बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी अपोलो अस्पताल से सफल इलाज के बाद हुए डिस्चार्ज
जुल॰, 4 2024लाल कृष्ण आडवाणी की सेहत में सुधार
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को नई दिल्ली के अपोलो अस्पताल से गुरुवार शाम को डिस्चार्ज कर दिया गया। 96 वर्षीय नेता को एक दिन पहले बुधवार रात अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जब उन्हें तबीयत नासाज महसूस हुई। यह भर्ती एक रात पहले एम्स से डिस्चार्ज होने के कुछ दिनों बाद की गई थी।
आडवाणी की बेटी प्रतिभा आडवाणी ने अपने पिता को अस्पताल ले जाने में मदद की और वे रात 9 बजे अपोलो अस्पताल पहुंचे। वहां उन्होंने डॉक्टर विनीता सूरी के सिरपरस्ती में उपचार प्राप्त किया। डॉ. विनीता सूरी, जो न्यूरोलॉजी विभाग में वरिष्ठ परामर्शदाता हैं, ने आडवाणी की स्थिति को स्थिर बताया था। अनेक डॉक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य पर नज़र रख रही थी और यह सुनिश्चित कर रही थी कि किसी भी तरह की कमी या समस्या को तुरंत पाठ किया जाए।
राजनीति में आडवाणी का योगदान
लाल कृष्ण आडवाणी की राजनीतिक यात्रा बेहद प्रेरणादायक और महत्वपूर्ण रही है। 1942 में आरएसएस के साथ जुड़कर उन्होंने अपनी राष्ट्रीय सेवा की शुरुआत की। 1980 में बीजेपी की नींव रखते हुए वे इसके प्रमुख संस्थापक बने। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मिलकर पार्टी के विचारधारा को ठोस आधार दिया और इसे देशभर में फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
1990 में आडवाणी ने राम जन्मभूमि आंदोलन का नेतृत्व किया और उनकी राष्ट्रव्यापी रथ यात्रा ने हिंदू राष्ट्रवादी भावनाओं को प्रबल किया। इससे उनकी छवि एक जननायक और मेहनती नेता के रूप में मजबूती मिली। 2002 से 2004 तक वे प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उपप्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत रहे।
8 नवंबर 1927 को कराची, अविभाजित भारत (अब पाकिस्तान) में जन्मे आडवाणी का जीवन संघर्ष और सेवा की मिसाल है।
परिवार और व्यक्तिगत जीवन
लाल कृष्ण आडवाणी का पारिवारिक जीवन भी एक प्रमुख भूमिका निभाता है। उनकी पत्नी कमला आडवाणी के साथ उनका एक आत्मीय संबंध रहा है। उनके दो बच्चे हैं, जयंत और प्रतिभा, जिन्होंने हमेशा अपने पिता के काम और स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान दिया है।
आडवाणी की बेटी प्रतिभा उनके साथ हर मुश्किल घड़ी में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही हैं। इस बार भी उनका साहस और समर्थन उनके पिता के स्वस्थ हो जाने में विशेष योगदान रहा।
आगे का मार्ग
लाल कृष्ण आडवाणी की उम्र और अनुभव को देखते हुए, उनका स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। उनकी पार्टी और समर्थकों को उनके स्वस्थ और खुशहाल जीवन की कामना है। आडवाणी के राजनीतिक जीवन की विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।
उनकी संघर्ष और सेवा की कहानी न केवल पार्टी के अन्य सदस्यों के लिए बल्कि देश के हर नागरिक के लिए एक प्रेरणा है। आडवाणी का स्वस्थ होने के बाद परिवार, दोस्तों और समर्थकों ने उनके जल्द स्वस्थ होने के लिए शुभकामनाएं व्यक्त की हैं।
यदि देश को ऐसे प्रेरणादायक नेता मिलते रहें, तो निश्चित रूप से हमारा भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल होगा।