2024 पेरिस ओलंपिक: पीवी सिंधु की जोरदार शुरुआत, फातिमा अब्दुल रज़्ज़ाक के खिलाफ शानदार जीत
जुल॰, 29 2024पीवी सिंधु की कमाल की जीत
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता भारतीय शटलर पीवी सिंधु ने पेरिस ओलंपिक 2024 में अपने अभियान की धमाकेदार शुरुआत की है। महिला सिंगल्स के ग्रुप स्टेज मुकाबले में उन्होंने मालदीव की फातिमा अब्दुल रज़्ज़ाक को सीधे गेमों में हराकर अपनी शक्ति और अनुभव का अद्भुत प्रदर्शन किया। सिंधु ने इस मुकाबले को केवल 29 मिनट में समाप्त कर दिया, जिसमें उन्होंने 21-9, 21-6 के स्कोर से बड़ी जीत हासिल की।
पहले गेम में सिंधु की मजबूती
पहले गेम की शुरुआत में सिंधु ने कुछ मामूली गलतियाँ कीं, लेकिन जल्दी ही उन्होंने अपनी लय पाई और 11-4 की बढ़त बना ली। यह गेम केवल 13 मिनट में समाप्त हुआ, जिसमें सिंधु ने अपनी उत्कृष्टता को साबित किया।
दूसरे गेम में भी दबदबा
दूसरे गेम में भी सिंधु ने शानदार प्रदर्शन किया और शुरुआती चार पॉइंट्स हासिल किए। हालांकि रज़्ज़ाक ने कुछ समय के लिए स्कोर को 3-4 तक पहुँचा दिया, लेकिन सिंधु ने बाद में एक बार फिर से बढ़त बनाई और स्कोर 10-3 तक पहुँच गया। सिंधु, जो इस समय विश्व रैंकिंग में 13वें स्थान पर हैं और इस प्रतियोगिता में 10वीं वरीयता प्राप्त हैं, ने केवल एक मैच पॉइंट का इस्तेमाल कर यह मैच अपने नाम कर लिया।
ओलंपिक में तीसरे पदक की ओर
सिंधु पहले ही दो ओलंपिक पदक जीत चुकी हैं- 2016 के रियो ओलंपिक में रजत और 2020 के टोक्यो ओलंपिक में कांस्य। अब वह तीसरे ओलंपिक पदक के लिए प्रयास कर रही हैं। अपने पहले मैच में प्रभावशाली जीत के बाद, सिंधु के फैंस को उनसे और भी अधिक उम्मीदें हैं।
आगे की चुनौती
अब सिंधु का मुकाबला एस्टोनिया की विश्व नंबर 75 खिलाड़ी क्रिस्टिन कुबा के साथ बुधवार को होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इस मुकाबले में कैसा प्रदर्शन करती हैं। सम्पूर्ण देश की निगाहें इस मैच पर टिकी हुई हैं, और सभी को उम्मीद है कि सिंधु अपने शानदार प्रदर्शन से एक और जीत दर्ज करेंगी।
पीवी सिंधु की यह जीत न केवल उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय बैडमिंटन के लिए भी गर्व का विषय है। उनकी सफलता युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत है, और उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया है कि मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
भविष्य की योजना
आने वाले मुकाबले भी बहुत महत्वपूर्ण होंगे, खासकर उन प्रतिद्वंदवादियों के खिलाफ जिनके पास अधिक अनुभव और रैंकिंग है। सिंधु अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार कर रही हैं, और उनकी तैयारी और रणनीति का स्तर उच्चतम है। वह भारतीय बैडमिंटन के लिए एक आदर्श हैं, और हर जीत उनके अनुभव और कौशल को और भी मजबूती प्रदान करती है।