हर साल लाखों छात्र हरियाणा बोर्ड (HBSE) की परीक्षाओं में बैठते हैं और रिजल्ट उनके अगले कदम तय कर देते हैं। इस टैग पेज पर आपको हरियाणा बोर्ड से जुड़ी ताज़ा खबरें, रिजल्ट नोटिस, डेटशीट और साधारण परामर्श मिलेंगे — बिना जंजाल के।
रिजल्ट घोषित होते ही आधिकारिक नोटिस सबसे भरोसेमंद स्रोत होते हैं। परिणाम चेक करने के लिए हमेशा बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट देखें और रोल नंबर व जन्मतिथि सही भरें। मोबाइल पर रिजल्ट देखने के बाद स्क्रीनशॉट लें और आधिकारिक मार्कशीट मिलने तक उसका प्रिंट साथ रखें।
अगर मार्कशीट नहीं मिली या अंक असमंजस लगे तो पुनर्मूल्यांकन (re-evaluation) और उत्तरपुस्तिका की प्रति मांगे जाने की प्रक्रिया पर ध्यान दें। बोर्ड की नोटिस में दिए समय और फीस लिमिट का पालन जरूरी होता है। आपत्ति दर्ज कराने के निर्देश और ऑनलाइन फॉर्म के बारे में यहां अपडेट आते रहेंगे।
सही टाइमटेबल बनाइए और रोज़ छोटे-छोटे लक्ष्य रखें। कठिन विषय को सुबह का समय दें जब दिमाग तरोताजा होता है। पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र और सैंपल पेपर सॉल्व करें — बोर्ड के प्रश्न उसी पैटर्न में आते हैं।
नोट्स छोटे रखें: हर चैप्टर की 1-पेज की शीट बनायें जहाँ फॉर्मूले, तारीखें और प्रमुख पॉइंट्स हों। रिवीजन के अंतिम 10-15 दिन केवल इन कंप्रेस्ड नोट्स पर टिके रहें। प्रैक्टिकल या प्रोजेक्ट वाले विषयों में उचित तैयारी और समय पर डॉक्यूमेंट जमा करना न भूलें।
परीक्षा के दिन के लिए दस्तावेजों की चेकलिस्ट रखें — एडमिट कार्ड, पहचान प्रमाण, पैन या पासपोर्ट साइज फोटो अगर निर्देश हों। समय पर परीक्षा केंद्र पहुंचें और नियम-नियमित नोटिस पढ़ लें।
अगर रिजल्ट उम्मीद के मुताबिक नहीं आया तो घबराएँ नहीं। सप्लीमेंट्री या कम्पार्टमेंटल परीक्षा के बारे में बोर्ड की सूचनाएँ पढ़ें और अगले सत्र के लिए योजना बनाइए। कई बार छोटी स्ट्रेटेजी बदलने से रिजल्ट बेहतर होता है।
यह पेज हरियाणा बोर्ड से जुड़ी ताज़ा खबरें, महत्वपूर्ण तारीखें और छात्र-हित के नोटिस लगातार साझा करेगा। आप नोटिफिकेशन ऑन कर लें ताकि रिजल्ट और एडमिट कार्ड जैसी जरूरी सूचनाएँ तुरंत मिलें। अगर कोई खास सवाल है — जैसे रिवाल्यूएशन फीस या सप्लीमेंट्री तारीख — नीचे कमेंट करके पूछिए, हम अपडेट दे देंगे।
बिहवानी के शिक्षा बोर्ड ने 12 मई 2024 को HBSE 10वीं कक्षा के परिणाम घोषित किए हैं। पास प्रतिशत में सुधार हुआ है और पंचकुला जिला सबसे आगे रहा, जबकि नूंह जिला सबसे कम रहा।
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