दिल्ली से कोलकाता जा रही एयर इंडिया की उड़ान टेक-ऑफ से पहले रुकी, तकनीकी खराबी बनी वजह
जुल॰, 22 2025
दिल्ली-कोलकाता फ्लाइट की उड़ान से पहले बड़ी चूक, यात्रियों में बेचैनी
21 जुलाई 2025 की सुबह, दिल्ली हवाई अड्डा हमेशा की तरह हलचल भरा था। लेकिन जब एयर इंडिया फ्लाइट AI 2403 ने रनवे पर रफ्तार पकड़नी शुरू की, तभी अचानक सबकुछ बदल गया। विमान के पायलट्स ने अचानक टेक-ऑफ रोक दिया। मामला गंभीर था—उनकी मॉनिटर पर तकनीकी गड़बड़ी का अलार्म आ चुका था। उन्होनें बिल्कुल तय प्रोटोकॉल के मुताबिक प्लेन को रनवे पर ही रोक दिया और जल्द से जल्द सभी 160 यात्रियों को सुरक्षित उतार लिया गया। चारों ओर थोड़ी देर अफरातफरी मची, लेकिन ग्राउंड स्टाफ की त्वरित कार्रवाई की वजह से किसी को कोई चोट नहीं आई।
एयरलाइंस के इंजीनियर्स ने तुरंत जांच शुरू की। प्लेन को ग्राउंडेड रखा गया और तभी उड़ान दोबारा शुरू करने का फैसला लिया गया, जब सभी जरूरी सुरक्षा जांच पूरी हो गईं। इस दौरान यात्रियों को एयरपोर्ट लाउंज में रखा गया और शाम तक फ्लाइट को री-शेड्यूल कर दिया गया। जो लोग जल्दबाजी या तनाव में थे, उन्हें स्टाफ ने सामान तरीके से संभाला।
एयर इंडिया की सुरक्षा पर बढ़ता सवालिया निशान
इस घटना ने एयर इंडिया की सुरक्षा व्यवस्था को फिर से कटघरे में ला खड़ा किया है। वैसे, पिछले कुछ हफ्तों में एयर इंडिया के साथ इसी तरह की घटनाएं एक के बाद एक हो रही हैं। इसी दिन, मुंबई में भारी बारिश के बीच एयर इंडिया फ्लाइट AI 2744 रनवे से फिसल गई। विमान की लैंडिंग के वक्त स्लिप हो गई, जिससे इंजन डैमेज हो गया, लेकिन सभी पैसेंजर्स बाल-बाल बच गए। एयरपोर्ट का स्टाफ तुरंत हरकत में आया और यात्रियों को बाहर निकाला गया।
एक दिन बाद, 22 जुलाई को, हांगकांग से दिल्ली आई एयर इंडिया फ्लाइट AI 315 का आक्सीलीयरी पावर यूनिट लैंडिंग के बाद अचानक जलने लगा। यह यूनिट विमान की इलेक्ट्रिकल सप्लाई के लिए जरूरी होता है। आग तो सिस्टम ने खुद बुझा दी, लेकिन सारे यात्रियों और क्रू को हल्की घबराहट जरूर हुई। इस विमान को भी फिर से टेक्निकल जांच के लिए रोकना पड़ा।
अगर बीते महीने की बड़ी घटना की बात करें, तो जून 2025 में एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 क्रैश हो गई थी, जिसमें 260 लोगों की जान गई। शुरुआती जांच रिपोर्ट में सामने आया था कि प्लेन में फ्यूल सप्लाई की समस्या थी, जिसने बड़ी त्रासदी को जन्म दिया।
लगातार हो रहे तकनीकी फेलियर, लैंडिंग की समस्याएं और इमरजेंसी अलर्ट के बीच एयर इंडिया को अपनी सुरक्षा प्रोटोकॉल फिर से देखना पड़ रहा है। इन घटनाओं के बाद सवाल उठ रहे हैं कि एयरलाइन अपनी मेंटेनेंस और सुरक्षा जांच को कितना गंभीरता से ले रही थी। एयर ट्रैवलर्स और उनके परिजनों की आशंकाएं भी अब बढ़ गई हैं। कई पैंसेजर्स ने सोशल मीडिया के जरिए भी अपनी चिंता जाहिर की है। अब हर कोई चाहता है कि फ्लाइट से जुड़े हर कदम का पूरा जायज़ा हो, जिससे आगे कोई हादसा न हो सके।

