महाराष्ट्र में भारी बारिश से खडकवासला बांध से पानी छोड़ा गया, पुणे में जलभराव और मुंबई में व्यवधान
जुल॰, 25 2024महाराष्ट्र में भारी बारिश: खडकवासला बांध से पानी छोड़ा गया, पुणे और मुंबई दोनों प्रभावित
25 जुलाई 2024 का दिन महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण एक चुनौतीपूर्ण दिन बन गया। पुणे के खडकवासला बांध ने अपनी पूरी क्षमता प्राप्त कर ली और सुबह 6 बजे मुथा नदी में 40,000 क्यूसिक्स पानी छोड़ा गया, जिस से कई इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई।
खडकवासला बांध का पानी छोड़ने का कारण
पिछले कई दिनों से जारी भारी बारिश ने पुणे के खडकवासला बांध की जल धारण क्षमता को पूरी तरह से भर दिया था। बांध क्षेत्र में निरंतर हो रही बारिश के कारण पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया।
पहले, सुबह 4 बजे बांध से 27,203 क्यूसिक्स पानी छोड़ा गया और इसके बाद 6 बजे 40,000 क्यूसिक्स पानी छोड़ा गया। इस भारी जलस्तर ने मुथा नदी के जल प्रवाह को तेज कर दिया, जिससे आसपास के क्षेत्रों में जलभराव हो गया।
पुणे में जलभराव की स्थितियाँ
अचानक पानी छोड़े जाने से पुणे के कई इलाकों में जलभराव हो गया। विशेष रूप से एकता नगरी और विट्ठल नगर में स्थिति गंभीर हो गई, जहां लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
पुणे के अग्निशमन विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए राहत कार्य शुरू किया और बचाव कार्य के लिए नावों का इस्तेमाल किया। इसके साथ ही, दीर्घकालिक निरंतर जलभराव के कारण लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त प्रबंध किए गए।
जिलाधिकारी का आदेश
पुणे के जिलाधिकारी सुहास दिवास ने भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी रेड अलर्ट के चलते पूरे पुने में स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया।
विद्यालयों को बंद करने के फैसले ने बच्चों और उनके अभिभावकों में राहत लाई, किन्तु जलभराव और निरंतर बारिश ने अभी भी लोगों के सामान्य जीवन को प्रभावित किया हुआ है।
भविष्य की स्थिति की भविष्यवाणी
भारतीय मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि आगामी दिनों में भी भारी बारिश जारी रहेगी। कुछ स्थानों पर 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से तेज़ हवाएँ चलने की भी संभावना बताई गई है।
मुंबई में भी भारी बारिश की मार
पुणे के साथ-साथ मुंबई भी भारी बारिश से प्रभावित हुआ। शहर में औसतन 44 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि पूर्वी उपनगरीय क्षेत्रों में 90 मिलीमीटर और पश्चिमी उपनगरीय क्षेत्रों में 88 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
मुंबई के निचले क्षेत्र जलमग्न
भारी बारिश के कारण मुंबई के निचले इलाकों में जलभराव हो गया, जिससे जनजीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ा। सार्वजनिक परिवहन सेवाएँ बाधित हो गईं और अंधेरी सबवे को बंद करना पड़ा।
वीहर लेक की स्थिति
मुंबई के प्राथमिक जल स्रोतों में से एक, वीहर लेक, सुबह 3:50 बजे छलकने लगी, जिससे आस-पास के क्षेत्रों में पानी भर गया।
बृहन्मुंबई महानगर परिषद (BMC) ने भविष्यवाणी की है कि आने वाले दिनों में और अधिक बारिश हो सकती है। इसके साथ ही तेज़ हवाएँ चलने की संभावना है, जो 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की गति तक पहुंच सकती हैं।
समाज पर प्रभाव
भारी बारिश और जलभराव ने लोगों के दैनिक जीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया। जगह-जगह पानी भर जाने से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
विद्यालयों के बंद होने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई है और लोग अपने कार्य स्थलों पर नहीं पहुँच पा रहे हैं। वहीं, राहत कार्यों में लगे कर्मियों को भी कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन के प्रयास
पुणे और मुंबई दोनों के स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए सक्रिय कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। राहत और बचाव कार्यों के लिए टीमें गठित की गई हैं और जलभराव वाले क्षेत्रों में पंपिंग स्टेशनों का भी इंतज़ाम किया गया है।
लोगों से अपील की जा रही है कि वे अनावश्यक यात्रा करने से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। प्रशासन ने जनता को आश्वस्त किया है कि सभी संभव उपाय किए जा रहे हैं ताकि स्थिति सामान्य हो सके।
समय के साथ परिस्थिति सामान्य होगी। जल निकासी के लिए स्थानीय निकाय सक्रिय हैं।