UGC NET दिसंबर 2024 परिणाम घोषित: पीएचडी प्रवेश के लिए 1.14 लाख से अधिक उम्मीदवार योग्य
फ़र॰, 25 2025
यूजीसी नेट दिसंबर 2024 के परिणाम जारी
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने यूजीसी नेट दिसंबर 2024 के परिणाम 22 फरवरी 2025 को घोषित कर दिए हैं। यह परीक्षा जनवरी 3 से जनवरी 27 के बीच आयोजित की गई थी, जिसमें 8,49,166 पंजीकृत उम्मीदवारों में से 6,49,490 ने भाग लिया। परीक्षा के परिणाम के अनुसार, 1,14,445 उम्मीदवार पीएचडी प्रवेश के लिए योग्य पाए गए हैं।
योग्यता के अनुसार, 5,158 उम्मीदवार जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) और सहायक प्रोफेसर की योग्यता के लिए सफल रहे हैं। इसके अलावा, 48,161 उम्मीदवार सहायक प्रोफेसर और पीएचडी प्रवेश के लिए योग्य हैं। केवल पीएचडी प्रवेश के लिए योग्यता प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों की संख्या 1,14,445 है।
परीक्षा की आवश्यक जानकारी
परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों को न्यूनतम 40% अंक (120/300) प्राप्त करने थे, जबकि आरक्षित श्रेणी (SC/ST/OBC/ट्रांसजेंडर/PwBD) के उम्मीदवारों के लिए यह सीमा 35% (105/300) थी।
विषयवार कट-ऑफ के अनुसार, अर्थशास्त्र के लिए JRF में 65-66 अंक, सहायक प्रोफेसर के लिए 56-56 अंक और केवल पीएचडी के लिए 56 अंक की आवश्यकता थी। वहीं, राजनीतिक विज्ञान के लिए JRF में 217.5 अंक और सहायक प्रोफेसर के लिए 210.2 अंक की आवश्यकता थी। मनोविज्ञान के लिए JRF में 238.36 अंक और सहायक प्रोफेसर के लिए 145.75 अंक की जरूर थी।
उम्मीदवारों के लिए उनके स्कोर और विस्तृत कट-ऑफ सूची एनटीए के आधिकारिक पोर्टल ugcnet.nta.ac.in पर उपलब्ध कराई गई हैं। उम्मीदवार वहां से पीडीएफ डाउनलोड करके अपनी योग्यता की जांच कर सकते हैं।

Balaji S
फ़रवरी 25, 2025 AT 16:53UGC NET के इस परिणाम को देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि शोध के क्षेत्र में प्रतिभा का प्रसार निरन्तर बढ़ रहा है। विशेष रूप से उन उम्मीदवारों की संख्या जिन्होंने JRF के लिए योग्यता प्राप्त की, यह दर्शाती है कि हमारे शैक्षणिक संस्थानों में गहन अध्ययन को प्रोत्साहन मिल रहा है। इस प्रकार की उपलब्धियों से न केवल व्यक्तिगत करियर को लाभ मिलता है, बल्कि राष्ट्रीय शोध परिदृश्य को भी नई दिशा मिलती है। यह भी उल्लेखनीय है कि कट-ऑफ मानदंड विभिन्न विषयों में समान रूप से सख्त रहे, जिससे प्रतिस्पर्धा के स्तर में वृद्धि होती है। अंत में, सभी योग्य उम्मीदवारों को भविष्य की शोध यात्रा में सफलता की शुभकामनाएँ।
Alia Singh
फ़रवरी 25, 2025 AT 19:07परिणामों के प्रकाशन के पश्चात, यह अत्यावश्यक है कि प्रत्येक अभ्यर्थी अपने व्यक्तिगत स्कोर तथा कट‑ऑफ मानकों का विस्तृत विश्लेषण करे; इस प्रक्रिया में, NTA पोर्टल पर उपलब्ध PDF फॉर्मेट में विस्तृत रिपोर्ट को डाउनलोड करना प्राथमिक कदम होना चाहिए, तथा उसके पश्चात यदि आवश्यक हो तो संबद्ध संस्थानों से अतिरिक्त मार्गदर्शन प्राप्त किया जा सकता है; यह विधि अभ्यर्थियों को उनकी शैक्षणिक यात्रा हेतु स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान करेगी।
Purnima Nath
फ़रवरी 25, 2025 AT 21:20वास्तव में यह परिणाम अधिकांश अभ्यर्थियों के लिए उत्साहजनक है! अब आगे की पढ़ाई और शोध के लिए ऊर्जावान कदम बढ़ाने का समय है।
Rahuk Kumar
फ़रवरी 25, 2025 AT 23:33परिणामों में विशिष्टता का अभाव दिखता है; अत्यधिक अंकसंख्या की तुलना में वास्तविक शोध क्षमता का आकलन आवश्यक है। यह प्रणाली केवल अंक पर निर्भर करती है, जिससे ज्ञान के गुणात्मक पहलू को नज़रअंदाज़ किया जाता है। अंततः, यह एक बौद्धिक अभिविन्यास की कमी है।
Deepak Kumar
फ़रवरी 26, 2025 AT 01:47डेटा को सही रूप से विश्लेषित करना हर उम्मीदवार के लिए आवश्यक कदम है। इस प्रक्रिया से आप अपनी आगे की योजना बेहतर बना सकते हैं।
Chaitanya Sharma
फ़रवरी 26, 2025 AT 04:00यदि आप अपनी स्कोर शीट की जानकारी की पुष्टि करना चाहते हैं, तो NTA के आधिकारिक पोर्टल पर जाएँ और "Result" सेक्शन में अपना रजिस्टर नंबर दर्ज करें। वहाँ से आप विस्तृत अंक विभाजन और कट‑ऑफ तालिका डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, कई विश्वविद्यालयों ने अपने प्रोफेसरों से व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए विशेष सत्र आयोजित किए हैं। इन सत्रों में भाग लेना आपके आगे के शोध योजना को स्पष्ट करने में मददगार सिद्ध होगा।
Riddhi Kalantre
फ़रवरी 26, 2025 AT 06:13देश की शैक्षिक शक्ति को बढ़ाने के लिए ऐसे परिणाम अत्यंत गर्व की बात हैं; सभी को बधाई!
