कभी आपने देखा होगा कि IPO के दिन कुछ शेयर एक्सचेंज खोलने से पहले ही चर्चा में होते हैं। उन अनौपचारिक कीमतों को ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) कहते हैं। यह एक संकेत है कि निवेशक लिस्टिंग पर कितना प्रॉफिट उम्मीद कर रहे हैं। पर ध्यान रहे — यह आधिकारिक बाजार नहीं है, बल्कि ऑफ-एक्सचेंज माहौल में बनने वाला अनुमान होता है।
फॉर्मूला आसान है: ग्रे मार्केट प्राइस (ऑफ-एक्सचेंज अनुमान) में से IPO इश्यू प्राइस घटाइए। जो नतीजा आता है, वही GMP है। उदाहरण के लिए, अगर इश्यू प्राइस ₹100 है और ग्रे प्राइस ₹150 दिख रहा है, तो GMP = ₹50 यानी 50%।
एक बात याद रखें: GMP प्रतिशत के साथ-साथ उसमें ट्रेंड भी मायने रखता है — लगातार बढ़ना या घटना दोनों अलग संदेश देते हैं।
GMP आमतौर पर मांग का संकेत देता है। हाई GMP बताता है कि मार्केट में दिलचस्पी है और संभवतः लिस्टिंग डे पर रैली हो सकती है। लेकिन GMP कभी-कभी बाजार भावना, अफवाह या कुछ बड़े निवेशकों के कारण बढ़ाया-घटाया जाता है। इसलिए इसे अकेला निर्णय आधार मत बनाइए।
जोखिम भी हैं: ग्रे मार्केट अनरेगुलेटेड है, इसमें धोखाधड़ी या प्राइस मैनिपुलेशन की संभावना रहती है। कई बार GMP और वास्तविक लिस्टिंग गेन में बड़ा अंतर दिखता है। सब्सक्रिप्शन की असल फिगर, कंपनी की बुक, और इंडस्ट्री के रुझान भी जरूरी हैं—इनको नज़रअंदाज़ न करें।
प्रैक्टिकल चेकलिस्ट:
निवेश के फैसले में GMP को एक संकेतक की तरह लें, आखिरी फैसला कंपनी की वैल्यूएशन, लॉन्ग-टर्म प्लान और आपकी रिस्क टॉलरेंस के आधार पर लें।
यह टैग पेज "ग्रे मार्केट प्रीमियम" से जुड़ी खबरें और अपडेट लाता है — नए IPO के GMP ट्रेंड, लिस्टिंग रिजल्ट और विश्लेषण। अगर आप IPO या लिस्टिंग गेन पर नजर रखते हैं तो यहां आने वाली पोस्ट पढ़ते रहिए, पर हमेशा अपने रिसर्च को प्राथमिकता दीजिए।
AFCONE Infra की प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) 27 अक्टूबर, 2024 को खुलेगी। इसका मूल्य बैंड ₹540-₹570 प्रति शेयर है। आईपीओ का कुल आकार ₹5,430 करोड़ है। इस आईपीओ में 120-130 रुपये का ग्रे मार्केट प्रीमियम चल रहा है। यह एक बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर विकास कंपनी है जो राजमार्गों, पुलों, और सुरंगों जैसी परियोजनाओं पर काम करती है।
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