Jyoti Kale
जुलाई 22, 2025 AT 17:42एयर इंडिया की इन बारकी गड़बड़ियों से पहले ही थक गया हूँ
Ratna Az-Zahra
जुलाई 23, 2025 AT 04:49तकनीकी त्रुटियों का लगातार दोहराव दर्शाता है कि रखरखाव नीति में मूलभूत सुधार की आवश्यकता है। इस तरह की घटनाएँ यात्रियों के भरोसे को ठेस पहुंचाती हैं।
Nayana Borgohain
जुलाई 23, 2025 AT 15:56संदेह के बन्धनों से मुक्त हो, सफर का मतलब केवल गंतव्य नहीं, बल्कि यात्रा का सार है 😊
Shivangi Mishra
जुलाई 24, 2025 AT 03:02ऐसी असुरक्षा को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, हमारी भावनाएँ इस बेईमानी से झुंझलाते हैं! तुरंत सुधार की माँग कर रहे हैं।
ahmad Suhari hari
जुलाई 24, 2025 AT 14:09नमस्कार, सुझाव है कि एय़र इंदिया को अपने मेन्टेनेंस शीड्यूल को पुनरविचार करना चाहिए। यह मुद्दा अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
shobhit lal
जुलाई 25, 2025 AT 01:16भाई लोग, सबको पता है कि एयर इंडिया का तकनीकी ढांचा पुराना है, इसलिए बार‑बार एरर आना अनिवार्य है। नई टेक्नोलॉजी लैग नहीं, तो फिर उड़ान क्यों?
suji kumar
जुलाई 25, 2025 AT 12:22आज की घटना, जो कि दिल्ली‑कोलकाता के मार्ग पर हुई, कई पहलुओं को उजागर करती है, पहला यह कि एयरलाइन की तकनीकी निरीक्षण प्रक्रिया में प्रणालीगत कमी है, दूसरा यह कि बैक‑अप प्रोटोकॉल का अनुपालन पर्याप्त नहीं रहा, तीसरा यह कि पायलटों की प्रशिक्षण सामग्री में वास्तविक परिदृश्यों का अभाव दिखता है, चौथा यह कि ग्राउंड स्टाफ की त्वरित प्रतिक्रिया प्रशंसा योग्य है, पाँचवाँ यह कि यात्रियों को वैकल्पिक सुविधाओं की उपलब्धता में सुधार की आवश्यकता है, छठा यह कि संचार चैनलों में पारदर्शिता की कमी देखी गई, सातवाँ यह कि एयरलाइंस को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप रखरखाव शेड्यूल अपनाना चाहिए, आठवाँ यह कि नियामक प्राधिकरणों की निगरानी को सुदृढ़ करना आवश्यक है, नौवाँ यह कि इस प्रकार की घटनाओं के बाद सार्वजनिक विश्वास को पुनर्स्थापित करने के उपायों का कार्यान्वयन होना चाहिए, दसवाँ यह कि तकनीकी टीमों को निरंतर अपडेटेड प्रशिक्षण देना चाहिए, ग्यारहवाँ यह कि फ्यूल सप्लाई एवं इलेक्ट्रिकल सिस्टम की जाँच में अतिरिक्त मानकों को अपनाना चाहिए, बारहवाँ यह कि आपातकालीन स्थितियों में एयरक्राफ्ट की स्वचालित प्रणाली को बंधन मुक्त करने की नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए, तेरहवाँ यह कि ग्राहकों को मुआवजा एवं पुनर्बिक्री विकल्प प्रदान करने की प्रक्रिया को सरल बनाना चाहिए, चौदहवाँ यह कि एयरलाइन की आंतरिक ऑडिट प्रक्रिया को स्वतंत्र तृतीय पक्ष द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए, पंद्रहवाँ यह कि इस प्रकार की घटनाओं के बाद सभी हितधारकों को सम्मिलित कर एक व्यापक सुधार योजना तैयार करनी चाहिए।
Ajeet Kaur Chadha
