ट्रैफिक जाम में फंसे भाजपा नेता रवनीत सिंह बिट्टू, पीएम मोदी के निवास तक पहुंचने के लिए दौड़ पड़े
जून, 9 2024रविवार की सुबह भाजपा नेता रवनीत सिंह बिट्टू के लिए कुछ चुनौतीपूर्ण साबित हुई। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निवास पर एनडीए की बैठक में समय पर पहुंचना था, लेकिन दिल्ली के भारी ट्रैफिक के कारण उनकी योजना में बाधा आ गई। यह घटना तब हुई जब वह अपने सुरक्षा दस्ते के साथ कार में यात्रा कर रहे थे और अचानक ट्रैफिक जाम में फंस गए।
वक्त की नजाकत को समझते हुए, बिट्टू ने अपनी कार को छोड़ने का फैसला किया और बिना विलंब के दौड़ लगानी शुरू कर दी। उनका यह दौड़ते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसमें उन्हें गुलाबी पगड़ी और सफेद कपड़े पहने, अपने गार्ड्स के साथ दौड़ते हुए देखा जा सकता है। इस घटना ने जहां जनता को चौंका दिया, वही कुछ लोगों ने बिट्टू की इस निष्ठा और समर्पण की सराहना की।
मोदी कैबिनेट में संभावित सदस्यता
रवनीत सिंह बिट्टू का यह भागमभाग करना न केवल समय की जरूरत थी, बल्कि पीछे कुछ और बड़ी वजह भी थीं। बताया जा रहा है कि बिट्टू को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। पत्रकारिता के सूत्रों के मुताबिक, बिट्टू भले ही लोकसभा चुनाव में लुधियाना से कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा वारिंग से हार चुके हों, लेकिन उनके पार्टी के प्रति निष्ठा और समर्पण को महत्व दिया गया है।
दूसरे संभावित मंत्रियों के नाम
वर्तमान की कैबिनेट में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए जाने की संभावना है। बिट्टू के अलावा, उत्तर प्रदेश से जितिन प्रसाद, महाराष्ट्र से रक्षा खडसे, और हाल ही में बाहर हो चुके मंत्रीयों में ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेन्द्र यादव और गिरिराज सिंह के नाम भी संभावित सूची में हैं। इन नामों के आने से भाजपा की रणनीति कई परिणाम दर्शाने वाली है, खासकर उन राज्यों में जहां उन्हें पिछली बार चबले हुए नुकसान का सामना करना पड़ा था।
भाजपा की रणनीति और आगामी चुनौतियाँ
भाजपा का पंजाब में अपनी पकड़ मजबूत करने का उद्देश्य साफ नजर आता है, खासकर तब जब उन्हें उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में महत्वपूर्ण नुकसान का सामना करना पड़ा था। पंजाब में, जहां बिट्टू का एक मजबूत समर्थन आधार है, भाजपा को उम्मीद है कि उनकी नई कैबिनेट से राज्य की राजनीति में नई जान फूंक जाएगी।
सभी राजनीतिक पार्टियाँ अपनी रणनीतियों में समय-समय पर बदलाव करती हैं और अभी भी भाजपा का यही सफर जारी है। नए सदस्य और पुराने मंत्रीयों के संयुक्त प्रयास से पार्टी आने वाले वर्षों में अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए तत्पर नजर आती है।
यह देखकर हैरानी होती है कि राजनीति की दुनिया में किस प्रकार नेताओं की निष्ठा और समर्पण के उदाहरण सामने आते हैं। रवनीत सिंह बिट्टू की यह दौड़ उस जज़्बे और प्रतिबद्धता की बानगी है जिसे हर राजनेता को अपने दिल में संजोए रखना चाहिए।