US Open 2025: कार्लोस अल्काराज़ ने जैनिक सिन्नर को हराकर फिर किया विश्व नंबर 1 का मुकाम

स्पैनिश टेनिसर US Open 2025 में एक यादगार फाइनल खेले, जिसमें वह जैनिक सिन्नर को चार सेट में मात देकर फिर से विश्व नंबर 1 की कुर्सी अपने नाम की। 6-2, 3-6, 6-1, 6-4 के स्कोर ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया और दो युवा सितारों के बीच नई प्रतिद्वंद्विता को सुदृढ़ किया।
अल्काराज़ की जीत के प्रमुख पहलू
पहले सेट में अल्काराज़ ने तेज़ सर्व और सटीक बैकहैंड से सिन्नर को हराने की कोशिश की, और 6-2 से जीत हासिल की। दूसरा सेट में इटैलियन ने अपनी शक्ति दिखाते हुए ब्रेक ली, जिससे वह 6-3 से जवाब दे सका। तीसरे सेट में अल्काराज़ ने फिर से गति पकड़ी, नलिकात्मक कॉरिडोर मारकर 6-1 से सेट बंद किया। चौथे सेट में उसने अपनी मानसिक शक्ति दिखाते हुए महत्वपूर्ण पॉइंट्स पर दबाव बनाया और 6-4 से मैच समाप्त किया।
इस जीत का सबसे बड़ा अर्थ यह है कि अल्काराज़ ने उन 65 लगातार हफ्तों का खिताब जो सिन्नर ने धारण किया था, उसे तोड़ दिया। साथ ही सिन्नर की 27‑मैच ग्रैंड स्लैम हार्ड कोर्ट जीत की श्रृंखला का अंत हुआ, जो इस दशक की सबसे प्रभावशाली रन में से एक थी।
अल्काराज़ ने इस सत्र में असाधारण स्थिरता दिखाई। ATP के आंकड़ों के अनुसार, वह 2025 में कुल 61 जीत और सात शीर्षक लेकर टूर में सबसे आगे है। रोलँड-गारोस में जीत के बाद US Open की जीत ने साबित किया कि वह बड़े दबाव में भी बेधड़क रहता है।

सिन्नर का जज्बा और आगे की राह
हारा हुआ सिन्नर ने पोस्ट‑मैच इंटरव्यू में दिखाया कि वह कितना परिपक्व है। उसने कहा, "रैंकिंग आती-जाती रहती है, लेकिन हमें हमेशा अपने खेल पर ध्यान देना चाहिए"। यह शब्द सिर्फ शिष्टाचार नहीं, बल्कि उसकी मानसिक समझ को भी दर्शाते हैं।
सिन्नर ने बताया कि वह अपने खेल में tactical बदलाव कर रहा है, लेकिन इन बदलावों को मैच के दौरान लागू करना आसान नहीं है। उसका मानना है कि "प्रैक्टिस और मैच दो अलग बातें हैं", पर वह इस चुनौती को स्वीकार कर आगे बढ़ रहा है।
2025 में सिन्नर ने ऑस्ट्रेलिया ओपन और विम्बलडन दोनों जीते थे, जिससे वह इस साल का दूसरा सबसे सफल खिलाड़ी बना। दोनों खिलाड़ियों की टाइटल सूची इस प्रकार है:
- कार्लोस अल्काराज़: रोलँड‑गारोस, US Open
- जैनिक सिन्नर: ऑस्ट्रेलिया ओपन, विम्बलडन
यह संतुलित वितरण उनके बीच की प्रतिद्वंद्विता को और रोमांचक बनाता है। दर्शक अब अगले सत्र में दोनों के बीच बड़े मैचों की उम्मीद कर रहे हैं।
अल्काराज़ ने फाइनल के बाद कहा कि दबाव के तहत खेलने की उसकी क्षमता अब और निखर चुकी है। उसने कहा, "जब मैं दूसरा सेट हारता हूँ, तो मैं खुद को रीसेट कर देता हूँ और फिर से जीतने की योजना बनाता हूँ"। यह मानसिक दृढ़ता उसे आने वाले सत्र में भी टॉप पर रखेगी।
दूसरी ओर सिन्नर ने अपने भविष्य को लेकर आशावादी टिप्पणी की। वह अपने कोच के साथ नई रणनीतियों पर काम कर रहा है और जल्द ही फिर से ग्रैंड स्लैम ट्रॉफी के लिए लड़ने की तैयारी कर रहा है।
इस तरह US Open 2025 ने दो युवा सितारों के बीच एक नई कहानी लिखी, जिसमें अल्काराज़ ने शिखर पर फिर से कब्जा किया और सिन्नर ने अगले कदम के लिए तैयारियों को तेज किया। दोनों खिलाड़ी टेनिस प्रशंसकों को आने वाले समय में और कई रोमांचक मुकाबले देने का वादा कर रहे हैं।
ahmad Suhari hari
सितंबर 26, 2025 AT 06:04अल्काराज़ की इस जीत में सर्विस की औसत गति 213 किमी/घंटा से अधिक रही, जो इस सतत उन्नति को दर्शाता है, और सिन्नर की बैकहैंड के त्रुटियों को दोहराते हुए, इस मैच में 23% पॉइंट्स ड्युअल एरर द्वारा गिने गये थे।
shobhit lal
अक्तूबर 2, 2025 AT 00:57वास्तव में, अगर हम इस मैच को सिर्फ आंकड़ों से देखेंगे तो समझेंगे कि सिन्नर ने फिजिकल कॉन्डिशनिंग में कमी की थी, इसलिए अल्काराज़ को हारना कोई आश्चर्य नहीं था।
suji kumar
अक्तूबर 7, 2025 AT 19:51टेनिस की इस वार्तालाप में हमें सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी विचार करना चाहिए; अर्थात्, स्पेन के इस खिलाड़ी ने न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक के रूप में भी अपनी छाप छोड़ी है, जो कि इस प्रतिस्पर्धा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है; उसकी विनम्रता, जो दर्शकों के साथ संवाद में प्रकट हुई, वह भारतीय दर्शकों को भी प्रेरित कर सकती है; इसके अलावा, इस जीत ने प्रमुख रूप से यूरोपीय टेनिस स्कूलों की रणनीतिक प्रशिक्षण पद्धति को उजागर किया है; यह बात उल्लेखनीय है कि अल्काराज़ ने अपने कोच के साथ मिलकर सर्विस एंगल को 15 डिग्री तक कम किया, जिससे वह अधिक एंगल से बॉल को प्लेस कर सका; वहीँ, सिन्नर ने अपनी पैर बैकहैंड को अधिक स्थिर बनाने के लिए अतिरिक्त जिम सत्र लिया था, परंतु वह मैच में अनुप्रयुक्त नहीं हो पाया; इस प्रकार, दोनों खिलाड़ियों की तैयारी में अंतर स्पष्ट था; हमें यह भी स्मरण रखना चाहिए कि इस मैच में दृढ़ मानसिकता का प्रदर्शन अल्काराज़ ने किया, क्योंकि वह सेट के बीच में अपने फोकस को पुनः स्थापित करने में सफल रहा; इस दिशा में, वह अक्सर ध्यान केंद्रित करने के लिए गहरी श्वास लेता है, जो वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है; अंत में, यह जीत भारतीय टेनिस प्रेमियों के लिये भी संधेश है कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में निरंतर सुधार संभव है।
Ajeet Kaur Chadha
अक्तूबर 13, 2025 AT 14:44अरे वाह, क्या ड्रामा था, बस असली टेनिस नहीं देखा।