युवा क्रिकेट का सबसे बड़ा मैदान है आईसीसी युवा विश्व कप, 19 वर्ष से कम उम्र के खिलाड़ियों के लिए आयोजित विश्व स्तरीय टूर्नामेंट, जहां भविष्य के कप्तान और धुरंधर अपनी पहचान बनाते हैं। यह टूर्नामेंट सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि भारत जैसे देशों के लिए नए तालाब का काम करता है, जहां एक 17 साल का बच्चा अगले वर्ष टीम इंडिया के लिए खेल सकता है। इस टूर्नामेंट के जरिए आज के रोहित शर्मा, विराट कोहली और हार्दिक पांड्या जैसे खिलाड़ियों का रास्ता बना।
इस टूर्नामेंट में भारतीय युवा टीम, एक ऐसी टीम जो दुनिया के सबसे कठिन मैदानों पर भी अपनी धार बनाती है ने अब तक छह बार चैम्पियनशिप जीती है। ये जीत सिर्फ रनों और विकेटों की बात नहीं, बल्कि दबाव में निर्णय लेने, टीमवर्क की ताकत और खेल की भावना की है। क्रिकेट टूर्नामेंट, एक ऐसा आयोजन जहां नियमों के साथ अपनी जिद्द भी लड़नी पड़ती है जैसे बारिश के कारण मैच रद्द हो जाना, या टॉस लटक जाना — ये सब युवा खिलाड़ियों के लिए असली परीक्षा होते हैं। यहां एक बल्लेबाज़ को अपने नंबर 3 पर बैट करना होता है, जबकि उसका नाम अभी तक किसी न्यूज़पेपर में नहीं छपा।
आईसीसी युवा विश्व कप के बाद जो खिलाड़ी चमकते हैं, वो आमतौर पर अगले दो साल में बड़ी टीम में आ जाते हैं। आप जिन खिलाड़ियों को आज बड़े टीम में देख रहे हैं, उनमें से ज्यादातर का पहला बड़ा मैच यहीं से शुरू हुआ। इस टूर्नामेंट में भारत की टीम का खेल बस जीतने का नहीं, बल्कि देश के लिए नई पहचान बनाने का भी होता है। आपके बगल में बैठा वो लड़का, जो अभी तक स्कूल के लिए बैट लेकर आया है, अगले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच खेल सकता है।
इस पेज पर आपको आईसीसी युवा विश्व कप से जुड़ी वो सभी खबरें मिलेंगी, जो इस टूर्नामेंट के असली दिल को छूती हैं — नए खिलाड़ियों के उदय, बड़े टीमों के खिलाफ अनोखी जीत, और उन दिनों की कहानियां जब कोई बच्चा अपने घर के बाहर पहली बार बड़े मैदान पर खड़ा हुआ। ये खबरें सिर्फ रिकॉर्ड नहीं, बल्कि भविष्य के लिए बीज हैं।
वेस्टइंडीज युवा टीम इंग्लैंड के सामने सात मैचों की सीरीज में जुटी है, जो आईसीसी युवा विश्व कप 2026 की तैयारी का अंतिम चरण है। ग्रेनाडा में खेले जा रहे इन मैचों में रोहन नर्स की कमान में युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय दबाव के लिए तैयार किया जा रहा है।
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