राहुल गांधी और ओम बिरला के बीच विवाद: पीएम मोदी से हाथ मिलाने पर बिछ गए स्पीकर

राहुल गांधी और ओम बिरला के बीच विवाद: पीएम मोदी से हाथ मिलाने पर बिछ गए स्पीकर जुल॰, 2 2024

राहुल गांधी का तंज और बिरला का जवाब

लोक सभा में हाल ही में एक विवादास्पद घटना सामने आई जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोक सभा स्पीकर ओम बिरला पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाने के दौरान झुकने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने ध्यान दिलाया कि जब उन्होंने बिरला से हाथ मिलाया, तो स्पीकर सीधा खड़ा रहा, लेकिन जब मोदी ने हाथ मिलाया, तो स्पीकर झुक गया। इस आरोप ने संसद में एक बड़ी हलचल पैदा कर दी, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सख्त आपत्ति दर्ज की।

राहुल गांधी ने कहा कि यह दृश्य पहली बार नहीं था जब उन्होंने ऐसा देखा। उन्होंने कहा कि ऐसे मौकों पर यह संदेश जाता है कि संसद के स्पीकर को किसी के सामने झुकने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि बिरला का कद और उनकी गरिमा उन्हें किसी भी व्यक्ति के सामने झुकने से ऊपर रखती है, चाहे वह प्रधानमंत्री ही क्यों न हो।

बिरला की स्पष्टीकरण

इस आपत्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए ओम बिरला ने कहा कि यह उनकी संस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है कि वे अपने वरिष्ठों और बुजुर्गों के सामने झुकते हैं और अपने समकक्षों को समान सम्मान देते हैं। बिरला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल उनके वरिष्ठ हैं, बल्कि वे घर के नेता भी हैं, इसलिए उनके प्रति झुककर सम्मान जताना उनकी संस्कृति का हिस्सा है।

ओम बिरला ने यह भी कहा कि स्पीकर की स्थिति और उसकी गरिमा देश की संसदीय परंपराओं के वाहक होते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के प्रति उनके मन में कोई विवाद या विषमता नहीं है, लेकिन संस्कृति और मूल्य महत्वपूर्ण हैं, जिन्हें उन्होंने हमेशा महत्व दिया है।

विपक्ष और सत्तापक्ष की प्रतिक्रिया

विपक्ष और सत्तापक्ष की प्रतिक्रिया

जैसे ही यह विवाद सामने आया, सत्तापक्ष ने राहुल गांधी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे अनुचित और स्पीकर की गरिमा के विपरीत बताया। उन्होंने कहा कि संसद में स्पीकर का स्थान सर्वोपरि है और ऐसी टिप्पणियां जो इसके सम्मान को ठेस पहुंचाती हैं, वे बिल्कुल अस्वीकार्य हैं।

उधर विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने कहा कि देश की लोकतांत्रिक परंपराओं में सभी सदस्यों को बराबर का सम्मान दिया जाना चाहिए। विपक्ष का मानना है कि स्पीकर का स्थान ऐसा है जो किसी भी राजनीतिक हस्ती से ऊंचा होता है, और उसे बनाए रखना चाहिए।

लोक सभा में किसी भी सत्र के दौरान सम्मान

लोक सभा भारत के लोकतंत्र का महत्वपूर्ण अंग है और इसके संचालन में सभी कांग्रेसियों और स्वतंत्र सदस्यों की भूमिका अहम होती है। स्पीकर का कद और उसकी गरिमा ऐसी होती है जो सभी सदनों के सदस्यों द्वारा उच्चतम सम्मान की हकदार होती है।

संसद में सभी सदस्यों का आदर और एक-दूसरे के प्रति सहयोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं की नींव को मजबूत करता है। इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि संस्कृति, मूल्य और आदर हमारे देश की राजनीति में हमेशा अहम भूमिका निभाते रहेंगे।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

राहुल गांधी और ओम बिरला के बीच का यह विवाद और बिरला का स्पष्टीकरण एक महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाता है - जनप्रतिनिधियों और संवैधानिक पदों के बीच का सम्मान और आदर। यह घटना हमें यह सिखाती है कि चाहे राजनीतिक मतभेद कितना भी हो, हमारे देश की संसदीय संस्कृति और परंपराएं हमें एकजुट रखती हैं।

गांधी और बिरला दोनों ने अपने अपने धर्म और संस्कृति के प्रति सम्मान प्रकट करके यह दिखाया कि लोकतंत्र में भिन्न मत भी एक साथ चल सकते हैं।