महिंद्रा कीमत कटौती: GST 2.0 के बाद SUVs 1.56 लाख तक सस्ती

रिपोर्ट: तेजाजी
GST 2.0 के बाद महिंद्रा ने बड़ा दांव—कौन सी SUV कितनी सस्ती हुई
GST 2.0 लागू होने के बाद महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपने पैसेंजर व्हीकल पोर्टफोलियो में भारी कीमत कटौती की है। कंपनी ने 6 सितंबर 2025 से एक्स-शोरूम दाम घटा दिए हैं, जबकि नई सरकारी दरें आधिकारिक रूप से 22 सितंबर से लागू होनी हैं। मतलब, ग्राहकों को फायदा तुरंत मिल रहा है। यह फैसला GST काउंसिल की 3 सितंबर 2025 की बैठक के बाद आया, जिसमें ऑटो सेक्टर के टैक्स ढांचे को सरल किया गया।
महिंद्रा ने कहा कि उसने GST दरों में कमी का पूरा लाभ ग्राहकों को पास-थ्रू किया है। दाम कटौती ICE (इंटरनल कम्बशन इंजन) SUV रेंज में व्यापक है और कंपनी ने डीलरशिप्स व डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नई कीमतें अपडेट कर दी हैं।
कौन-कौन से मॉडल कितने सस्ते हुए, एक नज़र:
- बोलेरो और बोलेरो नियो: 1.27 लाख रुपये तक सस्ता
- XUV 3XO: पेट्रोल में 1.40 लाख रुपये तक, डीज़ल में अधिकतम 1.56 लाख रुपये तक सस्ता
- थार: 2WD डीज़ल 1.35 लाख रुपये तक, 4WD डीज़ल 1.01 लाख रुपये तक सस्ता
- स्कॉर्पियो क्लासिक: 1.01 लाख रुपये तक सस्ता
- स्कॉर्पियो-N: 1.45 लाख रुपये तक सस्ता
- थार रॉक्स (नया): 1.33 लाख रुपये तक सस्ता
- XUV700: 1.43 लाख रुपये तक सस्ता
कंपनी के मुताबिक, सबसे बड़ी बचत सब-4 मीटर डीज़ल SUVs—जैसे बोलेरो, बोलेरो नियो, XUV 3XO और थार—पर दिखेगी, जहां लाभ 13% तक पहुंच रहा है। बड़े मॉडलों—XUV700, स्कॉर्पियो-N और थार रॉक्स—पर फायदा 10% तक है।
इस कदम का टाइमिंग भी खास है। त्योहारी सीजन से पहले कीमतें नीचे आने से शोरूम ट्रैफिक बढ़ना तय है। महिंद्रा ने यह कटौती उद्योग के कई खिलाड़ियों से पहले लागू कर दी, ताकि खरीदारों को शुरुआती बढ़त मिल सके।
कंपनी ने यह भी इशारा किया कि उसके कुल वॉल्यूम का 60% से ज्यादा हिस्सा—कमर्शियल व्हीकल्स समेत—अब 18% GST स्लैब के दायरे में आ रहा है। इससे एंट्री-लेवल और मास-मार्केट सेगमेंट में कीमतों का दबाव कम होगा और डिमांड को सपोर्ट मिलेगा।

खरीदारों पर असर, EMI का गणित और बाजार की अगली चाल
अब जानते हैं कि GST 2.0 में बदला क्या:
- छोटी कारें (योग्य कैटेगिरी): अब 18% GST, पहले प्रभावी टैक्स 28% तक था।
- बड़ी गाड़ियां/SUVs: अब फ्लैट 40% टैक्स, पहले स्ट्रक्चर 50% तक (सेस समेत) जा सकता था।
- परिणाम: सब-4 मीटर डीज़ल SUVs पर सबसे ज्यादा कमी, बड़े SUVs पर भी दो-अंकीय लाभ।
कीमत कम होने से EMI पर सीधा असर पड़ता है। एक साधारण उदाहरण लें—अगर 1.56 लाख रुपये का पूरा अंतर 5 साल की लोन अवधि पर 10% सालाना ब्याज के साथ फाइनेंस होता है, तो मासिक EMI करीब 3,300 रुपये कम हो सकती है। 1.01 लाख रुपये की कटौती पर यह राहत लगभग 2,100–2,200 रुपये प्रति माह बैठती है। असल कमी इस बात पर निर्भर करेगी कि आप कितना डाउन पेमेंट देते हैं और ऑन-रोड कीमत में रजिस्ट्रेशन/बीमा कैसे बैठता है।
महिंद्रा के कदम से प्रतिस्पर्धा में भी हलचल है। टाटा मोटर्स, रेनो इंडिया, ह्यूंदै, टोयोटा, श्कोडा, ऑडी, मर्सिडीज और मारुति सुजुकी—कई निर्माताओं ने GST रिफॉर्म के बाद अपने-अपने मॉडलों पर कटौती का एलान किया है। नतीजा, त्योहारी महीनों में पूरे ऑटो मार्केट में ऑफर्स और अपडेटेड प्राइसिंग साथ-साथ देखने को मिलेगी।
डीलर लेवल पर क्या बदलेगा? एक्स-शोरूम प्राइस सीधे अपडेट होने से प्रोफॉर्मा इनवॉइस और ऑन-रोड कैलकुलेशन फिर से बनेगा। जिन ग्राहकों ने हाल ही में बुकिंग कराई है, वे अपने डीलर से यह लिखित पुष्टि लें कि डिलीवरी के समय कौन-सी कीमत लागू होगी। आम तौर पर कंपनियां नई कीमतें चालू बुकिंग्स पर भी पास-ऑन करती हैं, लेकिन इसकी शर्तें मॉडल और वैरिएंट के हिसाब से अलग हो सकती हैं।
स्टॉक और वेटिंग पीरियड पर क्या असर? जहां डिमांड ज्यादा है—जैसे थार, स्कॉर्पियो-N और XUV700—वहां पूछताछ बढ़ने की संभावना है। कीमत गिरने से वेटिंग लिस्ट पर दबाव आ सकता है। अगर आपका बजट तय है, तो पसंदीदा वैरिएंट या कलर पर समझौता करने से डिलीवरी जल्दी मिल सकती है।
सब-4 मीटर सेगमेंट को बड़ी राहत क्यों? पुराने टैक्स ढांचे में लंबाई, इंजन साइज और SUV की परिभाषा से जुड़ी सेस वजह से छोटे लेकिन शक्तिशाली डीज़ल मॉडलों पर टैक्स भार अपेक्षाकृत ज्यादा दिखता था। नया स्ट्रक्चर स्पष्ट और फ्लैट है—यहीं से बोलेरो, XUV 3XO और थार जैसे मॉडलों में दोहरी बढ़त आई: टैक्स दर नीचे और कीमत सीधे कम।
खरीदार क्या करें?
- एक्स-शोरूम बनाम ऑन-रोड: नई कीमत देखने के बाद RTO, बीमा और हैंडलिंग चार्ज सहित ऑन-रोड कोटेशन जरूर लें।
- फाइनेंस तुलना: बैंक/एनबीएफसी से अपडेटेड ROI और प्रोसेसिंग फीस पर नई EMI की तुलना करें।
- अतिरिक्त ऑफर्स: कुछ डीलर कॉरपोरेट/एक्सचेंज/लॉयल्टी बोनस अलग से देते हैं—देखें कि GST कटौती के साथ ये स्टैक होते हैं या नहीं।
- बुकिंग की शर्तें: डिलीवरी टाइमलाइन, प्राइस प्रोटेक्शन और कैंसिलेशन पॉलिसी लिखित में लें।
त्योहारी सीजन में आम तौर पर ग्राहक फुटफॉल, टेस्ट ड्राइव और रिटेल बिलिंग तेज हो जाती है। इस बार फर्क यह है कि कीमतें पहले से ही नीचे हैं। यह बदलाव एंट्री और मिड-सेगमेंट ग्राहकों के लिए सबसे बड़ा प्लस है, जहां 1–1.5 लाख रुपये का फर्क खरीद निर्णय बदल देता है।
महिंद्रा के लिए यह कदम स्ट्रैटेजिक भी है। कंपनी के SUV पोर्टफोलियो—थार से लेकर स्कॉर्पियो-N और XUV700 तक—की पहचान वैल्यू-टू-प्राइस, रोड प्रेजेंस और ऑफ-रोडिंग क्षमताओं के कॉम्बिनेशन से बनी है। दाम कम होने से वैल्यू प्रपोजिशन और मजबूत होता है, खासकर पहली बार SUV लेने वालों और अपग्रेड करने वालों के लिए।
