इंटेल के शेयरों में 28% की गिरावट, रिकॉर्ड नुकसान की ओर: कंपनी का पुर्ननिर्माण संघर्ष गहराता

इंटेल, जो कभी सेमीकंडक्टर उद्योग का बेताज बादशाह हुआ करता था, आज बहुत कठिन दौर से गुजर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में कई चुनौतियों का सामना करने के बाद, इंटेल के शेयरों में अब 28% की गिरावट दर्ज की गई है। कंपनी ने भविष्यवाणी की थी कि उसका तिमाही राजस्व अनुमानों से नीचे रहेगा और इसके साथ ही कंपनी ने 15% नौकरी कटौती की भी घोषणा की। इन खबरों ने कंपनी के भविष्य को लेकर चिंता उत्पन्न की है, विशेषकर ताइवान की TSMC और अन्य प्रमुख चिप निर्माताओं के साथ प्रतिस्पर्धा में पिछड़ने के दृष्टिकोण से।
इंटेल की इस बदतर स्थिति को देखते हुए, बर्न्स्टीन एनालिस्ट स्टेसी रैस्गन ने अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने इसे इंटेल के लिए 'अस्तित्व के स्तर' की स्थिति बताया। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी के पास लागत कटौती, सब्सिडी, और भागीदारों के योगदान से अपने बैलेंस शीट में $40 बिलियन की नकदी जोड़ने का मौका है, जो किसी न किसी रूप में इसे जीवित रख सकता है।
इंटेल की मौद्रिक चुनौतियाँ
अगर इस समय कंपनी को होने वाले नुकसान बरकरार रहते हैं, तो इंटेल का बाजार मूल्य लगभग $90 बिलियन तक गिर जाएगा, जो कि Nvidia के मूल्य के 5% से भी कम होगा और AMD के मूल्य का लगभग 40%। इसके साथ ही, यह हालात इंटेल को Applied Materials और Lam Research जैसी कंपनियों से भी नीचे खड़ा कर देंगे।
इंटेल पिछले कुछ समय से अपनी निर्माण क्षमता को पुनः स्थापित करने के लिए संघर्षरत है, खासकर सर्वर चिप बिजनेस में, जहां यह Nvidia से काफी पिछड़ रहा है।
आगे की चुनौतियां और संभावनाएं
अपने पुनर्निर्माण और विस्तार योजना के तहत कंपनी अगले कुछ वर्षों में चार अमेरिकी राज्यों में फैक्ट्रियों को बनाने और विस्तारित करने के लिए $100 बिलियन खर्च करने की योजना बना रही है। इसके लिए उसे संघीय अनुदानों और ऋणों के रूप में $19.5 बिलियन की राशि भी मिली है। लेकिन इस योजना की सफलता इस पर निर्भर है कि कंपनी अन्य बाहरी कंपनियों को अपने निर्माण सेवाओं का उपयोग करने के लिए मना सके, जो कि खुद में एक लंबा और कठिन प्रयास होगा।
इस स्थिति को देखते हुए, कम से कम 14 विश्लेषकों ने इंटेल के शेयर की कीमत को नीचे किया है, जिससे इसका औसत मूल्य लक्ष्य $28 तक गिर गया है। इंटेल के शेयर शुक्रवार को 11 साल की न्यूनतम $20.6 पर कारोबार कर रहे थे। इसके शेयर का आगामी 12 महीने के लिए अग्रिम मूल्य-से-आय अनुपात 18.62 था, जो Nvidia के 32.15 और AMD के 29.42 से काफी कम है।
अन्य चिप निर्माताओं के शेयर भी गिरे हैं, जिसमें Arm, Micron Technology, GlobalFoundries और अमेरिका में सूचीबद्ध TSMC के शेयर 2.8% से 6.7% तक नीचे आए हैं।
इस विकासक्रम ने केवल इंटेल के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे उद्योग के लिए चिंता का विषय बना दिया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इंटेल का भविष्य अभी भी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है, लेकिन यदि कंपनी अपनी योजनाओं को सही ढंग से लागू कर सके और उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार अपनी सेवाओं को सुधार सके, तो उसके पास पुनः उभरने का एक मौका है।
suji kumar
अगस्त 4, 2024 AT 00:20इंटेल का इतिहास वास्तव में भारत में कई इंजीनियरों के लिए प्रेरणा रहा है, परंतु वर्तमान में कंपनी को जिस संकट का सामना करना पड़ रहा है, वह गहरा है; यह समझना आवश्यक है कि शेयरों में 28% गिरावट केवल संख्यात्मक घटना नहीं, बल्कि उद्योग में विश्वास का भी संकेत है। कंपनी ने 15% कटौती की घोषणा की है, जिससे लाखों कर्मचारियों की भविष्य की सुरक्षितता अनिश्चित हो गई है। इस कठिन समय में, सरकार की अनुदानों की भूमिका अहम हो सकती है, लेकिन वह भी सीमित है, और केवल वित्तीय समर्थन से समस्या का समाधान नहीं हो सकता। इंटेल का पुनर्निर्माण रणनीति, जिसमें चार नए फैक्ट्री बनाना शामिल है, इसे एक लंबी यात्रा बनाता है; इस परिश्रम के बीच, प्रतिस्पर्धी जैसे Nvidia और AMD तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। TSMC जैसे विदेशी प्रतिस्पर्धियों की तेज़ी से बढ़ती क्षमताओं को देखते हुए, इंटेल को तकनीकी नवाचार में बड़ी छलांग लगानी पड़ेगी। यह बात स्पष्ट है कि केवल खर्चीला निवेश ही नहीं, बल्कि दक्षता और डिज़ाइन में क्रांतिकारी परिवर्तन की जरूरत है। कुछ विश्लेषकों ने कहा है कि इंटेल को अपने मौजूदा संसाधनों को पुन:आवंटित करके उच्च मार्जिन वाले सेक्टर पर ध्यान देना चाहिए; यह एक व्यावहारिक कदम हो सकता है। हालांकि, कंपनी के पास अभी भी $40 बिलियन की नकदी रखी हुई है, जो कि एक महत्वपूर्ण बफ़र प्रदान करती है; इस पूंजी को कैसे उपयोग किया जाए, यह एक रणनीतिक प्रश्न बन जाता है। इंटेल को अपने सप्लाई चेन को मजबूत करने के साथ-साथ, अनुसंधान एवं विकास में अधिक निवेश करने की जरूरत है, क्योंकि बिना नवाचार के कोई भी कंपनी बाजार में टिक नहीं सकती। भारत में भी इस बदलाव का प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि कई स्टार्टअप और विश्वविद्यालय इंटेल के सहयोगी बनना चाहते हैं। यदि इंटेल इस सहयोग को सही दिशा में ले जाता है, तो यह भारतीय टेक इकोसिस्टम को भी लाभ पहुंचा सकता है। इसी प्रकार, रोजगार के अवसरों के संदर्भ में भी, यदि पुनर्निर्माण सफल होता है, तो कई युवा इंजीनियरों के सपने साकार हो सकते हैं। अंततः, यह कहा जा सकता है कि इंटेल की वर्तमान स्थिति चुनौतीपूर्ण है, पर यदि कंपनी सही रणनीति अपनाती है, तो यह फिर से उद्योग का शीर्षस्थ खिलाड़ी बन सकता है; यह एक सुदृढ़ योजना और तेज़ कार्यान्वयन पर निर्भर करेगा।
Ajeet Kaur Chadha
अगस्त 4, 2024 AT 00:30वाआह, इंटेल ने फिर से दिखा दिया कि शेयर गिरना कितना आसान है।
Vishwas Chaudhary
अगस्त 4, 2024 AT 00:40हम भारत में निर्मित चिप्स को प्राथमिकता देनी चाहिए। इंटेल जैसी विदेशी कंपनियों को भरोसा नहीं देना चाहिए क्योंकि यह हमारी आत्मनिर्भरता को खतरे में डालता है।
Rahul kumar
अगस्त 4, 2024 AT 00:50इंटेल का दाम गिरना तो जैसे धूप में बर्फ पिघलना, सब कहते हैं नाम धूम है लेकिन असली मसाले तो अभी नहीं दिखे।
indra adhi teknik
अगस्त 4, 2024 AT 01:00इंटेल को अगर अपने फाउंड्री में नई नोड्स को जल्दी अपनाना है तो मौजूदा सप्लायरों के साथ सहयोग बढ़ाना चाहिए और साथ ही भारत में R&D केंद्र स्थापित करना लाभदायक रहेगा।
Kishan Kishan
अगस्त 4, 2024 AT 01:10ओह माय गॉड!!! इंटेल ने फिर से चमचा घुमा दिया, 28% गिरावट और फिर भी कह रहे हैं कि $40 बिलियन नकदी है!!! क्या सोच रहे हैं ये लोग, शायद कॉफी की चुस्की लेते हुए सपने देख रहे हैं!!!
