जब आप लियोनेल मेसी, एक अर्जेंटीनी फुटबॉल खिलाड़ी जिन्होंने खेल को एक नए स्तर पर पहुँचाया और जिनकी तकनीक और निरंतरता ने पीढ़ियों को प्रेरित किया. इसे लियो भी कहते हैं, यह खिलाड़ी बस एक खिलाड़ी नहीं है — यह एक भावना है। उनकी चाल, बॉल के साथ उनका रिश्ता, और दबाव में भी शांत रहने की क्षमता ने फुटबॉल को एक कला बना दिया। वह जिस तरह से गोल करते हैं, वह देखने वाले के दिल में एक धड़कन छोड़ जाता है।
लियोनेल मेसी ने बार्सिलोना, उनकी जीवनभर की टीम जिसके लिए वह 700 से अधिक मैच खेले और जिसके लिए वह एक जीवित प्रतीक बन गए के साथ अपना सारा करियर बिताया। वहाँ उन्होंने 10 लीग टाइटल, 4 यूईएफए चैम्पियंस लीग और 35 अन्य ट्रॉफी जीतीं। लेकिन असली जीत वह थी जब 2022 में अर्जेंटीना, उनकी राष्ट्रीय टीम जिसके लिए वह 17 साल की उम्र से खेल रहे थे और जिसके लिए उन्होंने अपना सारा जीवन दे दिया को विश्व कप जीतने में मदद की। उस जीत के बाद उन्होंने कहा — "यह मेरा आखिरी विश्व कप था।" लेकिन वह आखिरी नहीं था। उनकी आत्मा अभी भी गोल की ओर दौड़ रही है।
भारत में भी उनके लाखों प्रशंसक हैं। यहाँ के बच्चे उनकी तरह बॉल को टच करने की कोशिश करते हैं। रेडियो, टीवी और सोशल मीडिया पर उनकी चालें बार-बार देखी जाती हैं। उनकी निरंतरता, विनम्रता, और निराशा के बावजूद लड़ने की क्षमता भारतीय युवाओं के लिए एक मिसाल है।
यहाँ आपको लियोनेल मेसी से जुड़ी वो सभी खबरें मिलेंगी — जिनमें उनकी टीमों के बदलाव, उनके गोल, उनकी बातचीत, और उनके लिए भारतीय दर्शकों का कैसा जश्न मनाया जाता है, वह सब शामिल है। आप जानेंगे कि उन्होंने कैसे एक छोटे से बच्चे से दुनिया के सबसे बड़े खिलाड़ी बनने का सफर तय किया। और यह सब केवल खेल की बात नहीं — यह इंसानियत की बात है।
लियोनेल मेसी के दो गोल और दो एसिस्ट के साथ इंटर मियामी ने नाशविल को 3-1 से हराकर 2025 एमएलएस प्लेऑफ के ईस्टर्न कॉन्फ्रेंस सेमीफाइनल जीत लिए।
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