भारत vs दक्षिण अफ्रीका फाइनल: बारिश ने टॉस लटका दिया, हरमनप्रीत कौर की टीम इतिहास रचने को तैयार
नव॰, 2 2025
नवी मुंबई के डॉ. डी. वाय. पाटिल स्टेडियम पर बारिश की हल्की बूंदें गिर रही थीं, और दुनिया का सबसे बड़ा महिला क्रिकेट फाइनल लगभग बंद हो चुका था। सुबह से चल रही बादलों की चादर ने 3 बजे के टॉस को भी रोक दिया। भारतीय महिला टीम, जिसकी कप्तान हरमनप्रीत कौर ने अब तक के सभी बड़े मुकाबलों में जान लगा दी है, अपना पहला विश्व कप जीतने के बहुत करीब थी। लेकिन आकाश ने अपना खेल खेलना शुरू कर दिया। दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लॉरा वोल्वार्ड्ट की टीम, जिसने टूर्नामेंट की शुरुआत बुरी तरह खराब की थी, अब इतिहास बनाने के कगार पर खड़ी थी।
बारिश ने टॉस और खेल को लटका दिया
टॉस का समय 3 बजे था। लेकिन 6:29 बजे तक भी टॉस नहीं हुआ। बारिश इतनी लगातार थी कि मैदान के बीच के हिस्से में पानी जम रहा था। मैच अधिकारी एक घंटे तक बारिश के बारे में बात करते रहे, फिर एक छोटा सा ब्रेक लिया। उनके चेहरे पर चिंता थी — अगर बारिश रुकी नहीं, तो मैच 50-ओवर का नहीं, बल्कि 30 या 20 ओवर का हो जाएगा। डकवर्थ-लुईस-स्टर्न नियम लागू हो सकता है। और ये नियम जब लागू होता है, तो जीत का अहसास बदल जाता है।
भारत ने 298 रन बनाए, शफाली ने धमाकेदार प्रदर्शन
भारत ने अपनी पारी 50 ओवर में 298 रन पर बंद की — जिसमें शफाली वर्मा ने 75 गेंदों में 85 रन बनाए। ये उनकी सबसे बड़ी पारी थी। जेमिमाह रोड्रिग्स ने 30 गेंदों में 21 रन दिए, और डीप्ति शर्मा ने दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को चार विकेट दे दिए। टीम ने 27 ओवर के बाद 162/1 का बेहतरीन स्कोर बनाया था, जब शफाली और जेमिमाह ने एक साथ अपनी टीम को जीत की ओर धकेला। बारिश से पहले, दक्षिण अफ्रीका का जवाब 7/0 था — बस दो ओवर खेले गए थे।
इतिहास के बोझ और नई उम्मीदें
भारत की टीम ने 2005 और 2017 में फाइनल खो दिया था — दोनों बार इंग्लैंड ने उन्हें हराया था। 2017 का फाइनल उनके लिए एक दर्द था। उस दिन बारिश ने भी मैच बाधित किया था। लेकिन आज, उनके लिए ये वही बारिश नहीं थी — ये एक नया मौका था। दक्षिण अफ्रीका ने टूर्नामेंट की शुरुआत बहुत खराब की थी — इंग्लैंड के खिलाफ 69 रन पर आउट हो गईं, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 97 पर। लेकिन फिर उन्होंने अपना जीवन बदल दिया। फाइनल में पहुंचने के लिए उन्होंने इंग्लैंड को हराया। अब वो अपना पहला विश्व कप जीतने के लिए तैयार थीं।
मैदान का अहम रोल
डॉ. डी. वाय. पाटिल स्टेडियम ने इस टूर्नामेंट में भारतीय महिलाओं को अपना घर बना लिया था। वहां उन्होंने तीन मैच खेले — और तीनों जीते। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने महिला वनडे क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा टारगेट चेज किया था। दक्षिण अफ्रीका ने इस मैदान पर पहली बार खेला था। उनके लिए ये नया माहौल था — और शायद इसी वजह से उनकी शुरुआत धीमी रही।
महिला क्रिकेट का इतिहास बदल सकता है
ये मैच सिर्फ एक ट्रॉफी के लिए नहीं था। ये एक देश की आत्मा के लिए था। भारत में महिला क्रिकेट का जो जुनून है, वो आज एक जनता के रूप में दिख रहा था। यूट्यूब पर एक वीडियो शीर्षक था — “The Super Sunday is here: A final that could change women’s cricket forever”. और वो सच था। अगर भारत जीत गया, तो लाखों लड़कियां अपने घरों में क्रिकेट की बॉल उठाएंगी। अगर दक्षिण अफ्रीका जीत गई, तो एशिया के बाहर एक नया नाम उभरेगा। दोनों टीमें अपने-अपने इतिहास के बोझ को उतारने की कोशिश कर रही थीं।
अगला क्या होगा?
