो हमारी ताकत है। छोटे‑छोटे विचारों से बड़े बदलाव आएँगे।

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    AMRESH KUMAR

    अक्तूबर 12, 2025 AT 17:08

    वास्तव में, ये बिल्डाथन हमारे युवाओं को सशक्त बनाने का सही रास्ता है 😊🇮🇳

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    ritesh kumar

    अक्तूबर 13, 2025 AT 15:21

    सरकार की हर नई पहल के पीछे अक्सर छुपी होती है ‘डेटा माइनिंग’ की रणनीति, जो छात्रों की ऑनलाइन गतिविधियों को ट्रैक करती है और भविष्य में नियंत्रण के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

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    Neha Shetty

    अक्तूबर 14, 2025 AT 13:35

    बहुत अच्छा कदम है यह, आशा है सभी स्कूलों को बराबर मौका मिलेगा और बच्चे एक-दूसरे से सीख पाएँगे।

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    Ashish Singh

    अक्तूबर 15, 2025 AT 11:48

    विकसित भारत बिल्डाथन को नैतिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए, जहाँ न केवल तकनीकी क्षमता बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी प्रमुख हो।

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    ravi teja

    अक्तूबर 16, 2025 AT 10:01

    देखा, इस बार तो बड़ी धूमधाम के साथ लॉन्च किया गया है, चलो देखते हैं कितना असर होगा।

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    Harsh Kumar

    अक्तूबर 17, 2025 AT 08:15

    👍🎉 इस इवेंट से कई नए इन्नोवेटर उभरेंगे, चलो सपोर्ट करें! 😊

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    suchi gaur

    अक्तूबर 18, 2025 AT 06:28

    ऐसे पहल तो केवल अभिजात वर्ग की सोच को दिखाती है, असली परिवर्तन तभी होगा जब grass‑roots स्तर पर जुड़ाव हो। 🤔

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    Rajan India

    अक्तूबर 19, 2025 AT 04:41

    ओ भाई, इतना बड़ा इवेंट है, काफी मज़ा आएगा, देखते हैं कौन कौन चमकेगा!

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    Parul Saxena

    अक्तूबर 20, 2025 AT 02:55

    समाज के विभिन्न वर्गों को एक साथ लाने के लिए इस तरह के राष्ट्रीय मंच की आवश्यकता अत्यंत महत्वपूर्ण है।
    जब दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चे भी अपनी रचनात्मकता को प्रदर्शित कर पाते हैं, तो यह सामाजिक समावेशिता का एक आदर्श उदाहरण बन जाता है।
    ऐसे पहल में नीति निर्माताओं को केवल आर्थिक लक्ष्य नहीं, बल्कि मानवता के विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए।
    हमारी युवा पीढ़ी को सशक्त बनाने के लिए केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि सहयोगात्मक सीखने की प्रणाली भी आवश्यक है।
    वोकल फॉर लोकल थीम के माध्यम से स्थानीय समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की कोशिश सराहनीय है।
    आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य केवल उत्पादन नहीं, बल्कि नवाचार की संस्कृति को भी समाहित करता है।
    इसी प्रकार के कार्यक्रमों से ग्रामीण और शहरी छात्रों के बीच सामंजस्य बढ़ता है, जो दीर्घकालिक सामाजिक स्थिरता में योगदान देता है।
    भविष्य में यदि इस मॉडल को अंतरराष्ट्रीय मंचों में भी लाया जाए, तो भारतीय शिक्षा प्रणाली का मान विश्व स्तर पर ऊँचा होगा।

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    Ananth Mohan

    अक्तूबर 21, 2025 AT 01:08

    यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सिद्धांतों को व्यावहारिक रूप से लागू करने का एक ठोस प्रयास है।

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