सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान गर्मी और बिना रजिस्ट्रेशन के कारण 1,300 से अधिक लोगों की मौत

सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान गर्मी और बिना रजिस्ट्रेशन के कारण 1,300 से अधिक लोगों की मौत जून, 24 2024

सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में मृत्यु

सऊदी अरब में हाल ही में समाप्त हुई हज यात्रा के दौरान 1,301 लोगों की जान चली गई। ये मौतें मुख्य रूप से भीषण गर्मी और बिना अनुमतिपत्र के यात्रा कर रहे यात्रियों की वजह से हुईं। यह पहली बार नहीं है जब गर्मी से जुड़े मामलों ने हज यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में जानें ली हैं, लेकिन इस बार की स्थिति बेहद चिंताजनक रही।

हज यात्रा इस्लाम के पाँच मुख्य स्तंभों में से एक है, जिसे करने के लिए हर मुसलमान का कर्तव्य होता है, जो उसकी आर्थिक और शारीरिक स्थिति अनुमति देती है। इस वर्ष हज यात्रा में कुल 1.8 मिलियन तीर्थयात्री शामिल हुए, जिनमें से 1.6 मिलियन विदेशी थे। हालांकि, बिना आधिकारिक परमिट के यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बहुत अधिक थी, जिनमें से अधिकांश को भयंकर गर्मी का सामना करना पड़ा और उन्हें उचित शरण या आराम नहीं मिला।

प्रमुख आंकड़े और विशेषताएं

सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्री, फहद अल-जलाजेल ने कहा कि स्वास्थ्य प्रणाली ने इस हज यात्रा के दौरान 4,65,000 से अधिक विशेष उपचार सेवाएं प्रदान कीं, जिनमें से 1,41,000 सेवाएं बिना रजिस्ट्रेशन वाले तीर्थयात्रियों को दी गईं। मृतकों में अधिकतर बुजुर्ग या दीर्घकालिक रोगों से पीड़ित लोग थे। इस हज यात्रा के दौरान मौसम स्थिति अत्यंत विषम रही, जिसे देखते हुए आने वाले वर्षों में गर्मी और बदतर होने की संभावना है।

508 साल से मुख्य रूप से मिस्र और अन्य दस देशों के तीर्थयात्री हज यात्रा के दौरान अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें से, अकेले मिस्र के 658 नागरिक अपनी जान गंवा चुके हैं, जो बिना रजिस्ट्रेशन के तीर्थयात्री थे। इसके अलावा, यूनाइटेड स्टेट्स और इंडोनेशिया जैसे देशों से भी मृतकों की सूचना प्राप्त हुई है।

मृत्यु के कारण और सुरक्षा उपाय

हज यात्रा के दौरान जिन प्रमुख कारणों से तीर्थयात्रियों की मौत हुई, उनमें गर्मी के कारण होने वाली बीमारियां और सीधी धूप में लंबे समय तक रहना शामिल हैं। सऊदी सरकार ने हज यात्रा से पहले हजारों अनधिकृत तीर्थयात्रियों को मक्का से बाहर कर दिया था, लेकिन फिर भी कई लोग बिना परमिट के यात्रा पर निकल पड़े थे और उनकी जान जोखिम में पड़ गयी।

स्वास्थ्य मंत्री अल-जलाजेल ने कहा कि 4,65,000 से अधिक विशेष स्वास्थ्य सेवाओं का प्रावधान होने के बावजूद, हज यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए और अधिक सख्त नियमों और स्वास्थ्य उपायों की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि गर्मी के मौसम के चलते तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य सुरक्षा को और बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि आगामी हज यात्राओं में इस तरह के दुखद हादसे न हों।

आने वाले सालों के लिए चुनौतियां

आने वाले सालों के लिए चुनौतियां

हज यात्रा के दौरान जो चुनौतियां इस वर्ष सामने आई हैं, वे आने वाले वर्षों में और गंभीर हो सकती हैं। जलवायु परिवर्तन के चलते सऊदी अरब का गर्मी से जुड़ा संकट अत्यधिक खतरनाक स्थिति में पहुंच सकता है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 2047 से 2052 और 2079 से 2086 के बीच गर्मी का खतरा 'अत्यधिक खतरे की सीमा' को पार कर सकता है।

इस संदर्भ में, सऊदी सरकार और हज व्यवस्था प्राधिकरण को आगंतुकों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए और कड़े कदम उठाने होंगे। इसके साथ ही, उन्हें बार-बार यह संदेश भी देना होगा कि बिना परमिट के हज यात्रा करना न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि यह तीर्थयात्रियों की जान के लिए भी बड़ा खतरा है।

इस महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन को सुचारू रूप से संचालन करना और सुरक्षा सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है। इसके लिए आवश्यक है कि तीर्थयात्रियों को उचित सावधानियां और स्वास्थ्य सेवाएं मिलें और वे सुरक्षित रूप से अपनी धार्मिक यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न कर सकें।