PM मोदी ने बांसवाड़ा में 1.22 लाख करोड़ के विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया

PM मोदी ने बांसवाड़ा में 1.22 लाख करोड़ के विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया सित॰, 26 2025

परियोजनाओं का पैमाना और महत्व

बांसवाड़ा में सार्वजनिक तौर पर आए PM मोदी ने एक ही दिन में दो‑तीन सैंकड़ों करोड़ रुपये मूल्य की परियोजनाओं का दिया प्रस्ताव। सबसे बड़ा था अंशुक्ति विद्युत निगम लिमिटेड (ASHVINI) का महि बांसवाड़ा रियासत न्यूक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट, जिसकी कुल लागत 42,000 करोड़ रुपये है। यह प्रोजेक्ट चार स्वदेशी 700 मेगावॉट प्रेस्यराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर (PHWR) से बना होगा और भारत के ‘फ़्लीट मोड’ योजना का अहम हिस्सा है, जहाँ दस ऐसे रिएक्टर एक ही डिज़ाइन पर बनेंगे।

ऊर्जा के क्षेत्र में नवीकरणीय पहल भी काफ़ी बड़ी रही। पीएम‑कुसुम के तहत 3,517 मेगावॉट ऊर्जा को सौर पैनलों से संचालित किया जाएगा, जिसकी लागत 16,050 करोड़ रुपये है। इस योजना के तहत कृषि फ़ीडर लाइनों को सौर ऊर्जा से संचालित किया जाएगा, जिससे किसान उन पर निर्भर बिजली की दरें घट जाएँगी और ग्रामीण ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी। राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और कर्नाटक में समान स्तर की सौरकरण हो रही है, जो देश की कुल सौर ऊर्जा लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

जल सुरक्षा के लिए भी 20,830 करोड़ रुपये की योजनाएँ सामने रखी गईं। इस पैकेज में इसरदा बांध, मोर सागर कृत्रिम जलाशय, बिचलपुर बांध के पम्पहाउस, और खारी फ़ीडर की पुनरुद्धार कार्य शामिल हैं। इसरदा जलाशय का विस्तार, धोलपुर लिफ्ट प्रोजेक्ट और तकली प्रोजेक्ट को भी रामजल सेटु लिंक प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में शुरू किया गया, जिससे दक्षिण राजस्थान में जल आपूर्ति में स्थायी सुधार की सम्भावना बनती है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में अप्रैल में शुरू हुए AMRUT 2.0 के तहत 5,880 करोड़ रुपये की पेयजल आपूर्ति योजना, 2,630 करोड़ रुपये की सड़कों और पुलों की परियोजनाएँ, और जेसलमेर, बीकानेर, बारमेर में तीन ग्रिड सबस्टेशनों की स्थापना के लिए 490 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई। इसके अलावा 250 बिस्तर वाली आरबीएम अस्पताल, जयपुर में आईटी विकास और ई‑गवर्नेंस केन्द्र, और कई जिलों में नया सीवर व जल आपूर्ति नेटवर्क खोलने की घोषणा की गई।

वंदे भारत की दो नई ट्रेनें भी बैंडेड हुईं, जिससे तेज़ रेल की सुविधा कुल मिलाकर राजस्थान में बढ़ेगी। इन सबके साथ 15,000 नए सरकारी कर्मचारियों को नौकरी के पत्र वितरित किए गए, जो स्थानीय रोजगार में नया जोश लाने का संकेत देते हैं।

स्थानीय प्रतिक्रिया और भविष्य की राह

स्थानीय प्रतिक्रिया और भविष्य की राह

भवन योजना के दौरान पीएम‑कुसुम के लाभार्थियों से बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा से न केवल बिजली की लागत घटेगी, बल्कि किसानों का आय बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि ‘पीएम सूरज घर’ योजना के तहत ग्रामीण घरों में मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जाएगी, जबकि कुसुम के तहत फ़ार्म पोम्प में सौर पैनल लगाकर बिजली बिल न के बराबर खर्च बचाया जा सकेगा।

स्थानीय नेतृत्व ने इस दौरे को ‘दक्षिण राजस्थान में विकास की नई सुबह’ कहा। कई आदिवासी समुदायों ने महि नदी के महत्व को दोहराते हुए बताया कि जल परियोजनाएँ उनकी जीवनशैली को स्थायी रूप से बदलेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले सरकारों की नज़रअंदाज़ी और भ्रष्टाचार ने इस क्षेत्र को पीछे धकेला था, लेकिन अब नई ऊर्जा, जल सुरक्षा और बुनियादी ढाँचे के साथ उनकी उम्मीदें फिर से जगा है।

भविष्य की दिशा को देखते हुए, राज्य सरकार ने कहा कि अगले पाँच वर्षों में पूरे दक्षिणी राजस्थान में 10,000 मेगावॉट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित करने की योजना है। साथ ही, जलसंधारण के लिए नए छोटे बाँध और जलभण्डार बनेंगे, जिससे सूखे के मौसम में भी खेती चल सकेगी।

समग्र रूप से, इस दौरे ने दिखाया कि केंद्र और राज्य मिलकर बांसवाड़ा सहित पूरे दक्षिण राजस्थान में बुनियादी ढाँचा, ऊर्जा, जल और स्वास्थ्य सेवाओं को एक नई दिशा दे रहे हैं। इस ऊर्जा‑सुरक्षा‑विकास मॉडल को देखते हुए, अन्य राज्यों के अधिकारियों ने भी इसे अपनाने की इच्छा जताई है।