Jyoti Kale
फ़रवरी 26, 2025 AT 08:27यह आंकड़े केवल सतही हैं; वास्तविक शैक्षणिक सुधार की कमी स्पष्ट है। अंक का चलन ही अब पुरानी परम्परा बन चुका है। अधिक गहन शोध चाहिए।
Ratna Az-Zahra
फ़रवरी 26, 2025 AT 10:40परिणामों की घोषणा को देखते हुए यह स्पष्ट है कि तैयारियों में असमानता रही है। कुछ स्नातक स्तर पर पर्याप्त मार्गदर्शन नहीं मिला, जिससे अंक में गिरावट आई। भविष्य में अधिक समावेशी प्रशिक्षण मॉड्यूल की आवश्यकता है।
Nayana Borgohain
फ़रवरी 26, 2025 AT 12:53बहुत ही पाबंद अंक, देखो तो सही! 😅
Shivangi Mishra
फ़रवरी 26, 2025 AT 15:07इस परिणाम ने कई नई संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं! अब हम सब मिलकर अपने अनुसंधान को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकते हैं।
ahmad Suhari hari
फ़रवरी 26, 2025 AT 17:20इह नतीजे को देख कर हम शेद करते है की, कुछ लोग तो बिाल्कुले तैयार न था। उनके लीॆ परिणाम भी ठीक नहंि आया।
shobhit lal
फ़रवरी 26, 2025 AT 19:33भाई, ये सब आंकड़े तो मेरे पास पहले से थे, मैं तो हर साल टॉप स्कोर कर लेता हूँ, आप सब को बस मेहनत करनी चाहिए।
suji kumar
फ़रवरी 26, 2025 AT 21:47सबसे पहले, यह कहना आवश्यक है कि UGC NET जैसे राष्ट्रीय स्तर के परीक्षा में परिणामों की घोषणा केवल एक सत्र नहीं, बल्कि शैक्षणिक परिदृश्य में अनेक जटिल प्रक्रियाओं का अभिप्रेत परिणाम है;
दूसरे, इस परिणाम को देखते हुए हम देख सकते हैं कि विभिन्न विषयों में कट‑ऑफ़ मानक विभिन्न स्तरों पर निर्धारित हुए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रश्नपत्र में कठिनाई का स्तर समान नहीं रहा;
तीसरे, ऐसी परिस्थितियों में उम्मीदवारों को अपने व्यक्तिगत अध्ययन रणनीतियों को पुनः मूल्यांकित करना चाहिए, क्योंकि केवल सतही तैयारी से अधिक गहन समझ आवश्यक है;
चौथे, NTA द्वारा प्रदान किए गए विस्तृत स्कोर शीट प्रभावी रूप से उम्मीदवारों को उनके मजबूत और कमजोर क्षेत्रों की पहचान करने में सहायता करती है;
पांचवे, अब समय आ गया है कि विश्वविद्यालयों तथा शोध संस्थानों को इस डेटा का उपयोग करके लक्षित वैकल्पिक पाठ्यक्रम और कार्यशालाएँ आयोजित करें;
छठे, कई विशेषज्ञों ने पहले भी कहा है कि केवल अंक नहीं, बल्कि अनुसंधान की गुणवत्ता ही दीर्घकालिक सफलता का मूल आधार है;
सातवें, इस प्रकार के परिणामों से संभावित आशा भी उत्पन्न होती है, क्योंकि योग्य उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि से शैक्षणिक माहौल अधिक प्रतिस्पर्धी बनता है;
आठवें, यह प्रतिस्पर्धा वास्तव में छात्रों को अधिक नवाचारपूर्ण विचारों और प्रोजेक्ट्स की दिशा में प्रेरित करती है;
नवें, यह भी उल्लेखित करना चाहिए कि विभिन्न सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमियों के छात्रों के लिए इस परीक्षा में समतापूर्ण अवसर प्रदान करना अत्यावश्यक है;
दसवें, इस दिशा में नीतियों की रूपरेखा बनाते समय सरकारी और निजी संस्थाओं को सहयोगी भूमिका निभानी चाहिए;
ग्यारहवें, इस परिणाम के बाद आगे के शैक्षणिक वर्ष में प्रवेश प्रक्रिया में सुधार की संभावना पर भी विचार किया जाना चाहिए;
बारहवें, इस प्रकार के डेटा विश्लेषण से भविष्य में परीक्षा पैटर्न में संभावित बदलावों की भी भविष्यवाणी की जा सकती है;
तेरहवें, अंत में, मैं यह कहना चाहूँगा कि इस परिणाम ने न केवल उम्मीदवारों को, बल्कि शैक्षणिक समाज को भी एक नई दिशा प्रदान की है, और हमें इस दिशा में आगे बढ़ते रहना चाहिए।