अडानी विल्मार जॉइंट वेंचर से अडानी एंटरप्राइजेज का पूर्ण निकास: रणनीतिक पुनर्गठन और कोर व्यापार में निवेश

अडानी विल्मार जॉइंट वेंचर से अडानी एंटरप्राइजेज का पूर्ण निकास: रणनीतिक पुनर्गठन और कोर व्यापार में निवेश दिस॰, 31 2024

अडानी विल्मार से अडानी एंटरप्राइजेज की पूर्ण निकासी

भारत के प्रमुख औद्योगिक समूह अडानी ग्रुप ने अपने व्यापारिक पोर्टफोलियो को पुनः संरचित करने का घोषणा किया है। इस निर्णय के अंतर्गत, अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) ने अपने जॉइंट वेंचर अडानी विल्मार लिमिटेड (एडब्ल्यूएल) से पूरी तरह से हटने का फैसला लिया है। एईएल का यह कदम समूह की रणनीति का हिस्सा है, जिसमें पोर्टफोलियो को संक्षिप्त कर मुख्य व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है।

जॉइंट वेंचर से निकासी का कारण

अडानी एंटरप्राइजेज की यह प्रमुख वित्तीय गतिविधि समूह की लंबी अवधि की व्यापार योजनाओं को और सुनिश्चित करती है। यह निर्णय रणनीतिक है और समूह द्वारा आवश्यक धन जुटाने के लिए है जिसकी मदद से ऊर्जा, यातायात, और अन्य मुख्य उद्योगों में निवेश बढ़ाया जाएगा। यह निर्णय अडानी ग्रुप के भविष्य के विकास को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिसमें उच्च-मूल्य वाले संसाधनों में निवेश को प्राथमिकता दी जाएगी।

इस बिक्री के तहत, अडानी कमोडिटीज एलएलपी (ACL) जो कि एईएल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, Lence Pte. Ltd. के साथ एक निश्चित समझौता कर चुका है। यह कदम Wilmar इंटरनेशनल लिमिटेड की सहायक कंपनी के लिए सभी पेड-अप इक्विटी शेयरों का अधिग्रहण करता है, जो ACL द्वारा 31.06% एडब्ल्यूएल की मौजूदा इक्विटी शेयरपूंजी के तहत होल्ड किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, एईएल अपने 13% इक्विटी के और भी हिस्से बेचकर सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंडों का पालन करेगा।

वित्तीय लाभ और निकट भविष्य की योजनाएं

इस विक्रय प्रक्रिया से अडानी एंटरप्राइजेज को $2 बिलियन से ज्यादा वित्तीय लाभ होगा, जो समूह की ऊर्जा और परिवहन इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में तेजी से निवेश के लिए उपयोग किया जाएगा। यह सौदा उनके कोर व्यापार क्षेत्रों जैसे ऊर्जा और उपयोगिता, यातायात और अन्य प्राथमिक उद्योगों में निवेश को तीव्र करेगा। अडानी विल्मार, जो कि देश की सबसे बड़ी खाद्य कंपनी है, के 15 शहरों में 24 कारखाने हैं और 10,000 से अधिक वितरकों का मजबूत नेटवर्क है, जो 30 से ज्यादा देशों में निर्यात करता है।

समझौते की शर्तें और आगामी कदम

यह समझौता कई शर्तों पर आधारित है जिनमें नियामकीय अनुमोदनों की प्राप्ति शामिल है। समझौते के उपरांत अडानी विल्मार की बोर्ड से अडानी के प्रतिनिधि निदेशकों का इस्तीफा और कंपनी का नाम परिवर्तन भी शामिल है। यह कदम अमेरिका के न्याय विभाग द्वारा नवंबर महीने में लगाए गए आरोपों के बाद अडानी समूह का सबसे बड़ा कदम है और इससे वैश्विक निवेशकों के बीच अडानी के प्रति एक निर्भीक छवि बनाने में सहायता मिलेगी।

अंततः, यह फैसला अडानी ग्रुप के व्यापक व्यापारिक लक्ष्यों को मदद करेगा, जिससे समूह न केवल भारत में बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति और मजबूती को और बढ़ा सके।