richa dhawan
अगस्त 4, 2024 AT 01:20शायद ये गिरावट बैकग्राउंड में कोई बड़ी साज़िश है, कुछ बड़े देश इंटेल को कमजोर करके अपना चिप मार्केट हाकिम बनाना चाहते हैं, देखो तो सही।
Balaji S
अगस्त 4, 2024 AT 01:30इंटेल की मौद्रिक अस्थिरता को हम मैक्रो-इकोनॉमिक वैरिएबल्स के इंटरप्ले के रूप में देख सकते हैं; फॉर्म फैक्टर और कैपिटल अलोकेशन की डिस्क्रिप्टिव एनालिसिस यह संकेत देती है कि फंडिंग स्ट्रेस कोई अस्थायी घटना नहीं है। इसके साथ ही, वैल्यू प्रपोर्शनल ग्रोथ मॉडल यह दर्शाता है कि कंपनी को अपनी टेक्निकल रोडमैप को पुनः कैलिब्रेट करना आवश्यक है। यदि इंटेल ग्रीनपाथ में प्रवेश नहीं करता तो कॉम्पेटिटिव एडेप्टेशन लूप में फँस सकता है। इस जटिल परिदृश्य में, स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप और इकोसिस्टम इंटेग्रेशन को प्राथमिकता देना चाहिए। अंत में, सस्टेनेबिलिटी और स्केलेबिलिटी दो मुख्य आयाम बनेंगे जो इंटेल को फिर से प्रतिस्पर्धी बना सकते हैं।
Alia Singh
अगस्त 4, 2024 AT 01:40इंटेल की वर्तमान वित्तीय स्थिति के विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि शेयर मूल्य में गिरावट के पीछे कई मैक्रो-इकॉनॉमिक कारक सम्मिलित हैं; विशेष रूप से, वैश्विक चिप आपूर्ति श्रृंखला में उत्पन्न व्यवधान तथा प्रतिस्पर्धी कंपनियों के नवाचार गति में वृद्धि, प्रमुख कारण हैं। कंपनी द्वारा प्रस्तावित $100 बिलियन निवेश योजना, यदि प्रभावी ढंग से कार्यान्वित होती है, तो दीर्घकालिक क्षितिज में मूल्य पुनः प्राप्ति की संभावनाएँ उत्पन्न कर सकती है। इस संदर्भ में, नियामक संस्थाओं तथा निवेशकों को सावधानीपूर्वक जोखिम-मूल्यांकन करना आवश्यक होगा।
Purnima Nath
अगस्त 4, 2024 AT 01:50इंटेल की समस्या में हम सबका हाथ है, मिलकर समाधान ढूँढें! नई फैक्ट्री और प्रशिक्षण से कई नौकरियों का सृजन हो सकता है।
Rahuk Kumar
अगस्त 4, 2024 AT 02:00इंटेल की पुनरुत्थान रणनीति को क्वांटम एन्हांसमेंट फ्रेमवर्क के भीतर पुनः मूल्यांकन की आवश्यकता है।
Deepak Kumar
अगस्त 4, 2024 AT 02:10इन सब के बीच, वास्तविक कार्यान्वयन ही निर्णायक होगा।
Chaitanya Sharma
अगस्त 4, 2024 AT 02:20समग्र रूप से, इंटेल को अपने पूंजी संरचना का पुनरावलोकन करना चाहिए; साथ ही ऑपरेशनल दक्षता बढ़ाने के लिए लॉजिस्टिक्स को ऑप्टिमाइज़ करना चाहिए। यह कदम निवेशकों के विश्वास को पुनः स्थापित करने में मदद करेगा।
Riddhi Kalantre
अगस्त 4, 2024 AT 02:30आपकी बात सही है, विदेशी कंपनियों पर भरोसा नहीं करना चाहिए; राष्ट्रीय स्वाभिमान के लिए हमें अपने घरेलू चिप निर्माताओं को प्राथमिकता देनी चाहिए।