महान क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ का 71 वर्ष की आयु में कैंसर से निधन
अग॰, 1 2024अंशुमान गायकवाड़ का जीवन और क्रिकेट करियर
भारत के पूर्व क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ का बुधवार को कैंसर से लंबी लड़ाई लड़ते हुए निधन हो गया। वे 71 वर्ष के थे। गायकवाड़ का क्रिकेट करियर 22 वर्षों तक चला जिसमें उन्होंने भारत के लिए 40 टेस्ट और 15 वनडे मैच खेले थे। अंशुमान गायकवाड़ ने अपने खेल जीवन में 205 प्रथम श्रेणी मैच भी खेले। उनका क्रिकेट करियर शानदार और प्रेरणादायक रहा है।
अंशुमान गायकवाड़ का जन्म सन 1951 में हुआ था। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने न केवल खिलाड़ी के रूप में बल्कि कोच के रूप में भी भारतीय टीम की सेवा की। उनके कोचिंग में भारतीय टीम ने 2000 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में रनर-अप का स्थान हासिल किया था।
खेल के मैदान पर गायकवाड़ के यादगार पल
गायकवाड़ के क्रिकेट खेल के सर्वश्रेष्ठ पल 1998 में शारजाह और 1999 में फिरोजशाह कोटला के मैदान पर देखे गए। शारजाह में भारतीय टीम ने उनकी कोचिंग में कई अनोखे और यादगार जीत हासिल की। वहीं, 1999 में फिरोजशाह कोटला में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में अनिल कुंबले ने सभी 10 विकेट लेकर इतिहास रच दिया था। कुंबले के इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के समय गायकवाड़ टीम के कोच थे।
स्वास्थ्य संघर्ष और कैंसर से जंग
अंशुमान गायकवाड़ को पिछले कुछ वर्षों से रक्त कैंसर की बीमारी थी। उनका इलाज लंदन के किंग्स कॉलेज हॉस्पिटल में चल रहा था। उनकी बीमारी की गंभीरता को देखते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने उनके उपचार के लिए ₹1 करोड़ की सहायता दी। 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्यों ने भी उनकी सहायता के लिए आगे आए और हर संभव मदद की। पिछले महीने ही वे इलाज के बाद भारत लौटे थे।
गायकवाड़ की क्रिकेट शिक्षा
गायकवाड़ का करियर सिर्फ मैदान पर ही नहीं, बल्कि कोचिंग में भी महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने न केवल भारतीय खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया, बल्कि युवा खिलाड़ियों को भी सही दिशा दिखाई। उनकी कोचिंग के दौरान कई युवा खिलाड़ी उभरे और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय क्रिकेट टीम को मजबूती दी।
गायकवाड़ का खेल जगत पर प्रभाव
अंशुमान गायकवाड़ के योगदान को भारतीय क्रिकेट कभी नहीं भुला सकता। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी क्रिकेट को समर्पित किया और अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी और कोचिंग स्किल्स से भारतीय क्रिकेट को नई उचाइयाँ दी। उनके निधन से क्रिकेट जगत में शोक की लहर है और सभी क्रिकेट प्रेमी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
अंशुमान गायकवाड़ की अंतिम यात्रा
गायकवाड़ के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की गई। उनके परिवार, दोस्तों और कई क्रिकेटरों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। अंतिम यात्रा में शोक व्यक्त करने के लिए कई बड़े क्रिकेटर और BCCI के अधिकारी शामिल हुए। उन्होंने अपने प्रिय क्रिकेटर को आखिरी बार विदा करने के लिए उपस्थित होकर सम्मान व्यक्त किया।
अंशुमान गायकवाड़ की विरासत
अंशुमान गायकवाड़ की याद उनके प्रशंसकों, क्रिकेटरों और परिवार के दिलों में हमेशा जीवित रहेगी। उन्होंने अपनी मेहनत, लगन और उसूलों से सभी को प्रभावित किया है। खेल के माध्यम से उन्होंने अनगिनत युवाओं को प्रेरित किया और आगे बढ़ने का हौसला दिया। उनका जीवन हम सभी के लिए एक प्रेरणा है। क्रिकेट की दुनिया में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा और वे सदैव हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे।