2024 लोक सभा चुनाव: 543 सीटों के विजेताओं की पूरी सूची

2024 लोक सभा चुनाव: 543 सीटों के विजेताओं की पूरी सूची सित॰, 27 2025

चुनाव प्रक्रिया और चरण

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और VVPAT के संयोजन से 2024 के लोक सभा चुनाव 2024 को भारत ने सात चरणों में आयोजित किया। पहला चरण 19 अप्रैल को 102 निर्वाचन क्षेत्रों में हुआ, इसके बाद 26 अप्रैल को 89, 7 मई को 94, 13 मई को 96, 20 मई को 49, 25 मई को 57 और अन्तिम चरण 1 जून को शेष 57 क्षेत्रों में तय हुआ। चुनाव आयोग ने सभी चरणों में सुरक्षा, कण्ट्रोल और रूटीन चेक‑पॉइंट्स को कड़ाई से लागू किया, जिससे मतदान बिना बड़ी रुकावट के समाप्त हो सका।

जैसा कि पिछले चुनावों में देखा गया, मतदाताओं की उत्सुकता को बढ़ाने के लिए विभिन्न राज्य‑स्तर पर सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई। कई रूरल और शहरी क्षेत्रों में मतदान केंद्रों की संख्या दुगनी कर दी गई, ताकि लंबी कतारों से बचा जा सके। इलेक्ट्रॉनिक मतगणना की प्रक्रिया ने परिणामों को तेज़ी से गिनने में मदद की, जिससे वोट की गिनती के बाद कुछ ही घंटों में अधिकांश सीटों के विजेताओं की घोषणा हो सکی।

मुख्य परिणाम और विश्लेषण

मुख्य परिणाम और विश्लेषण

वोटों के पश्चात् प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में अलग‑अलग पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। कुल 543 सीटों में सबसे अधिक जीत भाजपा ने की, जबकि कांग्रेस, एसपी, जडपा, तथा एआईटीसी जैसी क्षेत्रीय पार्टियों ने भी महत्वपूर्ण जीत दर्ज की। नीचे प्रमुख राज्यों की वोटर टर्नआउट और कुछ उल्लेखनीय जीतों का सारांश दिया गया है:

  • उत्कृष्ट टर्नआउट वाले राज्य:
    • असम – 81.87% (20,118,166 मतदाता)
    • आंध्र प्रदेश – 81.78% (33,858,957 मतदाता)
    • अरुणाचल प्रदेश – 81.07% (728,393 मतदाता)
    • छत्तीसगढ़ – 72.94% (6,124,587 मतदाता)
    • झारखंड – 71.45% (9,830,121 मतदाता)
  • न्यूनतम टर्नआउट वाले राज्य:
    • बिहार – 56.28% (43,480,859 मतदाता)
    • उड़ीसा – 58.32% (2,561,834 मतदाता)
    • तमिलनाडु – 59.12% (2,825,447 मतदाता)

कई उम्मीदवारों की वित्तीय स्थिति ने भी ध्यान खींचा। कुछ प्रमुख विजेताओं की सम्पत्ति सूची इस प्रकार है:

  1. पूणम बेन हेमतभाई मंदा (जमनगर, भाजपा) – ₹147 करोड़ से अधिक
  2. खालिदुर रहमान (जँगिपुर, एआईटीसी) – लगभग ₹51 करोड़
  3. बाबू सिंह कुशवाहा (जौनपुर, सपा) – ₹20 करोड़, साथ ही 25 आपराधिक मामलों में शामिल

शिक्षा के स्तर में भी विविधता देखी गई। कई विजेताओं ने स्नातक या स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की, जबकि कुछ ने शुरुआती स्कूल के स्तर की पढ़ाई पूरी की थी। यह दर्शाता है कि भारतीय लोकतंत्र में प्रत्याशी की शैक्षिक पृष्ठभूमि से लेकर संपत्ति तक, सभी वर्गों से लोग प्रतिस्पर्धा में भाग ले रहे हैं।

छोटे या स्वतंत्र दलों ने भी चुनाव में हिस्सा लिया, लेकिन उनके मत प्रतिशत काफी कम रहे। जाई हिंद पार्टी, नादालुम मक्कल कच्ची, स्वतंत्रता अभिव्यक्ति पार्टी जैसी छोटी पार्टियों ने कुछ ही सीटों में ही दो-तीन प्रतिशत वोट हासिल किया। इस तथ्य ने यह स्पष्ट किया कि बड़े गठबंधन अभी भी भारतीय राजनीति में प्रमुख प्रभाव रखते हैं।

