डिविडेंड क्या है और निवेशक के लिए क्यों मायने रखता है

डिविडेंड यानी कंपनी अपनी कमाई का एक हिस्सा शेयरहोल्डर्स को वापस देती है। आप सोच रहे होंगे कि इससे मुझे क्या फायदा? सीधे शब्दों में — यह शेयर से मिलने वाली वास्तविक नकदी आय है, खासकर उन निवेशकों के लिए जो नियमित इनकम चाहते हैं। कई लोग शेयर की कीमत बढ़ने पर ही ध्यान देते हैं, पर डिविडेंड से आपको वास्तविक रिटर्न भी मिलता है।

डिविडेंड के मुख्य प्रकार

सरल भाषा में तीन तरह के डिविडेंड होते हैं: कैश डिविडेंड (नकदी में भुगतान), स्टॉक डिविडेंड (अतिरिक्त शेयर दिए जाते हैं) और स्पेशल/वन-टाइम डिविडेंड (जब कंपनी के पास अतिरिक्त नकदी होती है)। कैश डिविडेंड तुरंत आपकी बैंक में आ जाता है, जबकि स्टॉक डिविडेंड से आपके होल्डिंग्स बढ़ जाती हैं, पर नकदी नहीं मिलती।

डिविडेंड मिलने की प्रक्रिया भी आसान है: कंपनी बोर्ड पहले घोषणा करता है, फिर रिकॉर्ड डेट तय होती है — उस दिन जिनके नाम शेयर कंपनी के रिकॉर्ड में होंगे वे डिविडेंड के हकदार होते हैं। एक्स-डिविडेंड डेट वह दिन होता है जब शेयर खरीदने पर नया खरीदार डिविडेंड का हकदार नहीं होगा। इसलिए खरीद-फरोख्त करते समय इन तारीखों पर ध्यान रखें।

कैसे जांचें और कब देखें

कंपनी की वेबसाइट, बीएसई/एनएसई की साइट्स और रजिस्ट्रार के नोटिस से डिविडेंड घोषणाओं की जानकारी मिल जाती है। बैंक खाते और डीमैट अकाउंट भी बताते हैं कि भुगतान कब हुआ। अगर बड़ी कंपनी डिविडेंड देती है तो मीडिया और फाइनेंशियल पोर्टल भी इसे कवर कर देते हैं।

डिविडेंड की गणना समझनी है तो यह आसान तरीका है: डिविडेंड यील्ड = (वार्षिक डिविडेंड प्रति शेयर / वर्तमान शेयर कीमत) × 100। यह बताता है कि आपके निवेश पर कितनी प्रतिशत नकदी वापसी मिल रही है। पर इसे अकेला मानदंड न बनाएं—कंपनी की कमाई और पेड-आउट रेशियो भी देखें।

टैक्स के मामले में नियम बदल सकते हैं। हाल के वर्षों में कई देशों में डिविडेंड पर टैक्स होते हैं और कुछ स्थितियों में टीडीएस लागू होता है। इसलिए चालू टैक्स नियम जानने के लिए अपने कर सलाहकार से बात करें।

टिप्स जिससे आप बेहतर निर्णय लें: 1) स्थिर और लगातार डिविडेंड देने वाली कंपनी पर भरोसा बढ़ता है; 2) बहुत ऊँचा यील्ड कभी-कभी रिस्क का संकेत होता है—कंपनी की फाइनेंसियल स्थिति जाँचें; 3) payout ratio देखें—यह बताता है कंपनी अपनी कमाई का कितना हिस्सा बांट रही है; 4) एक्स-डिविडेंड डेट से पहले खरीदना हर बार फायदेमंद नहीं होता, क्योंकि शेयर की कीमत अक्सर उसी दिन घट जाती है।

डिविडेंड निवेश का एक व्यवहारिक हिस्सा है, लेकिन हमेशा कंपनी के बुनियादी संकेतों और अपने वित्तीय लक्ष्य के साथ मेल करके ही फैसला लें। अगर आप चाहें तो किसी खास कंपनी की डिविडेंड हिस्ट्री या आने वाले रिकॉर्ड डेट पर भी नोटिफिकेशन सेट कर सकते हैं—यह छोटे निवेशकों के लिए बहुत मददगार होता है।

TCS Q1 रिजल्ट्स: मुनाफा 12,040 करोड़ रुपये पर, टाटा ग्रुप ने 10 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड घोषित किया

TCS Q1 रिजल्ट्स: मुनाफा 12,040 करोड़ रुपये पर, टाटा ग्रुप ने 10 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड घोषित किया

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने जून क्वार्टर में 12,040 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया, जो सालाना आधार पर 8.72% की वृद्धि दर्शाता है। कंपनी का राजस्व 2.24% बढ़कर 62,613 करोड़ रुपये हो गया। टाटा ग्रुप ने 10 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड घोषित किया है।

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