यह टैग आपको भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव, सीमा पर घटनाओं और उससे जुड़ी कूटनीति की ताज़ा खबरें दे रहा है। अगर आप जानना चाहते हैं क्या हुआ, क्यों हुआ और इसका रोज़मर्रा के जीवन या अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ सकता है — आप सही जगह पर हैं।
हमारी कवरेज में सीधे घटनाक्रम, सैन्य हलचल, आधिकारिक बयान, और विशेषज्ञों के त्वरित विश्लेषण शामिल होते हैं। खबरों को छोटे-छोटे हिस्सों में समझाते हैं ताकि आप जल्दी समझ सकें कि कौन सी बात अहम है और किस रिपोर्ट पर टिकना चाहिए।
भारत-चीन सीमा विवाद की जड़ें लंबी हैं — 1962 की सीमाई जंग से लेकर हालिया LAC स्टैंडऑफ तक कई मोड़ आए हैं। हाल के वर्षों में सीमावर्ती इलाकों में टकराव, पैदल सेना और आर्टिलरी की जगह बदलती रणनीतियाँ और ऊँचे स्तर पर वार्तालाप देखे गए हैं।
यहां हम हर बड़े घटनाक्रम के साथ समयरेखा, प्रभावित स्थान और दावे-सबूत को साफ़ करते हैं। सरकारी बयान और स्वतंत्र स्रोतों में फर्क बताते हैं ताकि आप अफ़वाह से बच सकें।
सबसे पहले — तारीख और स्रोत देखें। क्या लेख में कोई आधिकारिक बयान है या यह सूत्रों का हवाला दे रहा है? तस्वीरों और वीडियोज़ की प्रामाणिकता के लिए टाइमस्टैम्प और स्थान जांचें।
दूसरा — सैन्य बनाम कूटनीतिक संकेत समझें। सीमावर्ती टुकड़ियों की तैनाती और हथियारों की रिपोर्ट का मतलब हमेशा युद्ध नहीं होता; कई बार यह दबाव बढ़ाने की रणनीति होती है। दूसरी ओर, उच्च स्तर की राजनीतिक बयानबाज़ी पर ध्यान दें — वे असल दिशा तय कर सकती हैं।
तीसरा — आर्थिक और लोकल असर पढ़ें। सीमा तनाव का असर शेयर मार्केट, व्यापार नीति और स्थानीय दुकानों पर भी पड़ता है। हमारे विश्लेषण में आप इन असरों की साफ तस्वीर पायेंगे।
चौथा — स्रोतों को क्रॉस-चेक करें। हम ऐसी रिपोर्टें अलग से हाइलाइट करते हैं जो स्वतंत्र रिपोर्टिंग, सैटेलाइट इमेज और सरकारी नोटिस पर आधारित हों।
हमारा मकसद आपको तेज, साफ और उपयोगी जानकारी देना है — बिना ड्रामा के। अगर आपको किसी खास घटना पर गहराई चाहिए तो टैग के भीतर उपलब्ध एक्सप्लेनर और टाइमलाइन पढ़ें।
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अगर आप सीमा-सम्बंधी खबरों को समझकर निर्णय लेना चाहते हैं, तो यहां की रिपोर्ट पढ़ना शुरू करें — हम हर खबर को साफ, छोटा और भरोसेमंद रखने की कोशिश करते हैं।
बीजेपी ने 1962 के भारत-चीन युद्ध पर मणि शंकर अय्यर की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस पार्टी की कड़ी आलोचना की है। अय्यर ने दिल्ली में विदेशी संवाददाताओं के क्लब में दिए गए एक बयान में इसे 'कथित चीनी आक्रमण' कहा, जिसके लिए बाद में उन्होंने माफी मांगी। बीजेपी नेता गौरव भाटिया ने अय्यर की टिप्पणियों को देश की एकता पर हमला बताते हुए राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की चुप्पी पर सवाल उठाया।
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