समग्र रूप से यह चुनाव विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक अभ्यास बना रहा। 91 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाताओं में से लगभग 75 % ने मतदान किया, जिससे भारत की लोकतांत्रिक परिपक्वता का स्तर स्पष्ट हुआ। परिणामस्वरूप 18वें लोक सभा के सदस्य चुने गए, जो आगे के पाँच साल के भीतर केन्द्र सरकार की नीति‑निर्धारण और राष्ट्रीय दिशा तय करेंगे।

16 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Purnima Nath

    सितंबर 27, 2025 AT 07:12

    वोटिंग का जोश देखकर दिल भर आया! हमारी जनसंख्या की शक्ति अब संसद में दिख रही है। हर बूंद मत भी देश के भविष्य को रंग देगी। चलिए इस ऊर्जा को आगे भी बनाये रखें!

  • Image placeholder

    Rahuk Kumar

    अक्तूबर 3, 2025 AT 00:48

    वर्तमान मतदान पैटर्न में बहुपक्षीय गतिशीलता सिद्ध हुई। संरचनात्मक रूप से व्यापारी वर्ग की प्रदर्शनशीलता स्पष्ट है।

  • Image placeholder

    Deepak Kumar

    अक्तूबर 8, 2025 AT 18:24

    चुनाव में विविध सामाजिक वर्गों ने भाग लिया, यही लोकतंत्र की सच्ची शक्ति है। सबको साथ लेकर चलना ही विकास का मूल मंत्र है।

  • Image placeholder

    Chaitanya Sharma

    अक्तूबर 14, 2025 AT 12:00

    इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों ने गिनती को तेज़ बनाया, जिससे प्रारंभिक परिणाम शीघ्र उपलब्ध हुए। विभिन्न राज्यों में टर्नआउट के अंतर ने क्षेत्रीय राजनीति की जटिलताओं को उजागर किया। विशेषकर असम और आंध्र प्रदेश में 80% से अधिक मतदान सहभागिता ने नागरिक जागरूकता को दर्शाया। वहीं बिहार में 56% की भागीदारी से सुधार की गुंजाइश स्पष्ट हुई। संपत्ति की विस्तृत सूची से यह स्पष्ट होता है कि आर्थिक शक्ति अभी भी राजनीतिक प्रभाव को बढ़ावा देती है। भविष्य में निवेश, शिक्षा और सामाजिक समानता को संतुलित करने के लिए नीति निर्माताओं को इन आँकड़ों को केंद्र में रखना चाहिए।

  • Image placeholder

    Riddhi Kalantre

    अक्तूबर 20, 2025 AT 05:36

    देश की एकता ही हमारी सबसे बड़ी जीत है।

  • Image placeholder

    Jyoti Kale

    अक्तूबर 25, 2025 AT 23:12

    ऐसे उम्मीदवारों की असामान्य संपत्ति से सवाल उठता है कि जनता की सेवा उनके निजी लाभ से ऊपर है। उच्च संपत्ति पर विजय साधना लोकतांत्रिक नैतिकता को कमजोर कर देती है। हमें प्रतिबंधात्मक उपायों की आवश्यकता है।

  • Image placeholder

    Ratna Az-Zahra

    अक्तूबर 31, 2025 AT 15:48

    चुनाव के आँकड़े सामाजिक परिवर्तन को प्रतिबिंबित करते हैं, फिर भी कई क्षेत्रों में विकास की मांग अनकही बनी हुई है। यह डेटा नीति निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है।

  • Image placeholder

    Nayana Borgohain

    नवंबर 6, 2025 AT 09:24

    हर वोट एक धड़कन है, जीवन का सार है 😊 चुनाव हमारे अस्तित्व की गहराई को छूता है।

  • Image placeholder

    Shivangi Mishra

    नवंबर 12, 2025 AT 03:00

    हमारी आवाज़ें यदि दब जाएँ तो लोकतंत्र का स्वर खो जाएगा! इसलिए हर नागरिक को अपनी शक्ति प्रयोग करनी चाहिए।

  • Image placeholder

    ahmad Suhari hari

    नवंबर 17, 2025 AT 20:36

    वोटिंग प्रक्रियाए में प्रयुक्त प्रौ़द्योगीकी ने गणना समय को न्यूनतम किया है। तथापि, परिणामों की वैधता को सुनिश्चित करने हेतु अतिरिक्त निरीक्षण आवश्यक है।

