क्या कंपनी ने आपके शेयरहोल्डिंग पर "बोनस इश्यू" की घोषणा की और आप सोच रहे हैं कि अब क्या करना है? सीधे शब्दों में, बोनस इश्यू का मतलब है कि कंपनी मुफ्त में पुराने शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर देती है। ये नकद नहीं देता, बल्कि कंपनी के मुनाफे या रिज़र्व को शेयरों में बदलकर शेयरधारकों को बांटा जाता है।
यह टैग पेज उन्हीं खबरों और अपडेट्स को जमा करता है जिनमें बोनस शेर, कॉर्पोरेट एक्शन और उनकी मार्केट पर असर की खबरें आती हैं। यहां आपको कंपनी के नोटिस, रिकॉर्ड डेट और बाजार की प्रतिक्रिया जैसे सब अपडेट मिलेंगे।
1) अनुपात (Ratio): कंपनी कहेगी 1:2 या 1:1 — जैसे 1:2 का मतलब है कि आप हर 2 शेयर पर 1 नया मुफ्त शेयर पायेंगे।
2) रिकॉर्ड डेट: उसी दिन आपके पास शेयर डेमैट खाते में दर्ज होने चाहिए। अगर आपके शेयर उस दिन तक नहीं हैं, तो बोनस नहीं मिलेगा।
3) एक्स-बोनस डेट: इस दिन के बाद खरीदे गए शेयर पर बोनस मिलता है या नहीं, ये एक्स डेट पर निर्भर करता है।
4) फेस वैल्यू समायोजन: बोनस मिलने के बाद शेयर की फेस वैल्यू घट सकती है और एक्शन के बाद प्रति शेयर भाव भी समायोजित होगा।
5) फ्राॅक्शनल शेयर: कभी-कभी हिस्से बचते हैं — कंपनियां नकद समायोज़न कर देती हैं या शेयर जोड़कर फाइनल करती हैं।
अगर आपके पास डेमैट अकाउंट है तो बोनस अपने आप क्रेडिट हो जाएगा, ध्यान रखें कि KYC और पैन अपडेट हो। अगर आपके शेयर फिजिकल हैं तो कंपनी के रजिस्ट्रार से संपर्क करके डीमैट कराना जरूरी होता है।
बोनस इश्यू से कंपनी का मार्केट कैप सामान्यतः नहीं बदलता; सिर्फ शेयरों की संख्या बढ़ती है और प्रति शेयर कीमत घट सकती है। इसलिए बोनस को सीधे "मुफ्त पैसे" मत समझिए — इसका अर्थ कंपनी के रिजर्व और शेयर स्प्लिट से जुड़ा व्यवसायिक संकेत भी हो सकता है।
टैक्स की बात करें तो भारत में बोनस शेयर allotment पर आमतौर पर टैक्स नहीं लगता। जब आप उन शेयरों को बेचेंगे तभी कैपिटल गेन्स टैक्स लागू हो सकता है। लागत का हिसाब लगाते समय पुरानी शेयर होल्डिंग और बोनस दोनों का समायोजन देखा जाता है — अपने टैक्स कंसलटेंट से कन्फर्म कर लें।
कहीं और से जानकारी कैसे पाएं? कंपनी की वेबसाइट पर ऑफिशियल कॉर्पोरेट एक्शन नोटिस, रजिस्ट्रार के अपडेट और एक्सचेंज की सूचनाएँ सबसे भरोसेमंद स्रोत होते हैं। हमारी साइट पर भी संबंधित खबरें और विश्लेषण मिलेंगे।
भरोसेमंद समाचार पर इस टैग के तहत आपको बाजार पर बोनस इश्यू के असर, IPO/कमर्शियल फैसलों की खबरें और कंपनी-विशिष्ट अपडेट मिलेंगे — जैसे “इन्वेंचरास नॉलेज सॉल्यूशंस आईपीओ” और "अडानी विल्मार जॉइंट वेंचर से अडानी एंटरप्राइजेज का निकास" जैसी कवरेज।
अगर आप चाहें तो इस टैग को फॉलो करें ताकि बोनस घोषणाओं, रिकॉर्ड डेट और मार्केट रिएक्शन के समय-sensitive अपडेट सीधे मिलते रहें। कोई कन्फ्यूजन हो तो अपने ब्रोकरेज या डीमैट सर्विस प्रोवाइडर से भी चेक कर लें—वे जल्दी बताते हैं कि बोनस आपके खाते में कब क्रेडिट होगा।
छोटा सा रिमाइंडर: बोनस इश्यू निवेश का मकसद सिर्फ शॉर्ट-टर्म लाभ न मानें। कंपनी की फाइनेंशियल पोजिशन और दीर्घकालिक ग्रोथ संकेतों पर भी ध्यान दें। यहाँ मिलने वाली खबरें आपको वही सटीक और ताज़ा जानकारी देंगी जिससे बुद्धिमानी से फैसला ले सकें।
विप्रो लिमिटेड के शेयरों में सोमवार को तेजी आई जब कंपनी ने घोषणा की कि उसका बोर्ड बोनस इश्यू पर विचार करने के लिए गुरुवार को बैठक करेगा। यह जनवरी 2019 के बाद कंपनी का पहला बोनस इश्यू है। कंपनी अपनी सितंबर तिमाही के नतीजे भी 17 अक्टूबर को घोषित करेगी। विश्लेषकों के अनुसार, विप्रो को इस अवधि में 3,003.78 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ होने की उम्मीद है।
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