बारिश अभी तक नहीं रुकी। मैच अधिकारी ने 15 मिनट का ब्रेक लिया है। अगर बारिश 7:30 बजे तक नहीं रुकी, तो मैच को रद्द करने की संभावना बढ़ जाएगी। लेकिन अगर वो रुक गई, तो टॉस तुरंत होगा। दक्षिण अफ्रीका के लिए ये बहुत बड़ा फायदा होगा — उनके दो ओपनर्स बहुत अच्छी शुरुआत कर चुके हैं। भारत के लिए ये बेहतर है कि वो जल्दी से शुरू हो जाए — ताकि उनकी टीम का दबाव बना रहे।
जब बारिश ने इतिहास को रोक दिया
लेकिन जैसे ही बारिश रुकी, टॉस तुरंत हुआ। भारत ने बॉल करने का फैसला किया। दक्षिण अफ्रीका के ओपनर्स ने अच्छी शुरुआत की — लेकिन जब तीसरा ओवर शुरू हुआ, तो बारिश फिर से शुरू हो गई। इस बार वो तेज थी। अधिकारी ने टीमों को मैदान से बाहर भेज दिया। घड़ी 8:45 बज रही थी। अब ये फाइनल दो दिनों में पूरा होगा — या शायद नहीं। ये विश्व कप का ऐसा फाइनल है जिसे इतिहास ने बहुत देर तक याद रखेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
भारत कभी महिला विश्व कप जीत चुका है?
नहीं, भारत अब तक कभी महिला विश्व कप नहीं जीत पाया है। 2005 और 2017 में ये टीम फाइनल तक पहुंची थी, लेकिन दोनों बार इंग्लैंड ने उसे हरा दिया। 2017 का फाइनल खास तौर पर दर्द भरा था — जब बारिश के कारण भारत को जीत के बहुत करीब से हारना पड़ा था। आज का मौका उनके लिए इतिहास बदलने का आखिरी अवसर था।
दक्षिण अफ्रीका ने टूर्नामेंट में कैसे वापसी की?
दक्षिण अफ्रीका ने टूर्नामेंट की शुरुआत बहुत खराब की — इंग्लैंड के खिलाफ 69 रन पर आउट हो गईं और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 97 पर। लेकिन उनकी कप्तान लॉरा वोल्वार्ड्ट ने टीम को जोड़ दिया। उन्होंने फिर न्यूजीलैंड और इंग्लैंड को हराकर फाइनल में जगह बनाई। उनकी टीम की वापसी टूर्नामेंट की सबसे बड़ी कहानी बन गई।
शफाली वर्मा का प्रदर्शन क्यों इतना खास था?
शफाली ने 75 गेंदों में 85 रन बनाए — ये उनकी सबसे तेज और सबसे अहम पारी थी। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों को बिल्कुल बेकार दिखाया। उनके छक्के और स्ट्रेट ड्राइव्स ने टीम को आगे बढ़ाया। ये पारी उनके लिए सिर्फ रन नहीं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक संदेश थी — कि नई पीढ़ी अब दुनिया को डरा सकती है।
अगर मैच रद्द हो गया तो विश्व कप किसके पास जाएगा?
अगर मैच रद्द हो गया और दोनों टीमें फाइनल में पहुंच गईं, तो ट्रॉफी उस टीम को जाएगी जिसने टूर्नामेंट में ज्यादा जीत दर्ज की हो। भारत ने इस टूर्नामेंट में 8 मैच खेले और 7 जीते — दक्षिण अफ्रीका ने 7 में से 5 जीते। इसलिए अगर मैच रद्द हुआ, तो भारत को ट्रॉफी मिल जाएगी।
हरमनप्रीत कौर का इतिहास इस फाइनल से कैसे जुड़ा है?
हरमनप्रीत ने 2017 के फाइनल में 57 रन बनाए थे, लेकिन भारत हार गया। उसके बाद उन्होंने अपनी टीम को फिर से ऊपर उठाया। आज वो अपने करियर के आखिरी विश्व कप में थीं। अगर वो जीत गईं, तो उनका नाम भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े नामों में शामिल हो जाएगा। अगर हार गईं, तो भी वो एक अद्वितीय नेता बन चुकी हैं।
महिला क्रिकेट के लिए ये फाइनल क्यों इतना महत्वपूर्ण है?
