आज आईएमए हड़ताल ने कई शहरों में अस्पताल सेवाओं को प्रभावित किया है। अगर आप या आपके घर किसी को इलाज की ज़रूरत है तो ये खबर आपके काम की है। नीचे आसानी से समझने लायक तरीके से बताया है कि हड़ताल का कारण क्या है, आम असर किस पर पड़ता है और आप आज क्या कर सकते हैं।
आईएमए अक्सर डॉक्टरों की सुरक्षा, कार्य परिस्थितियों, नई सरकारी नीतियों या वेतन/अनुबंध से जुड़ी चिंताओं पर हड़ताल बुलाता है। हालिया हड़ताल का कारण आमतौर पर अस्पतालों में डॉक्टरों पर बढ़ते हमले, ओवरवर्क और सरकारी नियमों के खिलाफ विरोध रहा है। याद रखें, हड़ताल का मकसद आम तौर पर मरीजों का ध्यान खींचना और समस्या का स्थायी हल निकालना होता है — ओवरनाइट बदलाव कम ही होते हैं।
सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में असर अलग-अलग दिखता है। अधिकतर मामलों में इमरजेंसी सेवाएँ चालू रखी जाती हैं, पर ओपीडी, शेड्यूल्ड सर्जरी और कुछ विशेषज्ञ सेवाएँ रद्द हो सकती हैं। निजी क्लीनिक और छोटे अस्पताल भी प्रभावित हो सकते हैं।
अगर आपको तत्काल मदद चाहिए तो पहले निर्णय लें: क्या यह जीवन-खतरा है? अगर हाँ — नजदीकी सरकारी या बड़े निजी अस्पताल की इमरजेंसी पर जाएँ या 102/108 जैसे एम्वुलेंस नंबर पर कॉल करें। अक्सर हाई-डिपेंडेंसी यूनिट और ट्रॉमा सेवाएँ चालू रहती हैं।
नॉन-इमरजेंसी केस के लिए अपॉइंटमेंट स्थगित करें और फोन पर सलाह लेने की कोशिश करें। कई डॉक्टर हड़ताल के दौरान टेलीमेडिसिन पर उपलब्ध होते हैं। अपने नजदीकी अस्पताल की वेबसाइट या आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल चेक करें — वहां रियल टाइम अपडेट मिलते हैं।
दवा चाहिए? पहले पास के फ़ार्मेसी से पूछें या ई-फार्मेसी से ऑनलाइन ऑर्डर करें। अगर स्थायी इलाज चल रहा है (जैसे कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप), तो दवा का तीन-दो दिन का रि-ऑर्डर रख लें ताकि आप इमरजेंसी से बच सकें।
क्या आप समर्थन दिखाना चाहते हैं पर मरीजों को नुक़सान नहीं पहुंचाना चाहते? शांतिपूर्ण रूप से आवाज उठाएं: सोशल मीडिया पर तथ्यों को साझा करें, लोकल प्रतिनिधियों को ईमेल/कॉल करें, या अस्पताल प्रशासन से मिलकर सुरक्षा व संसाधन की मांग करें।
हम ऐसी खबरें ताज़ा रखते हैं ताकि आप समय पर सही फैसला ले सकें। आईएमए हड़ताल के अपडेट, प्रभावित क्षेत्रों और सरकारी रेस्पॉन्स के बारे में ताज़ा जानकारी के लिए भरोसेमंद स्रोत देखें और असत्य सूचनाओं से बचें। जरूरत पड़े तो आप अपने नज़दीकी अस्पताल या हेल्पलाइन से सीधे बात कर लें।
कर्नाटक के निजी अस्पतालों ने कोलकाता के R.G. Kar मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर की कथित रेप और हत्या के विरोध में होने वाली इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन किया है। 17 अगस्त से शुरू होने वाली हड़ताल के दौरान गैर-आपातकालीन सेवाएं बंद रहेंगी।
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