पुडुचेरी में फेंगल चक्रवात ने मचाई धूम, भारी बारिश और आवागमन पर असर
नव॰, 30 2024फेंगल चक्रवात का प्रभाव
फेंगल चक्रवात का प्रभाव पुडुचेरी और तमिलनाडु पर पड़ने वाला था और यह शनिवार को पुडुचेरी के आसपास के क्षेत्रों पर लैंडफॉल कर गया। भारतीय मौसम विभाग ने इस चक्रवात के कारण की जाने वाली भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना व्यक्त की थी। इसके कारण अनेक क्षेत्रों में सड़कें जाम हो सकती हैं और जलभराव होने का खतरा हो सकता है।
भू-भागों की भौगोलिक स्थिति और स्थानीय मौसम की परिस्थितियों के चलते मौसम विभाग की राय थी कि हवा की गति करीब 90 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है और समुद्र में ऊँची लहरे उठ सकती हैं। इस चेतावनी के मद्देनजर, राज्य सरकार ने जनता को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
सरकार की तैयारियाँ
तमिलनाडु सरकार ने सतर्कता दिखाते हुए शनिवार को सभी शिक्षण संस्थानों में छुट्टी घोषित कर दी है। साथ ही, उन्होंने आईटी कंपनियों से भी कहा है कि वे अपने कर्मचारियों को घर से काम करने कि अनुमति दें। चेन्नई इंटरनैशनल एयरपोर्ट को रविवार प्रातः चार बजे तक के लिए बंद कर दिया गया है। इसके अलावा पूर्वी तट मार्ग और पुराना महाबलीपुरम रोड पर सार्वजनिक परिवहन सेवाएं भी स्थगित कर दी गई हैं।
तिरुवल्लूर और नागापट्टिनम जिलों से कुल 471 लोगों को 164 परिवारों के साथ छह राहत केंद्रों में ले जाया गया है। भारतीय राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और राज्य के बचाव दल संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किए गए हैं। आपात स्थिति में मदद के लिए राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने 112 और 1077 टोल-फ्री नंबरों और वाट्सएप नंबर 9488981070 की व्यवस्था की है।
भारतीय नौसेना और मछुआरों की चेतावनी
भारतीय नौसेना ने आपदा प्रतिक्रिया योजना को सक्रिय कर दिया है। मछुआरों को सुरक्षित रहने और समुद्र में ना जाने के लिए चेतावनी जारी की गई है। पुडुचेरी मत्स्य विभाग ने मछुआरों को अपनी नौकाओं और उपकरणों को उच्च भूमि पर सुरक्षित रखने की सलाह दी है ताकि वे नुकसान से बच सकें।
कुल मिलाकर चक्रवात के लैंडफॉल के समय शाम लगभग 7:15 बजे इसके कमजोर होकर गहरी अवदाब के रूप में परिवर्तित होने का अनुमान है। भारत मौसम विभाग ने चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचिपुरम, कल्लकुर्ची, कडलूर जिलों और पुडुचेरी में भारी से भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।
विशेष सतर्कता और पर्यावरणीय कारक
चेन्नई जिले की कलेक्टर रश्मि सिद्धार्थ जगडे ने भारी बारिश के कारण स्कूल छुट्टी की घोषणा की है। चेन्गलपेट्टू जिले में भी यही निर्णय लिया गया है। पर्यावरणीय कारक, जैसे कि श्रीलंका के तट के साथ प्रणाली का अंतःक्रिया और एक ऊपरी ट्रोपोस्फेरिक रिज, चक्रवात के विकास की गति को धीमा कर दिया है और इसके मार्ग को थोड़ा बदल दिया है। इस प्रकार कुछ मामूली बदलावों से यह निष्कर्ष निकाला गया है कि आने वाले समय में भी लोगों को सावधान रहना होगा।