ये फाइनल दो ऐसी टीमों के बीच था जिन्होंने सब कुछ बदल दिया। भारत ने लाखों लड़कियों को क्रिकेट की ओर ले आया। दक्षिण अफ्रीका ने दिखाया कि एक टीम कैसे अपने अंधेरे से निकल सकती है। अगर भारत जीता, तो उसके बाद भारत में महिला क्रिकेट के लिए बजट और इन्फ्रास्ट्रक्चर बदल जाएगा। ये सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं — ये एक नई पीढ़ी का आगाज था।

vasanth kumar
नवंबर 3, 2025 AT 15:11बारिश ने तो टॉस लटका दिया, पर दिलों का टॉस तो पहले ही हो चुका था। भारत की टीम ने जो जुनून दिखाया, वो किसी ट्रॉफी से ज्यादा अनमोल है।
Pooja Shree.k
नवंबर 4, 2025 AT 20:59शफाली ने जो खेला वो बस जबरदस्त था। उसके छक्के सुनकर मेरा दिल धड़क रहा था। बस एक बार फिर से भारत जीते।
balamurugan kcetmca
नवंबर 5, 2025 AT 17:41ये मैच सिर्फ क्रिकेट नहीं था। ये तो एक पीढ़ी का सपना था। हरमनप्रीत ने जो लड़ाई लड़ी, वो बच्चियों के लिए रास्ता बना रही थीं। जब शफाली ने वो छक्का मारा, तो मैंने सोचा, अब कोई नहीं रोक सकता इन लड़कियों को। दक्षिण अफ्रीका ने भी बहुत अच्छा खेला, लेकिन भारत की टीम में वो जादू था जो किसी भी टीम में नहीं होता। ये टीम बस खेल नहीं, बल्कि जीवन जी रही थी। जब भी भारतीय महिलाएं खेलती हैं, तो उनके पीछे लाखों घरों की आवाज़ होती है। आज वो आवाज़ एक जीत के लिए चिल्ला रही थी। और जब बारिश ने दोबारा शुरू हो दिया, तो मैंने सोचा, ये भगवान की तरफ से एक टेस्ट है। क्या हम अपने सपनों को छोड़ देंगे या उन्हें धूल चढ़ाएंगे? इस मैच के बाद भारत में महिला क्रिकेट का फंडिंग बदल जाएगा। अब कोई नहीं कहेगा कि लड़कियों के लिए स्टेडियम नहीं बनाना चाहिए। ये टीम ने सिर्फ बल्ला नहीं उठाया, बल्कि एक नए भारत का आधार रखा है।
Vasudev Singh
नवंबर 5, 2025 AT 18:31ये जो बारिश हुई, वो किसी बुरे इरादे से नहीं, बल्कि एक अलग तरह के इतिहास के लिए थी। भारत ने जितने फाइनल खोए, उतने ही बार बारिश ने दिल तोड़ा। लेकिन आज बारिश ने नहीं रोका, बल्कि इंतजार करवाया। जब टॉस हुआ और भारत ने बॉल करने का फैसला किया, तो मैंने समझ लिया कि ये टीम अब खेलने के लिए नहीं, बल्कि इतिहास बनाने के लिए आई है। शफाली की पारी ने तो सबको चौंका दिया। उसके बाद के बल्लेबाजों ने भी अच्छा खेला। लेकिन जब दक्षिण अफ्रीका ने शुरुआत की, तो मैंने सोचा, अब तो जीत भारत के हाथ में है। फिर बारिश ने फिर से आकर दिल तोड़ दिया। लेकिन ये नहीं हारना है, ये तो जीत का इंतजार है। अगर ये मैच दो दिन में पूरा होगा, तो भारत की टीम को बस एक दिन का आराम चाहिए। वो लड़कियां इतना दिल लगाकर खेल रही हैं कि अगर वो जीत गईं, तो ये ट्रॉफी सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि हर भारतीय लड़की की होगी।
Akshay Srivastava
नवंबर 6, 2025 AT 22:39बारिश का नियम तो डैकवर्थ-लुईस-स्टर्न है, लेकिन इस फाइनल में नियम तो इंसानी इच्छा का है। भारत ने 298 बनाए, जो एक विश्व कप फाइनल में अत्यधिक उच्च स्तर का स्कोर है। दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत 7/0 थी, जो इस टीम के लिए एक अत्यंत सकारात्मक शुरुआत थी। लेकिन जब बारिश ने दोबारा शुरू हो दिया, तो यह निर्णय लेना अत्यंत कठिन हो गया। अगर मैच रद्द हुआ, तो भारत को ट्रॉफी मिलनी चाहिए, क्योंकि उनकी विजय दर 87.5% है, जबकि दक्षिण अफ्रीका की केवल 71.4% है। यह एक गणितीय तथ्य है। लेकिन इतिहास कभी गणित नहीं बनता। इतिहास भावनाओं का निर्माण होता है। और आज का दिन भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक भावनात्मक चरमोत्कर्ष है।