हर साल 5 जून को मनाया जाने वाला विश्व पर्यावरण दिवस हमें याद दिलाता है कि प्रकृति के बिना जीवन नहीं। ये दिन केवल खबरों के लिए नहीं है—यह रोज़मर्रा की आदतों को बदलने का मौका है। आपको दिखाऊँगा कैसे साधारण सी आदतें तुरंत फर्क ला सकती हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने 1972 में इस दिन को स्थापित किया था ताकि लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़े। अलग-अलग सालों में थीम आती है, पर उद्देश्य हमेशा एक रहा है: साफ़ हवा, साफ़ पानी, और सुरक्षित पर्यावरण। शहरों, स्कूलों और समुदायों में छोटे-छोटे कदम मिलकर बड़े बदलाव लाते हैं।
नीचे दिए गए सुझाव रोज़मर्रा में लागू करना आसान हैं और तुरंत फर्क दिखाते हैं:
अगर आप संगठन में हैं तो ग्रीन पॉलिसी अपनाएँ—कागज़ की खपत घटाएँ, री-साइक्लिंग की व्यवस्था करें और आपूर्ति श्रृंखला में टिकाऊ विकल्प चुनें। व्यक्तिगत स्तर पर भी हर छोटा कदम समुदाय को प्रेरित करता है।
सामाजिक मीडिया पर #WorldEnvironmentDay या स्थानीय हैशटैग से जुड़ें और अपने काम की तस्वीरें साझा करें। नगर निगम या एनजीओ के इवेंट्स देखें—अकसर आसपास सफाई और पौधारोपण के कार्यक्रम होते हैं जिनमें आप हिस्सा ले सकते हैं।
आज एक छोटा कदम उठाइए—प्लास्टिक एक घंटे में खत्म नहीं होगा, पर आपकी आदत बदलने से दूसरे भी प्रेरित होंगे। छोटे बदलाव मिलकर बड़ा असर करते हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन प्रतिवर्ष 5 जून को किया जाता है ताकि पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके और कार्यवाही की जा सके। इस वर्ष की थीम 'भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण, और सूखा सहनशीलता' है और नारा है 'हमारी भूमि। हमारा भविष्य। हम हैं #पुनर्स्थापनपीढ़ी।' इस बार आयोजन सऊदी अरब के नेतृत्व में हो रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य प्रकृति से जुड़ने, पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने, और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्यवाही को प्रेरित करना है।
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