भारत पुरुष क्रिकेट टीम के नए गेंदबाजी कोच बने मॉर्न मोर्कल

भारत पुरुष क्रिकेट टीम के नए गेंदबाजी कोच बने मॉर्न मोर्कल
भारतीय क्रिकेट की दुनिया में एक बड़ा बदलाव आया है क्योंकि दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज मॉर्न मोर्कल को भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम का नया गेंदबाजी कोच नियुक्त किया गया है। बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने इस खबर की पुष्टि की है। मोर्कल का कार्यकाल 1 सितंबर से शुरू होगा और उनकी पहली जिम्मेदारी बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज होगी, जो 19 सितंबर से चेन्नई में शुरू होने वाली है।
मॉर्न मोर्कल का क्रिकेटिंग करियर किसी परिचय का मोहताज नहीं है। अपने 12 साल के अंतर्राष्ट्रीय करियर में उन्होंने अपनी गति और स्विंग से बल्लेबाजों को परेशान किया है। अब, वह भारतीय गेंदबाजों को अपने अनुभव और कौशल से प्रशिक्षित करेंगे। उनके नियुक्ति का श्रेय काफी हद तक भारतीय टीम के नए हेड कोच गौतम गंभीर को जाता है, जिन्होंने पहले आईपीएल फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स में मोर्कल के साथ काम किया था। गंभीर ने ही लखनऊ सुपर जायंट्स के दौरान भी मोर्कल को गेंदबाजी कोच के रूप में शामिल किया था, जब वे वहां मेंटर के रूप में कार्यरत थे।
मॉर्न मोर्कल की नियुक्ति
मोर्कल के नियुक्ति के बारे में बात करते हुए, बीसीसीआई के अधिकारियों ने बताया कि एक समय पर टीम के सपोर्ट स्टाफ में ज्यादा विदेशी चेहरे रखने को लेकर चिंताएँ थीं, लेकिन गंभीर के सुझाव के बाद मोर्कल को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। यह निर्णय भारतीय टीम के गेंदबाजी विभाग को मजबूती प्रदान करने के लिए लिया गया है। मोर्कल का अनुभव और उनके सलाहकार के रूप में पिछला कार्यकाल टीम के युवा गेंदबाजों के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकता है।
मॉर्न मोर्कल का करियर
मोर्कल का अंतर्राष्ट्रीय करियर उनके तेज और सटीक गेंदबाजी के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने करियर में कुल 309 टेस्ट विकेट और 188 वनडे विकेट्स लिए हैं। उन्होंने भी विभिन्न टीमों के साथ बतौर सलाहकार और कोच काम किया है। भारत के अलावा, वे पाकिस्तान, न्यूज़ीलैंड की महिला टीम और नामीबिया जैसी टीमों के लिए भी कोचिंग कर चुके हैं।
पहले कार्यकाल की तैयारी
मोर्कल 10 सितंबर से शुरू होने वाले एक सप्ताह लंबे तैयारी शिविर में टीम के साथ जुड़ेंगे। यह शिविर चेन्नई में आयोजित किया जाएगा और बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज की तैयारी को ध्यान में रखते हुए होगा।
गंभीर इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि मॉर्न मोर्कल की कोचिंग से भारतीय गेंदबाजी आक्रमण में नई ऊर्जा और रणनीतिक विविधता आएगी। उनका मानना है कि मोर्कल की तेज गेंदबाजी तकनीक और उनके व्यापक अनुभव का सीधा फायदा भारतीय टीम को मिलेगा।
आगामी चुनौतियाँ और संभावनाएँ
बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज के बाद मोर्कल की अगली बड़ी चुनौती ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज होगी। यह सीरीज भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की परीक्षा होगी और मोर्कल की कोचिंग का प्रभाव देखने का एक अच्छा अवसर भी।
यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे मॉर्न मोर्कल भारतीय गेंदबाजों को उनके करियर के ऊंचे स्तर पर ले जाने में मदद करते हैं और भारतीय क्रिकेट टीम को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाते हैं।
मॉर्न मोर्कल की नियुक्ति भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और उनके अनुभव और यहाँ तक के सफर को देखते हुए, इस कदम से भारतीय टीम को काफी लाभ होगा।
Vishwas Chaudhary
अगस्त 14, 2024 AT 23:38विदेशी कोच को लेकर बकवास छोड़ो भारत की गेंदबाजी खुद ही संभाल लेगी। मोर्कल जैसे लोग हमारे असली टैलेंट को धूमिल कर देंगे।
Rahul kumar
अगस्त 23, 2024 AT 02:05अरे यार मोर्कल को हटा दे तो बैनर उठेगा यही नहीं बस हमारे युवा बाउलर्स को वैश्विक अनुभव मिलेगा। एलीट कोच से सपोर्ट मिलना लाजिम है।
indra adhi teknik
अगस्त 31, 2024 AT 04:31मॉर्न मोर्कल का चयन भारतीय गेंदबाजों के विकास के लिए एक सकारात्मक कदम है। उनका अंतरराष्ट्रीय अनुभव युवा बाउलर्स को नई तकनीकें सिखाने में उपयोगी होगा। भारत की तेज़ पिचों पर उनकी स्विंग और गति की समझ मददगार सिद्ध होगी। मोर्कल ने पहले भी विभिन्न देशों की टीमों को कोचिंग दी है जिससे उनका दृष्टिकोण व्यापक है। यह विविधता भारतीय टीम को विभिन्न परिस्थितियों में अनुकूलन क्षमता प्रदान करेगी। विशेष रूप से बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में तेज़ और स्विंग दोनों का मिश्रण आवश्यक है। मोर्कल की ट्रेनिंग से गेंदबाजों को अपने ट्रेड पर फोकस करने का मौका मिलेगा। इसके अलावा माइंडसेट को भी मजबूत किया जाएगा जिससे दबाव में बेहतर प्रदर्शन होगा। उन्होंने पहले न्यूज़ीलैंड की महिला टीम को बॉलिंग में सुधार करने में मदद की थी। इस अनुभव से उन्हें महिलाओं और पुरुषों दोनों के साथ काम करने की समझ मिली है। भारत की मौजूदा बाउलर्स जैसे कुमारी, मोहम्मद शमी, और रविचंद्रन अश्विन को भी इस सहयोग से लाभ होगा। मोर्कल का लक्ष्य केवल फिजिकल ट्रीनिंग नहीं बल्कि स्ट्रैटेजिक प्लानिंग भी है। वह बैट्समैन के खिलाफ विभिन्न प्लान बनाकर गेंदबाजों को सटीक दिशा-निर्देश देंगे। टीम के कैप्टन और कोच के साथ मिलकर वह व्यक्तिगत फीडबैक प्रणाली स्थापित करेंगे। यह सिस्टम खिलाड़ियों को उनके कंसिस्टेंट प्रदर्शन के लिए प्रेरित करेगा। अंत में, मोर्कल की कोचिंग से भारतीय गेंदबाजी में नई ऊर्जा और विविधता आएगी।
Kishan Kishan
सितंबर 8, 2024 AT 06:58वाह, क्या शानदार विश्लेषण है! लेकिन क्या आप नहीं सोचते कि मोर्कल की शैली भारतीय पिचों के साथ पूरी तरह फिट नहीं होगी? कवरेज में थोड़ा ज्यादा विदेशीपन दिख रहा है, है ना? फिर भी, कोचिंग का काम केवल तकनीक नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक समर्थन भी है-और इसमें शायद कुछ कमी रह जाएगी।
richa dhawan
सितंबर 16, 2024 AT 09:25इसकोयच को देखो, बीसीसीआई ने पीछे से एक बड़े षड्यंत्र को छुपाया है। विदेशी कोच को लाने का असली मकसद भारत की घरेलू टैलेंट को धुंधला करना है, ताकि विदेशी निवेश बढ़े। मोर्कल को सिर्फ एक मुंहौला समझो, असली शक्ति अपने पावर प्ले में है।
Balaji S
सितंबर 24, 2024 AT 11:51आपके बिंदु को समझते हुए, यह कहना उचित होगा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग अक्सर दो‑तरफा लाभ लाता है। मोर्कल का अनुभव भारत की बॉलिंग स्ट्रैटेजी को विविधता प्रदान कर सकता है, जबकि भारतीय खिलाड़ी उनके तकनीकी ज्ञान से सीख सकते हैं। इस पहल को केवल षड्यंत्र नहीं, बल्कि विकास की दिशा में एक कदम के रूप में देखना चाहिए।
Alia Singh
अक्तूबर 2, 2024 AT 14:18मॉर्न मोर्कल के नियुक्ति से भारतीय गेंदबाजी को नई दिशा मिलने की संभावना है; यह कदम अत्यंत शुभ है। उनका विस्तृत अंतरराष्ट्रीय अनुभव टीम को विभिन्न परिस्थितियों में अनुकूलित करने में मदद करेगा। राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रकार का कदम हमारे क्रिकेट के भविष्य के लिये लाभदायक सिद्ध होगा।
Purnima Nath
अक्तूबर 10, 2024 AT 16:45जी हाँ, इस मौके को पूरी ताकत से इस्तेमाल करना चाहिए। मोर्कल की ट्रेनिंग से युवा बाउलर्स को नए आयाम मिलेंगे। उम्मीद है कि जल्द ही परिणाम दिखेंगे।
Rahuk Kumar
अक्तूबर 18, 2024 AT 19:11मोर्कल का चयन केवल एक शैलीगत बदलाव नहीं, बल्कि रणनीतिक सुदृढ़ीकरण को दर्शाता है।
Deepak Kumar
अक्तूबर 26, 2024 AT 21:38समझ गया, इस बदलाव से टीम को नई संभावनाएँ मिलेंगी।
Chaitanya Sharma
नवंबर 4, 2024 AT 00:05मॉर्न मोर्कल का अनुभव भारतीय गेंदबाजों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उनके पास कई अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में सफल होने का रिकॉर्ड है, जिससे भारतीय टीम को रणनीतिक लाभ मिलेगा। यह नियुक्ति टीम के भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है, और हमें इस पर भरोसा रखना चाहिए।
Riddhi Kalantre
नवंबर 12, 2024 AT 02:31बिलकुल, हमारे पास अपनी प्रतिभा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाने से हम और भी बेहतर बनेंगे। मोर्कल जैसे कोच हमारे खिलाड़ियों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने में मदद करेंगे।
Jyoti Kale
नवंबर 20, 2024 AT 04:58विदेशी कोच को लाना टीम की आत्मनिर्भरता को कम करता है और विदेशी प्रभाव को बढ़ाता है।
Ratna Az-Zahra
नवंबर 28, 2024 AT 07:25इस दृष्टिकोण से विकास संभव है।