कभी किसी खबर में पढ़ा होगा कि कंपनी का शुद्ध लाभ घट गया या बढ़ गया। क्या शुद्ध लाभ सिर्फ नंबर भर है? नहीं। यह बताता है कंपनी ने सचमुच कितना पैसा कमाया—सारी आय से खर्च, ब्याज, depreciation और टैक्स घटाने के बाद जो बचता है।
सबसे आसान तरीका: शुद्ध लाभ = कुल राजस्व - (सभी परिचालन खर्च + ब्याज + कर + असामान्य/एक‑ऑफ आइटम)। उदाहरण के लिए, अगर किसी कंपनी की बिक्री ₹100 करोड़ है और कुल खर्च ₹85 करोड़ है, तो शुद्ध लाभ ₹15 करोड़ होगा। शुद्ध लाभ मार्जिन = (शुद्ध लाभ / राजस्व) × 100 — इससे पता चलता है कि हर ₹100 की बिक्री पर कितना शुद्ध मुनाफा बचा।
समाचार में यह ध्यान रखें कि एक‑ऑफ आइटम (जैसे संपत्ति की बिक्री, अवैध लाभ/हानि) शुद्ध लाभ को अचानक ऊपर या नीचे कर सकते हैं। ऐसी चीज़ों को हटाकर देखने पर असल व्यापार की सेहत दिखती है।
1) साल-दर-साल तुलना (YoY) देखें: एक तिमाही के बजाय कई तिमाहियों का रुझान बताता है। 2) मार्जिन पर ध्यान दें, सिर्फ अंक नहीं: राजस्व बढ़ते हुए भी मार्जिन घट रहा है तो खर्च बढ़ रहे हैं। 3) एक‑ऑफ आइटम अलगे करें: रिपोर्ट में “एक‑बार का लाभ/हानि” लिखा हो तो उसे अलग करके वास्तविक मुनाफा देखें। 4) सेक्टर तुलना करें: बैंक का मार्जिन और टेक कंपनी का मार्जिन अलग होता है, इसलिए अपने शेयर की तुलना प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से करें। 5) समाचार घटना जोड़ें: जैसे "अडानी एंटरप्राइज़ेज ने अडानी विल्मार में हिस्सेदारी बेची" जैसी खबर से कंपनी के पास नकद आ सकता है, लेकिन वह शुद्ध ऑपरेटिंग मुनाफा नहीं बताती। 6) मैक्रो इवेंट समझें: "चीन-अमेरिका ट्रेड वॉर" जैसे इवेंट से मांग घटे तो शुद्ध लाभ पर असर पड़ेगा — खबरों को संदर्भ में पढ़ें।
अगर आप निवेशक हैं तो शुद्ध लाभ देखकर तुरंत निर्णय मत लें। कंपनी की नकदी प्रवाह रिपोर्ट, ईपीएस (EPS), और मैनेजमेंट कमेंटरी भी देखें। कई बार रिपोर्ट में बड़ा शुद्ध लाभ दिखे पर नकदी कन्फर्म नहीं रहती—ये जोखिम का संकेत है।
समाचार उदाहरणों से सीखें: जब किसी कंपनी ने हिस्सा बेचा या बड़ा IPO हुआ, तब शुद्ध लाभ पर अस्थायी प्रभाव दिख सकता है। वहीं वैश्विक बाजार की शिफ्ट (जैसे एशियाई शेयर मार्केट्स की गिरावट) कंपनियों की बिक्री और मुनाफे पर दबाव डालती है। इसलिए खबर पढ़ते समय यह पूछें—क्या यह बदलाव स्थायी है या केवल अस्थायी घटना की वजह से आया है?
अंत में, शुद्ध लाभ एक शक्तिशाली संकेतक है, पर अकेले इसे ही हर चीज मानना सही नहीं। इसे मार्जिन, नकदी प्रवाह, और उद्योग के रुझान के साथ जोड़कर देखें। ऐसे पढ़ने से खबरें आपको बेहतर निवेश और समझदार फैसले लेने में मदद करेंगी।
इंफोसिस ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 7.1% की वृद्धि के साथ ₹6,368 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह ₹5,945 करोड़ था। हालांकि इस अवधि में कंपनी के कर्मचारी संख्या में 1908 की गिरावट आई। इसका अर्थ है कि कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन में वृद्धि हुई है बावजूद इसके कि कर्मचारियों की संख्या में कमी आई है।
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