  • Image placeholder

    shobhit lal

    नवंबर 23, 2025 AT 14:12

    सभी को पता है कि ईवीएम के साथ VVPAT का प्रयोग भरोसे को बढ़ाता है, परन्तु यह प्रणाली पूरी तरह सुरक्षित है या नहीं, इस पर बहस अभी जारी है।

  • Image placeholder

    suji kumar

    नवंबर 29, 2025 AT 05:01

    2024 के लोक सभा चुनाव ने भारतीय लोकतंत्र की विशालता और विविधता को फिर से एकत्रित किया।
    सात चरणों में आयोजित यह मतदान प्रक्रिया न केवल लॉजिस्टिक क्षमता का प्रमाण थी, बल्कि जनमत के सटीक प्रतिबिंब को भी दर्शाती थी।
    प्रत्येक चरण में सुरक्षा उपायों को कड़ी निगरानी में रखा गया, जिससे मतदान स्थल में शांति और व्यवस्था बना रहे।
    इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के प्रयोग ने कागज़ी कागज़ को हटाकर गिनती को बहुत तेज़ किया, जिससे परिणाम जल्द ही घोषित हो सके।
    VVPAT के साथ संयोजन ने पारदर्शिता को बढ़ाया, जिससे मतदाता अपने मतदान की पुष्टि कर सके।
    उच्च टर्नआउट वाले राज्य जैसे असम और आंध्र प्रदेश ने 80% से अधिक भागीदारी दिखाई, जिसने नागरिक चेतना की प्रगति को उजागर किया।
    विपरीत रूप से, बिहार जैसे राज्य में 56% भागीदारी दर्शाती है कि अभी भी मतदाता जागरूकता में अंतर है।
    प्रमुख विजेताओं की संपत्ति की सूची ने आर्थिक शक्ति और राजनीतिक प्रभाव के जटिल संबंध को फिर से सामने लाया।
    वित्तीय स्थिति के विविधता ने यह स्पष्ट किया कि लोकतंत्र में विभिन्न वर्गों के लोग प्रतिस्पर्धा में भाग ले रहे हैं।
    शिक्षा स्तर में विविधता यह दर्शाती है कि शैक्षणिक पृष्ठभूमि के बिना भी लोगों की भागीदारी संभव है।
    छोटे दलों की सीमित वोट प्रतिशत यह बताती है कि राष्ट्रीय गठबंधन अभी भी प्रमुख हैं, परन्तु स्थानीय मुद्दों की आवाज़ भी अनदेखी नहीं होनी चाहिए।
    इन सभी आँकड़ों का विश्लेषण नीति निर्माताओं को सामाजिक विकास, आर्थिक न्याय और शिक्षा के क्षेत्र में दिशा निर्देश प्रदान कर सकता है।
    आगे के पाँच वर्षों में यह संसद देश की दिशा तय करेगी, इसलिए प्रत्येक प्रतिनिधि की जिम्मेदारी अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है।
    भविष्य के चुनावों में तकनीकी उन्नति, मतदान सुविधा और पारदर्शिता को और अधिक सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।
    अंत में, 75% मतदान दर ने दर्शाया कि भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रिया जीवंत और सशक्त बनी हुई है।

  • Image placeholder

    Ajeet Kaur Chadha

    दिसंबर 5, 2025 AT 01:24

    ओह वाह! फिर से वही पुराने चेहरे, वही पुराने वादे, और फिर भी मीडिया इसे नया समाचार बना रहा है। आप देखिए, कैसे चुनावों का आनंद राजनीति का नाटक बन गया है।

  • Image placeholder

    Vishwas Chaudhary

    दिसंबर 10, 2025 AT 19:00

    देश की सुरक्षा के लिए सशक्त नेतृत्व आवश्यक है और यही चुनाव ने हमें दिखाया है।

  • Image placeholder

    Rahul kumar

    दिसंबर 16, 2025 AT 12:36

    जब सभी जीत की बात कर रहे हैं, मैं कहूँगा कि हमें विपक्षी आवाज़ों की भी जरूरत है ताकि संतुलन बना रहे।

  • Image placeholder

    indra adhi teknik

    दिसंबर 22, 2025 AT 06:12

    यह डेटा नीति निर्माताओं को ग्रामीण विकास और शहरी बुनियादी ढांचे पर फोकस करने में मदद करेगा।

एक टिप्पणी लिखें