जुलाई 25, 2025 AT 23:29ओह, क्या दया है! फिर से एयर इंडिया ने हमारा दिन ‘रोक‑ऑफ‑टेक‑ऑफ’ बना दिया, कितनी अद्भुत सिरीज़ है ये।
Vishwas Chaudhary
जुलाई 26, 2025 AT 10:36देश की शान है हमारा एयर इंडिया, लेकिन तकनीकी लापरवाही को कोई माफ नहीं करना चाहिए। अभी सुधार न हुआ तो हम सबको झगड़ा झेलना पड़ेगा
Rahul kumar
जुलाई 26, 2025 AT 21:42इक बात है, हर बार वही बहाना - ‘तकनीकी गड़बड़ी’। शायद हमें इस परिप्रेक्ष्य से बाहर निकलना चाहिए और नई दिशा में सोचना चाहिए, नहीं तो यही चक्र जारी रहेगा।
indra adhi teknik
जुलाई 27, 2025 AT 08:49हेल्पफुल सुझाव: सभी तकनीकी अलार्म के बाद विस्तृत रिस्क असेसमेंट किया जाए, फिर ही उड़ान को पुन: आरंभ किया जाए। इससे सुरक्षित संचालन सुनिश्चित होगा।
Kishan Kishan
जुलाई 27, 2025 AT 19:56सच में, ग्राउंड टीम की तेज़ कार्रवाई सराहनीय है; लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रोएक्टिव मेंटेनेंस को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, है ना?
richa dhawan
जुलाई 28, 2025 AT 07:02क्या आप जानते हैं कि इस सबका पीछे एक बड़ी सचाई छिपी हो सकती है? हो सकता है कंपनी के अंदरूनी लोग जानबूझकर फाइलों को गड़बड़ कर रहे हों।
Balaji S
जुलाई 28, 2025 AT 18:09सैद्धांतिक दृष्टिकोण से, हम देख सकते हैं कि एयर इंडिया की ओपरेशनल रिस्क मैनेजमेंट फ्रेमवर्क में ‘फॉल्ट टॉलरेंस’ का अभाव है, जो कि एयरोस्पेस इंडस्ट्री में मानक प्रथा है; इस अंतर को दूर करने हेतु, इंटरेक्टिव सिमुलेशन मॉडल्स को लागू किया जाना चाहिए; साथ ही, एवीएएस (एयरलाइन वैलिडेशन और एग्जीक्यूशन सिस्टम) को रीयल‑टाइम डेटा इंटेग्रेशन के साथ मजबूत किया जाना चाहिए, जिससे संभावित फेल्योर पैटर्न की प्रोएक्टिव पहचान संभव हो।
Alia Singh
जुलाई 29, 2025 AT 05:16विषय को लेकर हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि सुरक्षा मानकों के अनुपालन में निरंतर अनियमितताएँ प्रमुख जोखिम हैं; कृपया इस पर शीघ्रता से कार्यवाही करें।
Purnima Nath
जुलाई 29, 2025 AT 16:22चलो, इस बार हम सब मिलकर सकारात्मक ऊर्जा से एयर इंडिया को नई दिशा दें; भरोसा रखें, सुधार संभव है!
Rahuk Kumar
जुलाई 30, 2025 AT 03:29सभी को सूचित करना आवश्यक है कि इस तरह की तकनीकी विफलता उद्योग में प्रचलित मानकों के उल्लंघन को दर्शाती है, और इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।
Deepak Kumar
जुलाई 30, 2025 AT 14:36मैं मानता हूँ कि प्रत्येक प्रतिक्रिया एक सीख है; हमें मिलकर बेहतर सुरक्षा मानकों की दिशा में काम करना चाहिए।
Chaitanya Sharma
जुलाई 31, 2025 AT 01:42सहायक जानकारी: एयर इंडिया को सभी तकनीकी अलार्म के बाद एक विस्तृत निरीक्षण रिपोर्ट प्रकाशित करनी चाहिए, जिससे सार्वजनिक विश्वास पुनः स्थापित हो सके।
Riddhi Kalantre
जुलाई 31, 2025 AT 12:49हमारा राष्ट्रीय गर्व है, लेकिन इस तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता; त्वरित सुधार ही एकमात्र विकल्प है