आगे क्या? अगर डिमांड में उछाल आता है, तो प्रोडक्शन प्लान और सप्लाई-चेन Both क्रिटिकल होंगे—चिप्स, टायर्स और ट्रांसमिशन जैसे कंपोनेंट्स की समय पर उपलब्धता डिलीवरी टाइमिंग तय करेगी। फिलहाल संकेत यही हैं कि कंपनियां अपनी डिस्पैच रन-रेट बढ़ाने की तैयारी में हैं, ताकि त्योहारी मांग को बैकऑर्डर में न बदला जाए।
कुल मिलाकर, GST 2.0 ने ऑटो सेक्टर में कीमतों की दिशा बदल दी है। महिंद्रा ने शुरुआती बढ़त ले ली है—ग्राहकों के लिए यह सही समय हो सकता है अपनी पसंद की SUV चुनने का, खासकर तब जब EMI और ऑन-रोड दोनों स्तर पर जेब हल्की हो रही है।
Chaitanya Sharma
सितंबर 9, 2025 AT 19:20महिंद्रा की नई कीमत कटौती से ICE SUV में औसतन 1.2 लाख रुपये की बचत होगी। यह बचत सीधे EMI में परिलक्षित होती है, जहाँ 5 साल के लोन पर लगभग 3,300 रुपये मासिक कमी आती है। साथ ही, ऑन‑रोड कॉस्ट में रजिस्ट्रेशन और बीमा पर भी थोड़ा हल्का असर पड़ेगा। अगर आप डीलर से नई कीमत की लिखित पुष्टि ले लेते हैं तो बाद में कोई दिक्कत नहीं होगी। कुल मिलाकर, यह कदम संभावित खरीदारों के लिए फायदेमंद है।
Riddhi Kalantre
सितंबर 10, 2025 AT 23:06देश की धरोहर को सच्ची कीमत पर वापस लाने का यह कदम सरकार की ओर से एक स्पष्ट संकेत है, और हम भारतीय उपभोक्ता इसकी सराहना करेंगे। नई 18% GST दर के बाद छोटे‑साइज़ SUV की कीमतें गंभीर रूप से घटेंगी, जिससे मध्यम वर्ग के लिए स्वप्निल SUV संभव हो जाएगा।
Jyoti Kale
सितंबर 12, 2025 AT 02:53महिंद्रा का ये कदम सिर्फ टैक्स लाभ का ढोंग है, असली मंशा बाजार में घुसपैठ कर अग्रिम फाइदा उठाना है। कीमतें घटाने से ब्रांड की प्रीमियम इमेज धूमिल हो रही है।
Ratna Az-Zahra
सितंबर 13, 2025 AT 06:40छोटे मॉडलों की कीमत घटाना तो बस फॉर्मलिटी दिखा रहा है।
Nayana Borgohain
सितंबर 14, 2025 AT 10:26बचत की धुन में, पैसों की बारिश का गीत गूँजता है 😊। बड़ी बचत, छोटा दिल।
Shivangi Mishra
सितंबर 15, 2025 AT 14:13अगर आपका बजट सीमित है तो अभी का समय सबसे उपयुक्त है, क्योंकि नई कीमतें तुरंत प्रभावी हैं और आपकी EMI पर भारी असर पड़ेगा।
ahmad Suhari hari
सितंबर 16, 2025 AT 18:00महिंद्रा ने बहीखाता में संभावित लाभ को ग्राहकों तक पोहचाया है, परन्तु यह कदम काफ़ी अतिरीक्त है। (टाइपो) इस परिवर्तन की जाँच करना आवश्यक है।
shobhit lal
सितंबर 17, 2025 AT 21:46इस न्यू टैक्स स्ट्रक्चर से डेजल‑SUV की बेस्ट डील अब 1.5 लाख तक की बारीकी से कटेगी, मेरे हिसाब से यही सबसे सटीक आंकड़ा है।
suji kumar
सितंबर 19, 2025 AT 01:33GST 2.0 का आगमन भौगोलिक और आर्थिक दृष्टि से भारत की ऑटोमोटिव नीति में एक नई परिभाषा ले आया है, जो न केवल कर दरों को सरल बनाता है, बल्कि उपभोक्ताओं के koop‑साइकल पर भी गहरा असर डालता है,
पहले जहाँ 28% से 40% तक का टैक्स बोझ था, अब वह 18% और 40% की स्पष्ट सीमा में घट चुका है,
इस बदलाव से विशेषकर सब‑4 मीटर डीज़ल SUV जैसे बोलेरो, थार एवं XUV 3XO को दो‑अंकीय कीमत में कमी मिली है,
उदाहरण स्वरूप बोलेरो की कीमत में 1.27 लाख की कटौती, जो खरीदारों के लिए लगभग 13% की भारी बचत दर्शाती है,
ऐसी ही बात थार के 2WD और 4WD दोनों वेरिएंट में देखी जा सकती है, जहाँ नई कीमतें क्रमशः 1.35 लाख व 1.01 लाख तक गिर गई हैं,
भारी कीमत घटाने से न केवल बिक्री में इजाफा होगा, बल्कि डीलरशिप के फ़्लो में भी नई ऊर्जा का संचार होगा,
त्योंहारिक सीज़न की पूर्ववर्ती इस कदम से ग्राहक उत्साह में वृद्धि होगी, जिससे शोरूम फ़ुटफ़ॉल में उल्लेखनीय उछाल आएगा,
कम्पनी की रणनीति यह भी दर्शाती है कि वह प्रतिस्पर्धी माहौल में अग्रणी बनना चाहती है, और साथ ही करदाताओं को राहत देना उसके ब्रांड इमेज को भी बढ़ाता है,
हालांकि, यह देखना आवश्यक है कि क्या यह कीमत घटाव दीर्घकालिक लाभदायक रहेगा, या फिर यह एक अस्थायी प्रोत्साहन मात्र है,
डीलर को यह सलाह देना चाहिए कि वह नए प्राइस लिस्ट को तुरंत अपडेट करे, और ग्राहक को ऑन‑रोड कोटेशन के साथ सभी चार्जेज़ का विस्तृत विवरण उपलब्ध कराए,
क्योंकि कई बार रजिस्ट्रेशन, बीमा और हैंडलिंग चार्ज़ की जटिलता से कुल लागत में अनपेक्षित वृद्धि हो सकती है,
साथ ही, वित्तीय संस्थानों से भी जुड़कर नवीनतम ROI और प्रोसेसिंग शुल्क की तुलना करना फायदेमंद रहेगा,
रिवर्स लॉजिस्टिक और सप्लाई चेन में चिप्स व टायरों की उपलब्धता भी इस नई कीमत के प्रभाव को मापने में अहम भूमिका निभाएगी,
यदि उत्पादन और डिलीवरी में कोई गड़बड़ी हुई तो कीमत में हुई बचत का असर कम हो सकता है,
अंत में, यह कहा जा सकता है कि GST 2.0 ने भारतीय ऑटोमार्केट में कीमतों की दिशा को पुनः प्रकाशित किया है, और महिंद्रा ने इस बदलाव में अग्रिम पंक्ति में रहकर एक महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त किया है।
Ajeet Kaur Chadha
सितंबर 20, 2025 AT 05:20वाह! महिंद्रा ने तो ऐसा जादू किया जैसे उम्र भर का लोन माफ हो गया हो, लेकिन किसे पता कि असली जादू डीलर की दकदकी में छिपा है।
Vishwas Chaudhary
सितंबर 21, 2025 AT 09:06देश की अपनी मर्ज़ी से जीपीएस वाली SUV अब सस्ती होगी, इसलिए हर भारतीय को इस मौके का फायदा उठाना चाहिए, नहीं तो विदेशी ब्रांड्स की महँगी कीमतों से बंधा रहेगा।
Rahul kumar
सितंबर 22, 2025 AT 12:53सिर्फ कीमत घटाने से नहीं, बल्कि सर्विस नेटवर्क और स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता को भी देखना जरूरी है; कई बार सस्ती गाड़ी का रखरखाव महँगा पड़ता है।
indra adhi teknik
सितंबर 23, 2025 AT 16:40डीलर से नई कीमत की लिखित पुष्टि लेना, ऑन‑रोड कॉस्ट की पूरी डिटेल माँगना, और EMI कैलकुलेटर से अपना बजट चेक करना हमेशा फायदेमंद रहता है; ऐसा करने से बाद में कोई अड़चन नहीं आती।
Kishan Kishan
सितंबर 24, 2025 AT 20:26बहुत बढ़िया, अब SUV खरीदना बिलकुल मुफ्त जैसा लग रहा है!!!